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26.12.10

सी बी आई केंद्र सरकार के हाथ का खिलौना

देश में सभी भ्रष्ट और अपराधियों को सबक सिखाने वाली एक मात्र संस्था सी बी आई केंद्र सरकार के हाथों का खिलौना बन गयी हे क्या भाजपा क्या कोंग्रेस और क्या जनता दल सभी पर कहीं न कहीं सी बी आई के दुरूपयोग के आरोप लगे हें और इसीलियें सी बी आई संस्था के निदेशक पद पर वफादार आदमियों की पदोन्नति की कोशिश की जाती हे वोह तो भला हो के कुछ मामलों में हाईकोर्ट की दखल अंदाजी से सी बी आई की कार्यप्रणाली मजबूत रही हे लेकिन एडरसन, बोफोर्स से लेकर छोटे बढे सभी मामलों में सरकार के हाथ में ही सी बी आई की चाबी रही हे ।
हाल ही में इस बात का सबूत सी बी आई के पूर्व निदेशकों ने अपनी प्रकाशित पुस्तकों में किया हे मेरा मानना हे के ऐसे सभी अधिकारी जो अपने पदों पर बने रहने के लियें सरकार के सभी दबाव झेलकर पद बनाये रखने के लियें चुप रहते हें चुप रहकर अपराध में शामिल रहते हें और फिर नो सो चूहे खाकर बिल्ली हज को चली की तर्ज़ पर खुद को बेदाग़ और दबंग साबित करने की होड़ में किताबें लिख कर मिडिया में खबरें बनवाते हें मिडिया भी उनमें से किसी से यह सवाल नहीं करता के जब उन पर दबाव था तो उन्होंने इस्तीफा देकर इस सरकारी अपराध को जनता तक क्यूँ नहीं पहुंचाया । पूर्व सी बीआई निदेशकों ने शायद खुद के द्वारा नोकरी पर चढने के पहले ली जाने वाली शपथ का कानून नहीं पढ़ा जिसमें नोकरी के दोरान जो भी कार्य किये गये हें उस मामले की कोई जानकारी किसी भी सुरत में सार्वजनिक नहीं की जाएगी और वेसे भी यह सब ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के प्रावधानों के तहत दंडात्मक अपराध हे पहले तो ऐसे लोग जो नोकरी के दोरान समझोते करते हें महत्वपूर्ण पदों पर जाते हे जो सरकार कहती हे वोह करते हें और अगर सरकार गलत कहती हे तो ऐसे बेईमान नेताओं के नाम यह अधिकारी जनता तक नहीं पहुंचाते हे फिर पद मुक्त होने और सरकार चले जाने के बाद बिना दस्तावेजी रिकोर्ड की बातों को अहमियत देकर किताबें लिख कर झूंठी प्रसिद्धि और रुपया कमाते हें ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होना चाहिए और उन्हें भी जेल का रास्ता दिखाना चाहिए ताकि कुर्सी और पद पर रहते ही ऐसे अधिकारी सरकार या किसी भी नेता के दबाव का सार्वजनिक विरोध करें और सरकार का सच जनता के सामने आये तभी यह देश में बेठे नेताओं को बेनकाब कर सकेंगे ।
अब हम बात करते हें सरकारी एजेंसियों पर सरकार के दबाव की तो सब जानते हें को आई बी जो देश के आतंकवाद की खबरें और दूसरी खबरें देश के लोगों को देने के लियें वचन बद्ध हे उनसे विपक्ष के नेताओं और अधिकारीयों की जासूसी करवाई जाती हे और फिर जब भी यह लगो सरकार से जाते हें तो कार्यभार देने के पहले लाखों फाइलें नष्ट करके जाते हें मिडिया सरकार के इस सच को खूब अच्छी तरह जनता हे लेकिन कभी भी मिडिया ने इस मामले में कोई स्टिंग ओपरेशन नहीं किया अभी राडिया मामले में मिडिया की भूमिका सब देख चुके हें कोन कितना नंगा हे जनता सब जानती हे लेकिन सी बी आई की स्वायत्त के लियें प्रधानमन्त्री और विपक्ष के नेता के अलावा सुप्रीम कोर्ट के जज की सदस्यता वाली एक समिति बनना चाहिए जो कम से कम ६ माह में सी बी आई की कारगुजारियों और अनुसन्धान की समीक्षा करें सी बी आई को आने वाली दिक्कतों का ध्यान रखे और अधिकारीयों के प्रमोशन एवार्ड रिवार्ड के मामले में बिना पक्षपात के कार्यवाही हो तो सी बी आई काफी हद तक चरित्रवान बन सकेगी और निष्पक्ष कार्यवाही की भी उम्मीद रहेगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में आम आदमी के अधिकार सुरक्षित नहीं , कानून नाम की चीज़ नहीं हे यहाँ

दोस्तों यह मेरा राजस्थान हे यहाँ जब भाजपा सरकार थी और गुर्जरों ने आन्दोलन कर जनता की सुख शांति तहस नहस की थी तब मेने और मेरे जेसे ना जाने कितने कोंग्रेसियों ने भाजपा सरकार को निकम्मी नाकारा कहते हुए विधि विधान के प्रावधान के तहत सरकार को बर्खास्त करने की मांग तक कर डाली थी , में कोंग्रेसी था मेने भाजपा को हराने और कोंग्रेस को सत्ता में लाने का प्रयास किया और में ,मेरे साथी इस मामले में सफल भी हुए लेकिन आज करीब एक सप्ताह से राजस्थान में कहीं कानून नाम की चीज़ नहीं हें य्हना जंगल कानून लागू हे और जिसकी लाठी उसी की भेंस की तर्ज़ पर गुर्जर भाइयों ने उत्पात मचाया हे कानून तोडा हे और सरकार हे के हथाजोड़ी में लगी हे , यकीन मानिए रेलवे स्टेशन पर बस स्टेंड पर घर और दफ्तरों में आम आदमी के चेहरे पर यह खोफ देख कर मेरे अंदर का कोंग्रेसी मर गया और अब मेरे में एक आम इंसान आम हिन्दुस्तानी जाग गया हे ।
मेरे अंदर जब आम हिन्दुस्तानी जागा हे तो मेने पाया हे के राजस्थान में पहले भी गुर्जर भाइयों ने विधि विरुद्ध जमाव कर राजस्थान में कानून व्यवस्था ठप्प की थी और फिर इसी राजस्थान में कोंग्रेस सरकार की लापरवाही के चलते गुर्जरे भाई धीरे धीरे रेलवे ट्रेक हाइवे पर जमा हुए इनकी रसद , इनका खाना पीना सब इन लोगों ने अख्ट्टा किया और सभी कायदे कानून ताक में रख कर राजस्थान का सम्पर्क देश भर से कट दिया सरकार हे के करोड़ों रूपये प्रतिदिन का नुकसान उठा रही हे और इन लोगों को जो कानून तोड़ने के आदतन अपराधी हे हवा दे रही हे भगवान की तरह इनकी आरती कर रही हे आम जनता का इस माहोल में साँस लेना मुश्किल हे उसका सुख चेन आज़ादी छीन गयी हे जीना दुश्वार हो गया हे और जिस सरकार ने राजस्थान में अमन चेन कानून व्यवस्था बनाये रखने की शपथ ली थी आज उसी सरकार में खुलेआम कानून से गुर्जरों द्वारा बारी बारी से सामूहिक बलात्कार किया जा रहा हे । देश के सुप्रीम कोर्ट ने बंद , जाम और ऐसे कानूनी अवहेलना के मामलों में सरकार को सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हें देश में हजारों कानून ऐसी व्यवस्था से निपटने के बनाये गये हें जो लोग दूसरों की सुख शांति भंग करते हें उन्हें गिरफ्तार करने और उत्पात मचाने पर लाठी से खदेड़ने और अधिक जानलेवा उत्पात मचाने पर गोली तक मारने का कानून हे शुप्रिम कोर्ट ने तो हल ही में गुर्जरों के आन्दोलन के बाद उपजी स्थति के मामले में यहाँ तक कह दिया था के देश में कानून हे ऐसा आम जनता को लगना चाहिए और देश का प्रत्येक नागरिक अपने संवेधानिक अधिकारों को प्राप्त कर रहा हे सुरक्षित और आज़ाद हे यह सुनिश्चित करना सरकार का काम हे और जो सरकार ऐसा नहीं कर सके उस सरकार को संवेधानिक प्रावधानों के तहत बर्खास्त कर देना चाहिए लेकिन सरकार हे के वेंटिलेटर पर आम आदमी को चला रही हे । देश में संविधान के अनुच्छेद ३५४ से ३५८ में ऐसी स्थिति में जब किसी भी राज्य में कानून व्यवस्था छिन भिन्न हो जाए आम जनता के संवेधानिक अधिकार सुरक्षित नहीं रहे और सीधा कुछ गुंडों का गुंडा राज कायम हो जाये और सरकार उनसे निपटने की जगह उन्हें आश्रय देकर जनता के लिए और बड़ी परेशानी पैदा करे ऐसे में सरकार को भंग कर राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए आज पूरा देश पुरे देश का पक्ष विपक्ष और राष्ट्रपति , राज्यपाल जी मिडिया वाले सब राजस्थान की इस जनता की सुख शांति के साथ सामूहिक बलात्कार को रोज़ देख रहे हें और राजस्थान सरकार की जी हुजूरी ने तो सरकार की कानून व्यवस्था को तार तार कर दिया हे ऐसे में बस अब आप बताओ शासन अगर आपके पास हो तो हमारे राजस्थान की भोली भली जनता की इन हालातों में सरकार की नाकामी और कुछ लोगों के कानूनी बलात्कार से हमें केसे मुक्ति दिलवाई जा सकेगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बोलो कम सुनो ज्यादा

