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25.12.10

क्रिसमस पर मुबारकबाद

दोस्तों आज
क्रिसमस हे
इस दिन
बच्चों का दिन
माना जाता हे
बच्चे मोज़े में
अपनी ख्वाहिशों को रख कर
सरहाने रख लेते हें
सुकून की नींद सोते हें
सुबह जब वोह उठते हें
तो उनके मां बाप
उनकी ख्वाहिशों को
साकार करते हें
और बच्चों को यह विश्वास दिलाते हें के
सांता क्रूज़ आया और उसने
इशु की मदद से यह ख्वाहिशें पूरी की हें
बच्चों का धर्म के प्रति मान सम्मान बढ़ता हे
वोह फिर अगले साल क्रिसमस का इन्तिज़ार करते हें
वेसे यह दिन क्रिश्चियन धर्म की शुरुआत का दिन हे
इनके अवतार के अवतरित होने का दिन हे
इसलियें क्रिश्चियन इस दिन
चर्चों को सजाते हें संवारते हें और फिर प्रार्थनाएं करते हें
इसलियें इस धर्मनिरपेक्ष देश में
क्रिसमस पर सभी भाइयों और खासकर
क्रिश्चियन भाइयों को
मेरी हो से मेरे ब्लोगर फोलोअर्स की ओर से
मेरे ब्लोगर भाई दिनेश राय द्विवेदी और ब्लॉग गुरु ललित शर्मा की ओर से
क्रिसमस की बधाई मुबारक बाद
मेरे हिन्दू भाइयों की तरफ से सलाम
मुस्लिम भाइयों की ओर से जय श्रीराम
सिक्ख भाइयों की तरफ से गोड ब्लेस यु
क्रिश्चियन भाइयों की तरफ से सत सीरी अकाल जो बोले सो निहाल ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कलमाड़ी जी यह तो कर्मों की सजा हे

मनमोहन सिंह प्रधानमत्री जी के बुरे वक्त के साथी राव मंत्रिमंडल में मनमोहन जी के रक्षक रहे सुरेश कलमाड़ी जी को कुछ नहीं होने पर भी प्रधानमन्त्री जी ने बहुत कुछ बनाया और कोमनवेल्थ गेम के लियें कलमाड़ी जी को माई बाप बना दिया , कलमाड़ी जी ने देश की जनता को महामूर्ख समझा और २००० की कुर्सिया ८ हजार में खरीदीं लाखों के काम करोड़ों में कराए किसी ने रोकना चाह तो सोनिया जी और मनमोहन इस के निकटतम होने के कारण उस पर भन्नाए नतीजा बात मिडिया तक पहुंची फिर बात उठी तो भाजपा तक पहुंची और भ्रस्ताचार की कहानी बाहर से आये मेहमानों और खिलाडियों की ज़ुबानी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गयी जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के भ्रस्ताचार के बखान होने लगे तो बस भारत को शर्म आई और फिर जाँच शुरू हुई कोम्न्वेल्थ भ्रस्ताचार की ।
ताज्जुब यह हे के इस जाँच की शुरुआत के बाद भाजपा किसी ना किसी तरह से कलमाड़ी को प्रोटेक्ट करती रही और इधर इस जाँच की कछुवा चाल के चलते कोंग्रेस में ही महासंग्राम हो गया कोंग्रेस के कलमाड़ी और दिली की मुख्यमंत्री शिला दीक्षित में भ्रस्ताचार के मामले को लेकर खुल कर तू तडाक हुई मामला मिडिया तक पहुंचा मिडिया पर ब्लेकमेलिंग के आरोप लगे फिर मामला शांत हो गया लेकिन कोंग्रेस के अधिवेशन के बाद अचानक सुरेश कलमाड़ी जी जो कभी प्रधानमन्त्री जी के खासमखास हुआ करते थे उनके घर और ठिकानों पर ओपचारिकता करने सी बी आई जा पहुंची सी बी आई ने जो ओपचारिकता की उसमें कलमाड़ी जी गिरफ्तार तो नहीं हुए लेकिन कलमाड़ी जी की हवनिकल गयी और वोह चिल्लाने लगे मय्या मोरी मो नहीं माखन खायो , मिडिया को मोका मिला और बस कलमाड़ी जी निशाने पर आगये उन्होंने अब तक पद नहीं छोड़ा हे और वोह पद पर काबिज़ हे फिर भी जाँच हो रही हे अजीब जाँच हे एक आदमी जो पद पर रहकर किसी भी जांच को प्रभावित कर सकता हे उसे हटाया नहीं गया हे कलमाड़ी जी तरकीब से भाजपा सरकार में पावर में रहने के लियें महत्वपूर्ण पदों पर रहे उन्हें भाजपा ने हटाया नहीं बल्कि उनसे सम्बन्ध स्थापित किये और आज जब कलमाड़ी जी पर छपे पड़े तो कोंग्रेस के दोस्तों से ज्यादा भाजपा को इसका दर्द हे और भाजपा के अध्यक्ष जी गडकरी ने तरकीब से बयान का राजनीति करण कर कलमाड़ी जी का बचाव करने का प्रयास किया हे इसे कहते हें चोर चोर मोसेरे भाई । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

24.12.10

आरक्षण मामले में राजस्थान सरकार को हाईकोर्ट की सलाह

बात गुर्जर आरक्षण मामले से शुरू हुई थी लेकिन मामला जब हाईकोर्ट तक पहुंचा तो फिर यह बात केवल गुर्जर आरक्षण की नहीं रही एक संविधान और एक देश के कानून के साथ देश की जनता के हालातों की बात बन गयी , सरकार द्वारा केवल बेवकूफ या फ़िल्मी डाइलोग में कहें के मामू बनाने के लियें गुर्जरों को आरक्षण का कानून बनाया था जिसे हाईकोर्ट ने पहली फुर्सत में बिना पढ़े लिखे लोगों द्वारा बनाया कानू मन कर किनारे पर रख दिया , हाईकोर्ट ने अपने आदेश में राजस्थान सरकार की महत्वपूर्ण विफलताओं की तरफ इशारा किया हे और आरक्षण की नई परिभाषा प्रदर्शित की हे हाई कोर्ट का सीधा सीधा निर्देश हे के बार बार एक हो व्यक्ति को आरक्षण बंद करों और राज्य में सर्वे कराओं के किस जाती के किन लोगों की पिछड़ी स्थित के कारण उन्हें आरक्षण की जरूरत हे हाईकोर्ट ने कहा के जो लोग आरक्षण का लाभ लेकर आज उच्च वर्गीय धनाड्य स्टेट्स वाले बन गये हें आखिर उन्हें आरक्षण की जरूरत क्यूँ हे और उन्हें आरक्षण क्यूँ दिया जा रहा हे , बात साफ हे हमारे देश के संविधान के निर्माण के वक्त निर्माताओं ने कुछ जातियों को पिछड़ा मान कर उन्हें मुख्य धारा में लाने के लियें केवल दस वर्ष के लियें आरक्षण का लाभ दिया था जिसे फिर बढ़ा दिया गया और अब राजनीती के चलते निरंतर बिना किसी जरूरत के उसी लकीर पर चल कर आरक्षण का लाभ विकसित लोगों को दिया जा रहा हे देश की सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने बार बार कहा हे के आरक्षण का आधार जाती या धर्म नहीं बलके आर्थिक पिछड़ापन होना चाहिए और इसीलियें अब देश की जनता भी आरक्षण के इस नंगे राजनितिक खेल से उब चुकी हे और जनता सरकार से आरपार की लड़ाई के मुड में हे सरकार हे के जाती को ही आरक्षण का आधार बनाये हुए हें नतीजा यह हुआ के आज आरक्षित जातियों में कलेक्टर ,संसद,विधायक ,मंत्री.एस पी हे जबकि सामान्य जाती में आज चपड़ासी भी नहीं मिल रहे हें , सरकार और विपक्ष ने इस मामले में चुप्पी साध कर राजनितिक हित चाहे साध लिए हों लेकिन देश को नफरत गिलाज़त और भुखमरी के इस दोर में धकेल दिया हे जिसमें से निकलने में देश को कोई वर्ष लग जायेंगे । राजस्थान हाईकोर्ट ने बस इसी गलती को सूधारने की तरफ इशारा किया हे और दबे अल्फाजों में साफ़ कहा हे के बस हो चूका बहुत अब साला भर लो और सर्वे करो आरक्षण को जाति का आधार नहीं पिछड़ा पन बनाओ अब देखते हें के राजस्थान सरकार इस मामले को गुर्जरों के दबाव में सुप्रीम कोर्ट किस तरह से ले जाती हे और जब तक हाईकोर्ट के आदेश के सम्मान में आम लोग जो सामान्य जाति के होकर आरक्षण की इस दोड में पिछड़ गये हें उन्हें पिछड़ेपन के दलदल से निकलने के लियें क्या योजना और क्या व्यवस्था हाईकोर्ट के सामने पेश करती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

संग्रह के शोकिन पियूष दादरी वाला


संग्रह के शोकिन पियूष दादरी वाला

दुनिया की पहली मिरर इमेज पुस्तक ''श्रीमद भगवद गीता'' वर्ल्ड रिकार्ड, एशिया बुक आफ रिकार्ड मैं दर्ज, दो प्रकाशित पुस्तकों ''गणित एक अध्यन'' व् ''इजी स्पलिंग'' के रचियेता यांत्रिक इंजिनियर पियुश्दाद्रिवाला संग्रह का भी शौक रखते है.उनके पास विभिन्न वस्तुऊ का संग्रह है,जो वो सन १९८२ से कर रहे है.जिनमे उनके पास दुर्लभ डाक टिकट ,सिक्को का संग्रह ,प्रथम दिवस आवरण,२५०० पैनो का संग्रह,माचिसो का संग्रह,सिगरत पैकेटो का संग्रह,भारतीय नोटों का संग्रह व् विभिन्न देशो के नोटों का संग्रह,व् विश्व प्रसिद हस्तियों के हस्ताक्षरों का संग्रह(अमिताभ,सचिन,रितिक,राजीव जी,अटल जी,लालकृषण अडवाणी,वि पि सिंह,चंद्सेखर,मनमोहन सिंह जी,राजेश पायलेट,माधव राज सिंधिया,मायावती जी,मुलायम सिंह ,राजबब्बर,कपिल देव,किरण बेदी आदि)हैं.दाद्रिवाला एस संग्रह को संग्रहालय के रूप में स्थापित कर रास्त्र को समर्पित करना चाहते हैं.

गणित मैं एक नई खोज (दमदार अंक 9)



गणित मैं एक नई खोज (दमदार अंक 9)
दादरी के पियुश्दाद्रिवाला,दुनिया की पहली मिरर imaj पुस्तक "श्री मद भाग वाद गीता" के सभी १८ अद्द्ययो,७०० श्लोकों को हिंदी व् अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिख"वर्ल्ड रिकार्ड व् एशिया बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करा कर एक इतिहास बना चुके पियुश्दाद्रिवाला ने अब एक और नया करना कर दिखाया हैं.दाद्रिवाला की अभी हाल ही में उनकी पुस्तक"गणित एक अध्यन" प्रकाशित हो चिकि हैं.जिसमें उन्होंने अपने दुवारा सिद्ध किये गए कई नई तरीके इजाद किये हैं. दाद्रिवाला यांत्रिक इंजीनिर और एक बहु रास्ट्रीय कम्पनी में कार्यरत हैं.पियूष ने पास्कल त्रिभुज पर कारिय किया और कई विशेस्ताये उस त्रिभुज के बारे में पता लगाई.पास्कल त्रिभुज,प्य्तागोरस परमे व् पिरामिड की सहायता से यह सत्यापित करने की कोसिस की हैं जो हम गिनती १ से लेकर ९ तक कर ते हैं वो गलत हैं,यह ० से लेकर ९ तक होनी चाहिए. दाद्रिवाला ने गिनतिय विधि से यह भी सिद्ध किया हैं की पिरामिड वाकई असीम उर्जा का स्थान हैं. दाद्रिवल ने एक महत्व पूरण खोज की हैं,"समकोण तिरभुज" में एक नया नाम "समान्तर श्रेणी समकोण तिरभुज" दिया हैं.जिसको उन्होंने तिन तरीको बीजगणित,त्रिकोंमिति,कोर्दिनत ज्योमित्री से सिद्ध किया हैं.पियूष ने अपनी पुस्तक में अंक ९ पर भी कार्य किया हैं.और उनका यह कहना हैं की यह दुनिया अंक ९ पर ही निर्भर हैं.इसको वो एइस्तिन के विशव प्रसिद सूत्र E=MC(स्कायर2) से जोड़ते हैं.(चूँकि c का मतलब परकास की चाल जो तिन गुना १० की घात ८ हैं जो क स्कायर के रूप में है,यानि ३ गुना १० की घात का स्कायर=९ गुना १० की घात १६,अब हम ९ की किसी भी संख्या से गुना करे तो उनके अलग -अलग अंको का योग ९ ही आता हैं). m द्रव्य मान से कितनी उर्जा उत्सर्जित होगी इसके लिए द्रव्य मान को परकाश के चाल के वर्ग से गुना करना होगा जो हमेशा ९ ही आएगा.अतः दुनिया अंक ९ पर ही निर्भर हैं.(९ ही देवियाँ हैं,९ ही grah हैं,और ९ ही पियूष नियतांक हैं.
उदाहरन के लिए हम यहाँ दो-दो अंको की दो राशियों लेते हैं-
२४ व् ३१ इनको हम ४ तरीकों से लिख सकते हैं जैसे-
२४ x ३१ =७४४
२४ x १३ = ३१२
४२ x ३१ = १३०२
४२ x १३ = ५४६
अब इन संखयों से क्रम से सभी छोटी संखयों को एक - एक करके घटाओ , प्राप्त संख्या होगी-
१३०२ - ७४४ = ५५८ = ५+ ५ + ८= १८ = १ + ८ = 9
१३०२ - ५४६ =७५६ = ७ + ५ + ६ = १८ = १ + ८ =९
१३०२ - ३१२ = ९९०= ९ + ९ + ० = १८ = १ + ८ = ९
७४४ - ५४६ = १९८ = १ + ९ + ८ = १८ = १ + ८ = ९
७४४ - ३१२ = ४३२ = ४ + ३ + २ = ९
५४६ - ३१२ = २३४ = २३४ = २ +३ + ४ = ९
के अलग - अलग अंको का योग हमेसा ९ ही आयेगा.यही "पियूष नियतांक" हैं.

आज राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर बधाई

दोस्तों आज
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस हे
आज के दिन देश के सभी
उपभोक्ताओं को बधाई
खुदा,भगवान ,इश्वर से एक ही दुआ हे
के इश्वर मिलावट खोरों , मुनाफाखोरों ,
नकली सामान बेचने वालों , ठगों ,
कम तोलने और अधिक कीमतें वसूलने वालों से
देश की जनता और देश के उपभोक्ताओं को बचाए
और केंद्र राज्य सरकारें इसके लियें
सभी दोषी लोगों के खिलाफ
कार्यवाही कर
मूल्यों का नियन्त्रण करे गुणवत्ता वाला सामान बाज़ार में बिके
इस को सुनिश्चित करे
एक बार फिर यह सब दुआएं पूरी हों
इसी कामना के साथ
अप सभी को
राष्ट्रिय उपभोक्ता दिवस पर
हार्दिक बधाई , मुबारकबाद ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ऍन डी तिवारी और डी ऍन ऐ टेस्ट

कोंग्रेस के कभी वरिष्ठ नेता रहे नारायण दत्त तिवारी इन दिनों अपने पूर्व प्रेम जाल के कारण परेशान हें वी तो उनके खिलाफ खुद उनकी पार्टी के ही लोग लगे हें क्योंके वोह कुछ साला पहेल सोनिया गाँधी को विदेशी कहकर कोंग्रेस से अलग हो गये थे और तिवारी कोंग्रेस का गठन किया था फिर वोह माफ़ी मांग कर वापस कोंग्रेस में आ गये और कोंग्रेस ने तिवारी को राज्यपा के ओहदे से नवाज़ा बस वहीं से तिवारी का बुरा वक्त शुरू हुआ , तिवारी के एक कथित बेटे रोहित ने दावा किया हे के ऍन डी तिवारी उनके पिता हे और रोहित की मां उज्ज्वल जो कोंग्रेसी कार्यकर्ता थीं उनसे इनके ताल्लुकात थे , अब रोहित ने हाईकोर्ट में इसे सही साबित करने के लियें तिवारी के डी ऍन ऐ टेस्ट की दरख्वास्त लगाई जो मंजूर भी कर ली गयी , हाईकोर्ट ने तिवारी को डी ऍन ऐ टेस्ट के आदेश दिए हें वेसे पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ऐसे टेस्ट जो किसी व्यक्ति की स्वतन्त्रता का हनन करते हों उसके लियें इंकार कर चुका हे लेकिन हाईकोर्ट का आदेश हे इसलियें मानना तो होगा ही या फिर सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश की अपील करना होगी सच किया हे यह तो पता नहीं लेकिन हर नाजायज़ ओलाद की मां अपने बेटे को सबूतों सहित अगर सफेद पोश बापों का नाम बताने लगे और फिर ऐसे बच्चे बढ़े होने के बाद इस लड़ाई को लढे तो देश में जारता और हरामखोरी अय्याशी पर रोक लग सकेगी क्योंकि डी ऍन ऐ टेस्ट ऐसे सभी बापों की पोल खोल कर रख देगा देखते हें तिवारी जी के साथ क्या होता हे लेकिन दुसरे नेता जो महिला कार्यकर्ताओं को उपभोग की वस्तू मानकर मज़े करते हें उनकी तो अभी रातों की नींद हराम हो गयी होगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बुढापे में चढ़ी जवानी

दोस्तों कहते हें के ऊमर के किसी भी पढाव पर जिस्म चाहे बुढा हो जाए लेकिन दिल हे के हमेशां जवान ही रहता हे और प्यार , दिल्लगी की कोई ऊमर नहीं होती हे ऐसा ही एक सच कोटा में देखने को मिला ८५ साल के मदनमोहन शर्मा कोटा पाटनपोल सतही मथुराधीश के मन्दिर पर दर्शन के लियें जाते थे वहां उनकी मुलाक़ात एक ६५ साल की महिला से हो गयी दोनों की रोज़ बातचीत ने दोनों का अकेला पन दूर किया और एक दुसरे को एक दुसरे के इतना नजदीक कर दिया के दोनों ने इस ऊमर के पढाव पर एक दूजे के लियें एक दूजे के साथ रहने की कसमें खा लीं , मदनमोहन जी कहने को तो ८५ सक जे हें लेकिन पुलिस के सेवानिव्र्ट अधिकारी हे इसलियें उन्होंने अपनी प्रेमिका का हाथ थमा और क्लेत्रेट ले जाकर विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधानों के तहत विवाह रचने का आवेदन पेश किया अब जब मिडिया को पता चला तो वोह कहाँ चुप होने वाला था पहुंच गया उनकी निजी जिंदगी में दखल देने के लियें किसी ने कहा के प्यार मोहब्बत से इसका कोई सम्बन्ध नहीं महिला को सेवानिव्रत्त पुलिस अधिकारी की पेंशन दिलवाने के लियें यह प्रपंच रचा गया हे लेकिन मामला कुछ भी हो फ़िलहाल तो दिल का ही मामला लग रहा हे और दोनों व्र्द्धाश्र्म के सी पढ़ाव पर जब उन्हें राम राम की लो लगने वाली थी तब विधि अनुसार समाज के सारे कायदे कानून ताक में रख कर दिल की आवाज़ सुन कर दिल का मामला हे की तर्ज़ पर समाज के सामने आ गये हें इश्वर उनके इस प्यार की मान मर्यादा कायम रखे । अख्तर कहाँ अकेला कोटा राजस्थान

कोटा के वकीलों के साथ सरकार का एक और धोखा

कोटा के आंदोलनरत वकीलों की आपसी फुट के चलते सरकार के होसले बुलं हो गये हें और सरकार ने कोटा में आज २४ दिसम्बर राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर खोली जाने वाली राज्य उपभोक्ता फ़ोरम की सर्किट बेंच का कार्यक्रम रद्द कर दिया हे वकील इससे और भडक गये हें ।
कोटा के वकील पिछले कई वर्षों से आन्दोलन कर रहे हें और इस आन्दोलन में वरदा के दोरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने २७ नोव्म्बर २००९ को कोटा में राजस्व मंडल की डबल बेंच स्थापित करने , कोटा के वकीलों को प्लाट देने , कोटा में उपभोक्ता फ़ोरम की सर्किट बेंच स्थापित करने का वायदा किया था किन्तु एक वर्ष का समय गुजरने पर भी जब मुख्यमंत्री ने वायदा पूरा नहीं किया तो वकील सडकों पर आ गये वकीलों की उग्रता देख कर सरकार ने आनन फानन में कोटा में राज्य उपभोक्ता सर्किट बेंच खोलने के निर्देश जारी किये और खुद सरकार के प्रवक्ता ने मिडिया से सम्पर्क कर बयान जारी किये के २४ दिसम्बर को कोटा में हर हाल में बेंच खोलने की घोषणा की गयी लेकिन पिछले दिनों कोटा के वकीलों में सरकार कोंग्रेस और भाजपा के नाम पर फुट डलवाने में कामयाब हो गयी और बस वकीलों की ताकत कम देख कर सरकार के होसले बुलंद हुए २२ दिसम्बर को सरकारी बयान आया के मंत्री शांति धारीवाल कोटा नहीं आ पायेंगे इसलियें सादे समारोह में कोटा में सर्किट बेंच की स्थापना होगी राज्य उपभोक्ता बेंच के चेयरमेन जस्टिस अशोक परिहार भी इस आयोजन में रहेंगे लेकिन आज अचानक सरकार ने इस कार्यक्रम को गुर्जर आन्दोलन का बहाना बना कर स्थगित कर दिया हे दर असल सरकार अब यह आयोजन राजनीती से प्रेरित होकर कर रही हे और अब जनवरी में नई कार्यकारिणी के समक्ष यह आयोजन होगा लेकिन सरकार ने एक बार फिर कोटा के वकीलों को अंगूठा दिखा दिया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान