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18.3.11

होली के रंग हजार

होली के रंग हजार  नहीं लाख नहीं करोड़ों करोड़ होते हें आप भाइयों और बहनों की जिंदगी होली के इन खुबसुरत रंगों से सजी और संवरी हे और खुदा करे जिन लोगों की जिंदगी के रंग में जरा भी भंग पढ़ा हे उनकी जिंदगी फिर से खुशियों के रंग से भर जाए लेकिन इस त्यौहार को भी मिलावट की नजर लग गयी हे रंगों की इस दुनिया को मिलावट की दुनिया बनाने वाले एक व्यापारी का कोटा में वाट लगाई गयी हे . 
दोस्तों कोटा में एक व्यापारी उद्ध्योग के नाम पर कोटा स्टोन का चुरा मिला कर गुलाल बना रहा था जो लोगों की खाल चेहरे बिगाड़ने के लियें काफी हे यहाँ रसद अधिकारी ने जब एक सुचना पर छापा मारा तो वहां करीब सो क्विंटल कच्चा पाउडर और रंग बरामद किया गया पच्चीस पेसे प्रति किलो बनने वाले इस गुलाल को यह जनाब सरे राजस्थान में दस रूपये किलों में बेच चुके थे इनके रजिस्टर से पता चला के कुछ दिनों में ही दस लाख रूपये का जहर यह जनता में बेच चुके हें अब पुलिस और रसद अधिकारी जी इस पशोपेश में हें के इन जनाब के खिलाफ मुकदमा कोंसे कानून और धरा में किया जाए क्योंकि जो कानून कहता हे वोह तो यह करते नही राजनितिक पहुंच होने के कर्ण रस्मन कार्यवाही केसे हो अखबारों में खबर केसे बने और नतीजा ढ़ाक के तीन पात निकल कर मामला की रफा दफा किया जाए . 
तो दोस्तों यह तो एक सच्चाई हे हमारे देश में इन दिनों नकली सामानों की बिक्री नकली चेहरों की सजावट नकली अभिनय नकली रिश्तों की भरमार हे और इसी लियें सब कुछ बिगड़ता जा रहा हे जबकि होली के रंग खुबसुरत रंग लोगों के दिलों में नई उमंग नया प्यार अपनापन पैदा करते हें और इस होली को भी हम ऐसे ही नये दोर के साथ आदर्श आधुनिक होली बना कर मिसाल कायम करे सभी ब्लोगर भाई बहनों में अगर किसी तरह के कोई गिले शिकवे हों तो एक बार हाँ एक बार इस अवसर पर भुला कर गले लगे एक दुसरे को प्यार करे अपनापन दें बस देखो होली का यह रंग कितना खुबसूरत हो जाएगा तो दोस्तों पहल मेरी तरफ से हे निश्चित तोर पर इंसान गलतियों का पुतला होता हे और ब्लोगर की दुनिया में शायद सबसे गलत कोई हे तो वोह में नम्बर वन हूँ इसलियें भाइयों बहनों में सभी से हाथ जोड़ कर अपनी गलतियों के लियें माफ़ी मांगना चाहता हूँ और चाहता हूँ के आप भाई बहने मुझे मेरी सभी गलतियों के लियें मुझे माफ़ करें तो एक बार फिर रंगों की खूबसूरती बिखेर कर अपनेपन का अहसास दिलाने वाली होली और बुराइयों को जला देने वाली इस होली पर अपनी बुराइयों को जलाकर राख कर दें बुराई के रावण को ख़ाक कर दें और अच्छाई के प्रति  एक विश्वास एक सद्विश्वास को सभी के बीच बिखेर कर खुशियाँ और प्यार की खुशबु बिखेर दें में जानता हूँ यह मेरे लियें छोटा मुंह बढ़ी बात हे लेकिन क्या करें में ऐसा ही हूँ ........................ . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणियाँ:

श्रीमान जी, आपके लिख में व्यक्त विचारों से सहमत हूँ.

दोस्तों! अच्छा मत मानो कल होली है.आप सभी पाठकों/ब्लागरों को रंगों की फुहार, रंगों का त्यौहार ! भाईचारे का प्रतीक होली की शकुन्तला प्रेस ऑफ़ इंडिया प्रकाशन परिवार की ओर से हार्दिक शुभमानाओं के साथ ही बहुत-बहुत बधाई!

आप सभी पाठकों और दोस्तों से हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-अगर आपको समय मिले तो कृपया करके मेरे (http://sirfiraa.blogspot.com , http://rksirfiraa.blogspot.com , http://shakuntalapress.blogspot.com , http://mubarakbad.blogspot.com , http://aapkomubarakho.blogspot.com , http://aap-ki-shayari.blogspot.com , http://sachchadost.blogspot.com, http://sach-ka-saamana.blogspot.com , http://corruption-fighters.blogspot.com ) ब्लोगों का भी अवलोकन करें और अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. आप हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे.हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं

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