दोस्तों
आप सभी जानते हें
जब हम बोलते हें
तो हम वही बोलते हें
जो हमे पहले से पता होता हे
लेकिन सोचो जरा सोचो दोस्तों
जब हम
किसी दुसरे को
ख़ामोशी ,धेर्य और संयम से सुनते हें
उसे पढ़ते हें
तो फिर हमें वोह सब मिलता हे
जो नया एक दम नया होता हे
हमें उसके बारे में
पता नहीं होता हे
यही हमारे लियें
नई जानकारी हे
सो प्लीज़
मेरी बात पर
जरा गोर करना
हैप्पी गुड मोर्निंग ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देश के लियें कल का एक अफ़सोस नाक दिन

दोस्तों कल यानि शनिवार की २५ तारीख जब लोग क्रिसमस की एक दुसरे को बधाइयां दे रहे थे तब हमारे देश के वैज्ञानिक खून के आंसू रो रहे थे , जी हाँ दोस्तों दक्षिणी भारत में श्री हरिकोटा जहाँ से हमने आसमान को दुनिया को हर बार जीता ही जीता हे वहीं से जी एस एल विमान रोकेट की उडान असफल हो गयी और इस असफलता में देश के १२५ करोड़ रूपये का नुकसान हुआ ही सही साथ ही देश के वैज्ञानिक भी सदमे में आ गये ।
कल अपरान्ह हमारे देश के वैज्ञानिकों की सालों की महंत से करीब १२५ करोड़ रूपये खर्च कर बनाया गया जी एस एल वी सिक्स जो जी सेट पी ५ को साथ लेकर उडान भरने वाला था और यह २इ की जगह लेने वाला था वोह विमान कुछ देर के लियें उड़ा और पल भर में ही बर्बाद हो गया पूरी उड़ान असफल हो गयी हमारे वैज्ञानिक इस हादसे या यूँ कहिये इस असफलता को खामोश खड़े तकते रहे , यह विमान हमारे वैज्ञानिकों की वर्षों की महंत का नतीजा था और इस विमान से हमारे देश की संचार तकनीक और दूसरी व्यस्थाओं के साथ साथ देश के सफलतम वैज्ञानिकों का साहस और भावनाएं जुडी हुई थी अचानक इस हादसे से देश और वैज्ञानिक सदमें में हें और हमारे देश के लियें कल का दिन आसोस्नक साबित हुआ हे लेकिन दोस्तों और मेरे देश के वैज्ञानिकों गिरते वही हें जो शाह सवार होते हें वोह तिफ्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चला करते हें , इसलियें अभी हमें ,हमारे देश को हमारे देश के वैज्ञानिकों को हताश और निराश होने की जरूरत नहीं हें मशीनरी हे उसमें बुल्चुक या अकिसी भी तकनीकी कारणों से हादसा हो सकता हे हम फिर उठेंगे और फिर नया इससे बहतर इससे उपयोगी विमान रोकेट बनायेंगे ऐसी ही हमारी दुआ हे खुदा इस दुआ को जल्दी से पूरा करे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बालकों के अधिकार की किसी को क्या पढ़ी

भाइयों कल मेरे एक मित्र यज्ञदत्त हाडा जी का संदेश आया के आज कोटा प्रेस क्लब में बाल अधिकार और मिडिया विषय पर संगोष्टी हे आप को आना हे मुझे एक आवश्यक निजी कार्य से श्योपुर मध्यप्रदेश जाना जरूरी था इसलियें माफ़ी चाही लेकिन इस कार्यक्रम के लियें मेने मंशा जता दी के अपने बालकों के नियम के साथ मीडिया शब्द जोड़ कर बहुत बहुत बुरा किया हे क्योंकि मिडिया इस खबर को ही या तो उड़ा देगा या फिर हाशिये पर ला कर पटक देगा ।
कल बल अधिकारों पर एक रचनात्मक संगोष्टी हुई सभी पत्रकार उपस्थित थे कहीं पत्रकार संगोष्टी के संवाद लिखना भूल नहीं गये हों इसलियें पत्रकारों को लिखित में प्रेस नोट और फोटू भेजे गये लेकिन विषय एक तो उबाऊ था दुसरे अख़बारों को इस खबर से कुछ मिलने वाला नहीं था इसलियें आज सुबह मेनें वापस आकर जब अख़बार उठाया तो कुछ अख़बारों से इस महत्वपूर्ण कार्यशाला की खबर गायब थी और कुछ में थी तो हाशिये पर वही हुआ जो मेने मिडिया में कई साल रहकर इसे नजदीक से देख कर सोचा था ।
दोस्तों आप जानते हें के देश का कोई भी १८ साल से कम का बच्चा चाहे परिजनों के साथ रहे लेकिन देश के स्वर्णिम भविष्य का निर्माता होने के कारण उस पर सरकार की पूरी नजर रहती हे उसे अपराध,हिंसा,आर्थिक आभाव और बुरे आचरण से बचाने के लियें सरकार सजग और सतर्क रहे इसके लियें इंडियन चिल्ड्रन एक्ट बनाया गया हे जिसमें अगर बच्चों को मां बाप की सही परवरिश नहीं मिलती हे तो सरकार को ऐसे मां बाप की स्नर्क्ष्कता से बच्चे लेकर खुद के खर्चे पर उनकी देखभाल करने उनका लालन पालन करने का अधिकार दिया हे मिडिया हे जिसे कहा गया हे के बच्चों की कोई भी खबर सावधानी से प्रकाशित करें और पीड़ित अपराध में लिप्त बच्चों की खबर में उनका नामा उनकी पहचान उनके फोटू नहीं छापें वरना सजा का प्रावधान रखा गया हे इसके आलावा सरकार के लियें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर बल आयोग गठित करने का प्रावधान बनाया गया हे तो दोस्तों मिडिया के पास इस विषय पर लिखें प्रकाशित करने का काफी मसला था लेकिन मिडिया को इसमें ना तो कोई गिफ्ट मिला केवल सदा खाना दिया गया अख़बार के मालिकों को विज्ञापन नहीं मिले बस इसलियें कल के भविष्य की खबर अगर छुट भी जाए या दो लाइन छाप कर खबर की इतिश्री भी कर ली जाए तो कोन अख़बारों से पूछने वाला हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

25.12.10

यदि हो जाये संता जैसा मन

यदि नेताओं का हो जाये
सांता जैसा पावन मन
तो खुशहाल हो जाये
भारत का जन-जन


(आप सभी को क्रिसमस की शुभकामनाये)

अटल जी ने मेरे भारत को अटल किया ........

देश के पूर्व प्रधानमन्त्री
अटल बिहारी वाजपयी
जो कुंवारे हें
लेकिन ब्रह्मचारी नहीं
उनकी काबलियत भी खूब रही हे
उन्होंने ग्वालियर से लेकर
दिल्ली तक
और दिल्ली से लेकर
भारत को
परमाणु शक्ति बनाकर
कारगिल को विजय करने तक का सफर किया हे
उन्होंने भाजपा के उस दाग को मिटाया हे
के भाजपा कट्टर पंथी हे भाजपा मुस्लिमों की दुश्मन हे
और एक राजा का सच्चा राज धर्म अपनाया हे
धारा प्रवाह बोलने की कला विदेश में हिंदी में भाषण देने का साहस
सिर्फ और सिर्फ अटल जी यानि अटल बिहारी वाजपयी जी ही कर सकते हें
ऐसे महान नेता को शत शत नमन जन्म दिन पर बधाई आयु शतायु हो और दुसरे नेता उनसे कुछ सीखें
इसी दुआ के साथ मेरे देश की शान अटल जी को एक बार फिर जन्म दिन की बधाई । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बस्ती हटाने के मामले में विधायक की तकरार

कोटा में वर्षों से एक बसी हुई बस्ती प्रेम नगर बस्ती जहां बसे हुए लोगों को उजाड़ कर सरकार यानि सरकार की एजेंसी नगर विकास न्यास एक मल्टी स्टोरी बनाना चाहती हे , सरकार का कहना हे के य्हना हम कम आय वर्ग के लोगों को सस्ती कीमत पर मकान बनाकर देंगे , सरकार का यह भी कहना हे के जिन्हें हम हटायेंगे पहले दूसरी जगह बसायेंगे देश के किसी कोने में क्या होता हे यह तो मुझे पता नहीं लेकिन यह मेरे राजस्थान का कोटा शहर हें यहाँ हटाने और बसाने का सरकारी स्तर पर जो नंगा खेल चलता हे उसे देख लो तो उती आने लगे , सरकार कुम्भकर्ण की नींद सोती हे सरकारी ज़मीं पर बस्तियां बस्ती हें अख़बार में खबरें छपती हें लोग शिकायत करते हें लेकिन सरकार बस्तियों को बसने देती हे वर्षों बाद बस्ती में सडकें नाली पतन की सुविधा देती हे नल बिजली तो लग ही जाते हें बस फिर बस्ती लाखो से करोड़ों तक बिकती हे और इन कथित कच्ची बस्तियों में फाइव स्टार सुविधाओं से भी ज्यादा सुख सुविधा वाले मकान तय्यार हो जाते हें फिर सरकार की कुम्भ्करनी नींद जागती हे सरकार उठती हे और लाखों करोड़ों की लागत से बने इन मकानों को तोड़ कर उन्हें पुनर्वास के नामा पर कहीं किसी कोने में बसाना चाहती हे और बस फिर सरकार और बस्तीवासियों में जंग की शुरुआत होती हे ऐसी ही एक जंग कोटा के विधायक भवानी सिंह राजावत बस्तीवासियों के हित में लड़ रहे हें ।
कोटा के लाडपुरा विधान सभा इलाके में प्रेमनगर बस्ती हे इस इलाके में भाजपा के भवानीसिंह राजावत दूसरी बार विधायक चुने गये हें यह वही विधायक हें जिनके तलवे वर्तमान नगर विकास सचिव चाट चाट कर अरब पति बनते रहे हें और यही अधिकारी महोदय राजावत जी के इशारे पर कत्थक का डांस करते देखे गये हें लेकिन अब राज बदल गया हे अब कोंग्रेस का राज हे अब यही अधिकारी तोते की तरह नजरें बदल कर बेठे हें और इन्होने अपना रुख कोंग्रेस के इशारे पर नाचने वाला कर लिया हे , खेर बात प्रेमनगर बस्ती की थी इस बस्ती को कोंग्रेस के मंत्री रहे रामकिशन वर्मा के वक्त बसाया गया था फिर जब कोंग्रेस विधायक पूनम गोयल के वक्त इस बस्ती को हटाने की बात आई तो वोह भी बिफर गयीं लेकिन फिर भाजपा के विधायक भवानीसिंह बस्तीवासियों के हर दिल अज़ीज़ हो गये तो भाजपा के शासन में भी इस बस्ती को हटाने के ख्याल को राजावत के कोप भाजन के बाद सरकार को अपना इरादा बदलना पढ़ा अब अधिकारी वही हे बस सरकार बदली हे इसलियें अधिकारी जी अपनी जिद पर अड़ गये हे उन्होंने कोंग्रेस के नेताओं को गुमराह किया हे गलत संदेश दिए हें और जब बस्ती हटाने के निर्णय को नहीं बदला गया तो राजावत विधायक जी के नेत्रत्व में बस्तीवासी नगर विकास न्यास जा पहुंचे जो अधिकारी राजावत जी के इशारे पर नाचता था वोह अधिकारी अपने दफ्तर के दडबे में जाकर छुप गया उसे बुलाया गया वोह बात करने नहीं आया बस्ती के शिष्ट मंडल को जवाब देने के लियें इन अधिकारी महोदय का सामना तक करने का साहस नहीं था बस यह पब्लिक हे सब जानती हे इसलियें आक्रोशित हो गयी और एक जनता के नोकर को जो जनता की सेवा के लियें लाखों रूपये का अवेत्न और करोड़ों की रिश्वत लेता हे उसे बचाने के लियें कोटा की पुलिस मोर्चे पर आ गयी धक्का मुक्की फिर तू तड़ाक और फिर लाठी भाटा जंग शुरू हो गयी कुछ बस्ती वासी घायल हुए तो कुछ पुलिस कर्मियों के क्रत्रिम चोटें बनाई गयी और फिर मुकदमें बजी का दोर शुरू हो गया इस पुरे एपिसोड में सरकार लाठी भाटा और पुलिस का डर बता कर चाहती हे के बस्ती वासी मोर्चे से हट जाएँ लेकिन अब विधयक भवानी सिंह जी ने भी इस मामले को प्रतिष्टा का प्रश्न बना लिया हे और वोह अपने पुरे लाहो लश्कर के साथ मर्दानगी से मोर्चे पर डट गये हें देखते हें सरकार के इस तबाही और बर्बादी के बाद पुनर्वास के इस खेल में आगे किया होता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान