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20.7.11

अजमल कसाब का जिहादियों के नाम एक पत्र

प्यारे जिहादी भाइयो
सादर विस्फोटस्ते
यहाँ मैं खैरियत से हूँ. आप सब कैसे हैं. अब्बा तालिबान और अलकायदा अम्मी के क्या हाल हैं. गोलीबारी और बम फोड़ने का अभ्यास कैसा चल रहा हैं. जिहाद के नाम पर आज कल रोज कितने काफ़िर हलाल किये जा रहे है. यहाँ जेल में तो ऐसा मुबारक काम करने का मौका ही नहीं मिल पाता है.
अपने हाथों से छुरे से जिन्दा इंसान की गर्दन धीमे -२ कतरने का मजा ही...
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19.7.11

15.7.11

घर में टीवी नहीं, बेटा छा गया टीवी पर

जी टी वी के मशहूर कार्यक्रम सा रे गा मा पा लिटिल चेंपस में कामयाबी के शिखर पर चढता हरियाणा का सलमान लोगों का चहेता बन गया है। सलमान की कामयाबी की खुशी में हरियाणा यूथ काग्रेंस की पुन्हाना विधानसभा की टीम द्वारा सलमान के पिता को एक टीवी भेंट किया गया और कस्बे में केबल आपरेटर द्वारा केबल कनैकशन फ्री में दिया गया। गौरतलब है कि जी. टी. वी. के सा. रे. गा. मा. पा. लिटिल चेंपस नामक संगीत कार्यक्रम में हरियाणा का एकमात्र प्रतिभागी सलमान के परिवार में इतनी गरीबी है कि सलमान का कार्यक्रम देखने के लिए घर में टी.वी. भी नहीं है और परिजन पड़ोसी के घर सलमान का प्रोग्राम देखते हैं। जिसकी जानकारी मिलने के बाद यूथ काग्रेंस के पुन्हाना विधानसभा अध्यक्ष मकसूद शिकरावा व टीम के अन्य साथियों द्वारा सलमान के पिता कासिम अली व दादा सकूर खां को यूथ काग्रेंस द्वारा आज सम्मानित कर उपहार स्वरूप टी वी भेंट किया गया तथा कस्बे के गोयल केबल नेटवर्क के सचांलक सुरेन्द्र आर्य द्वारा केबल कनैक्शन भी दिया गया। अब सलमान का परिवार अपने घर में ही अपने लाडले का कार्यक्रम देख सकेगा। कार्यक्रम में यूथ काग्रेंस के पुन्हाना विधानसभा अध्यक्ष मकसूद शिकरावा ने कहा कि सलमान की कामयाबी से देश विदेश में हरियाणा प्रदेश का नाम रोशन हुआ है और पुन्हाना कस्बा सलमान के गांव के रूप में चर्चित हो गया। उन्होंने कहा कि सलमान के वोटिंग राउंड के लिए उन्होंने यूथ काग्रेंस के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष चिरजींव राव से बात की है जिन्होंने अपनी यूथ काग्रेंस के प्रदेश भर में लगभग पचास हजार सदस्यों से वोट करने की अपील का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी विधानसभा की टीम भी पूरे मेवात जिले में एक अभियान के तहत गांव गांव जाकर लोगों से वोट की अपील करेगी।

6.7.11

एक पत्र भ्रष्टाचार बाबा के नाम

प्यारे भ्रष्टाचार बाबा
सादर घूसस्ते!
आपके लिए एक दुःख भरा समाचार हैं. यही कि आपके विरुद्ध अन्ना हजारे जी के नेतृत्व में आपके शत्रुओं ने युद्ध का शंखनाद कर दिया हैं. आपको यह सब जानकर दुःख तो बहुत हो रहा होगा क्योंकि सदियों से आपने इस देश में डेरा डाल रखा है . सभी उम्र बढ़ने के साथ -२ वृद्ध व निर्बल होते हैं किन्तु आप तो समय बीतने के साथ -२ और अधिक युवा व सशक्त होते जा रहे हैं...आगे पढ़ें...

3.7.11

अपने और पराये(लघु कथा)

"ठीक है भैया समझो कि आपका ये काम हो गया." इतना कहकर अनिरुद्ध ने फोन रख दिया व कुर्सी पर आराम की स्थिति में बैठे-२ सोचने लगा, अभी दिन ही कितने हुए भैया से मिले कोई दो साल बस किन्तु इन दो सालों में भैया से नाता सगे भाई से बढ़कर हो गया. कभी-२ भैया खुद ही हंसकर कहने लगते हैं, " हम दोनों का रिश्ता पिछले जन्म का है. हो न हो तुम पिछले जन्म में मेरे छोटे भाई होगे और बेशक इस जन्म में तुम मेरे सगे भाई नहीं हो लेकिन तुम मेरे लिए लक्ष्मण के जैसे हो." भाभी भी अक्सर बताती हैं...आगे पढ़ें...

27.6.11

एक पत्र कबाड़ी चाचू के नाम

प्यारे कबाड़ी चाचू
सादर धूर्तस्ते

तुमने हम सब के लिए इतना कुछ किया है की उन कार्यों का सम्मान करते हुए तुम्हें यह पत्र लिख रहे हैं. हमें याद है कि जब हम बचपन और जवानी के पलों को जी रहे थे तब तुम हमारे जीवन में पधारे थे. जब घर का छोटा-मोटा कबाड़ा तुम्हें बेचने के लिए हम आते थे तो तुम अपनी मधुर मुस्कान, जो वास्तव में बहुत कुटिल थी, से हमारा स्वागत करते थे..आगे पढ़ें

23.6.11

आज की महाभारत...!!





















































( स्रोत---मुंबई हैंग आउट )


प्रबल प्रताप सिंह

एक पत्र प्रधानमंत्री के नाम

प्यारे प्रधानमंत्री जी
सादर अनभिग्यस्ते
आपको यह पत्र पढ़ने का कष्ट उठाना पड़ रहा है इसके लिए क्षमा चाहते हैं. किन्तु क्या करें हमारी विवशता थी सो आपको यह पत्र लिखना पड़ा. वैसे तो हमें खेती के कार्यों से ही समय नहीं मिलता जो किसी को पत्र लिखें परन्तु यह भी अंत्यंत आवश्यक था कि आपकी आँखों पर पड़े पर्दे को इस पत्र द्वारा हटाने का प्रयास किया जाये. प्रधानमंत्री जी हालांकि अपना देश भारत एक कृषि प्रधान देश है किन्तु फिर भी इस देश में हम किसानों की स्थिति दिन-प्रतिदिन ख़राब होती जा रही है...
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19.6.11

पापा जाने कहां तुम चले गए...

जून का तीसरा इतवार... दुनियाभर केबच्चों के लिए फादर्स डे.. लेकिन इसी जून की पहली तारीख मेरे पप्पा को मुझसे छीनकर ले गई। एकपल को ऐसा लगा जैसे सबकुछ ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। ऐसा लगा जैसे पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गई हो। शायद मेरे घर को किसी की नज़र लग गई.. हमेशा मुस्कुराने वाले मेरे पप्पा बड़े चुपके से हमें छोड़कर चलते बने। ग़म तो यह कि हमसे कुछ कहा भी नहीं। मेरे प्यारे पप्पा जब मेरे सिर सेहरा सजाने का ख्वाब देख रहे थे, तभी मौत आई और ज़िंदगी को धोखा देकर पप्पा को मुझसे छीनकर ले गई। पप्पा की गोद में सोने वाले अब पप्पा से मीलों दूर थे। पप्पा अब भी खुश थे.. लेकिन अब उनकी आंखे नम थीं.. क्योंकि बच्चे अब सचमुच बड़े हो गए थे... और उनसे बहुत दूर भी हो गए थे। और मेरे प्यारे पप्पा फिर से अकले हो गए।

http://abyazk.blogspot.com/2011/06/blog-post.html