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2.3.11

मकान खरीदने के चक्कर में तांत्रिक से ठगे गये जनाब

मेरे एक खासमखास दोस्त जो बहुत जल्दी किसी पर भी भरोसा कर लेते हें जज्बाती हे प्यारे हें सभी से मोहब्बत करते हें और इसीलियें वोह कई बार लोगों के झासे में आ जाते हें हम उन्हें समझाते हें तो बस वोह अब हमसे कई बातें छुपाने लगे हें ।
मेरे यह दोस्त मेरे साथ ही पड़े लिखे हें साथ रहे हें शरारती भी हें जिद्दी भी हे नाम हे सय्यद मोहम्मद अली इनका निजी स्कुल हे और यह वकालत भी कर रहे हें निजी स्कुल का यह विस्तार करना चाहते थे इसलियें इन्हें नजदीक ही एक बिकने वाली काका जी की बिल्डिंग खरीदना थी बिल्डिंग पर बिकाऊ हे का बोर्ड लगा था इन जनाब ने जब बिल्डिंग खरीद की बात कही तो काका जी ने साफ़ शब्दों में कहा के भाई यह बिल्डिंग में किसी भी मुस्लिम को नहीं बेचूंगा लेकिन इस बिल्डिंग की स्कुल के विस्तार के लियें पडोस में होने जरूरत थी इसलियें वोह इसका मुह माँगा दाम देने को तय्यार थे लेकिन जब काका जी का फरमान सुना तो फिर मेरे इन दोस्त ने अपने हिदू भाई जांबाज़ दोस्तों को मकान खरीदने भेजा जिस मकान को वोह ५ लाख रूपये में बेच रहे थे अब वोह ६ से १२ फिर १८ फिर २१ लाख की कीमत मागी जाने लगी लेकिन पोल खुल गयी मकान की रजिस्ट्री जब मेरे मित्र की राखी बहन जीजी बाई के नाम करवाई जाना थी तब ऍन वक्त पर मकान बेचने वाले ने मकान बेचने से इंकार करते हुए साईं की रकम लोटा दी ।
अब मेरे यह जज्बाती दोस्त जिद पर अड़ गये उन्हें एक तात्रिक मिले तांत्रिक इस लियें मिले के वोह तन्त्र मन्त्र विद्या पर ज्यादा ही विश्वास करते हें और बस यह जनाब तांत्रिक के पास जा पहुंचे तांत्रिक जी का कहना था दस हजार का खर्चा हे ऐसा मन्त्र दूंगा के मकान मालिक खुद तुम्हारे घर मकान बेच कर जायेंगे तात्रिक को दस हजार रूपये दिए गये लेकिन तांत्रिक जी ने कब्रिस्तान और श्मशान की मिटटी मिलाकर मंगवाई अब कब्रिस्तान की मिटटी तो आसानी से मिल गयी लेकिन मेरे यह दोस्त अपने हिदू भाई दोस्तों के साथ श्मशान पहुंचे तो एक श्मशान में तो ताला लगा था फिर दुसरे श्मशान में पहुंचे जहां कुछ शवों को ताज़ा जलाया गया था सभी दोस्त जब श्मशान में मिटटी लेने घुसे तो लोगों ने इन्हें हड्डियां चोरने वाला समझ लिया और यह सभी लोग बढ़ी मुश्किल में श्मशान से अपनी जान बचाकर भागे फिर शहर से दूर एक श्मशान से इन जनाब ने मिटटी लाकर तत्न्रिक जी को दी तांत्रिक जी ने जाप किया और मिटटी जिस मकान को खरीदना चाहते थे उसकी छत पर डालने के निर्देश दिए गये किराये के आदमी से छत पर मिटटी डलवाई गयी लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला फिर तांत्रिक ने कहा के जनाब यह बढ़ी सख्त जान हे इसके पेरों के नीचे की मिटटी लादो बस फिर कम हो जाएगा ।
अब काका जी के पैर के नीचे की मिटटी केसे लें एक तो सडक पक्की दुसरे काका जी के जुटे केसे उतरवाएँ खेर एक चाल चली गयी काका जी को फर्जी सालगिरह का कार्यक्रम बुलाया गया कच्चा खाना रखा गया और एक कच्ची जमीन वाले पार्क पर काका जी को खाना खिलने बताया यकीन काकाजी तो मोज़े पहन कर बेठे थे खेर काका जी के मोजों पर दाल गिराई गयी और फिर काका जी ने मोज़े उतारे फिर उनके पाँव के नीचे की मिटटी तांत्रिक जी को ले जाकर दी मिटटी फिर पढ़ी गयी और काका जी के घर पर डालने का हुक्म हुआ मिटटी भी डल गयी लेकिन काका जी मकान बेचें को तय्यार नहीं हुए आखिर तांत्रिक ने काका जी से हार मान ली और मेरे मित्र से हाथ जोड़ कर कहा के मेरा पहला केस ऐसा हे जो फेल हुआ हे आप रपये वापस ले लेना आज महाशिवरात्रि का अवकाश होने से में मेरे मित्र सय्यद मोहम्मद अली के घर उनसे मिलने गया था इसी बीच तांत्रिक जी रूपये देने आ गये वोह अनजान थे के मेरे दोस्त ने मुझ से सारी बातें छुपा रखी हे बस इसलियें उन्होंने सारी बात मेरे सामने ही बताना शुरू कर दी पहले तो मेरे मित्र ने उन्हें रोकना चाहा फिर बस मेरे मित्र ने खुद ही सारी बात मुझे बताई काका जी का मुकदमा हमारे पास था इसलियें हमने काका जी से फोन पर बात की और मकान खरीदने की पेशकश की काका जी ने कहा किसे चाहिए मेने कहा मेरे खास दोस्त मोहम्मद अली का स्कुल पास में हे उन्हें खरीदना हे काका जी ने पहले तो सोचा फिर कहा के ठीक हे मकान आपका हे जब चाहो ले लो ताज्जुब हे इतने झंझट के बाद जो मकान काका जी बेचने को तय्यार नहीं थे उसे बेचने के लियें वोह एक मिनट में राज़ी हो गये में और मेरे दोस्त काका जी के घर पहुंचे काका जी ने सत्कार किया साईं वापस ली और मकान की लिखा पढ़ी हो गयी ना मेने उनसे पूंछा के पहले इस मकान को बेचें से इनकार करते हुए साईं क्यूँ लोटा दी थी ना उन्होंने इस बारे में मुझ से कोई बात की अब मकान मेरे दोस्त के पास कल से आ जाएगा और काका जी ही खुद स्कुल से जुड़ा हुआ मकान होने से अपनी देख रेख में मकान का पुनर निर्माण करवाने का वायदा क्या हे और काका जी अब मोहम्मद अली मेरे दोस्त के परम मित्र बन गये हें यह सब केसे हुआ एक संयोग था या भाग्य कुछ कह नहीं सकते लेकिन कहानी कुछ ऐसी अप्रत्याशित बनी के में आप सभी भाइयों से शेयर कर रहा हूँ .................. । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सांसद और मंत्री डोक्टर किरोड़ी बंदूक लेकर डकेतों से मुकाबला करने जंगलों में पहुंचे

राजस्थान में दोसा के सांसद ,राजस्थान की सरकार को बनाने वाले मुख्य सूत्रधार और राजस्थान सरकार में खादी ग्रामोद्ध्योग मंत्री श्रीमती गोलमा देवी के पति निर्दलीय सांसद डोक्टर किरोड़ी मीणा ने राजस्थान में डकेतों से निपटने में सरकार को अक्षम बताया हे और खुद ही अपने साथियों के साथ बंदूके लेकर जंगलों में निकल पढ़े हें ।
सांसद किरोड़ी प्रति माह एक राजनीति और रचनात्मक राजनीति जिससे जनता उनसे जुड़ते हे करते रहे हें पहले भाजपा के दिग्गज कहलाने वाले जब भाजपा छोड़ कर निर्दलीय चुनाव लढे तो इनके प्रभाव से राजस्थान की १७ विधानसभा सीटें प्रभावित हुई हे और राजस्थान की सरकार बनाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही हे इसी लियें आज किरोड़ी सरकार के बंगले में ही रहते हें पत्नी सरकार में मंत्री हे और राजस्थान सरकार के मंत्री के इसी बंगले में सरकार के खिलाफ सभी आन्दोलन की रणनीति बनाई जाती हे कभी बंद ,कभी धरना ,कभी रेली .कभी दंडवत रेली तो कभी कोई हंगामा किरोड़ी राजस्थान में चर्चा में रहते हें लेकिन आज वोह सरकार पर डकेतों से साठ गाँठ के आरोप लगा कर जब जंगलों में हथियार लेकर निकले हें तो सरकार को उन्होंने शर्मसार कर दिया हे ।
किरोड़ी का आरोप हे के अब तक पुलिस और डकेतों की मिली भगत से राजस्थान में डकेत जनता पर ज़ुल्म कर रहे हें निर्दोष लोगों की हत्याएं कर रहे हे लेकिन अब डकेतों को राजनितिक शरण मिल जाने से राजनीती उनके खिलाफ कुछ नहीं कर रही हे और उन डकेतों को जिन्होंने कई घर बर्बाद किये के महिलाओं को विधवा किया उनेक खिलाफ कोई कार्यवाही सरकार नहीं कर रही हे इसलियें अब जंगलों में डकेतों से निपटने के लियें उन्हें खुद को अपने साथियों के साठ मुकाबला करने के लियें हथियार लेकर निकलना पढ़ रहा हे ।
डोक्टर किरोड़ी सांसद की इस डकेतों के खिलाफ यात्रा में कई उनके साथी हे और कई पुलिस कर्मी उनकी सुरक्षा कर रहे हें सवाल यह हे के अगर किरोड़ी केवल राजनीती कर रहे हें तो फिर सरकार उनकी सुरक्षा क्यूँ कर रही हे हथियार लाइसेंसी हें या नहीं इसकी जांच क्यूँ नहीं कर रही और अगर वास्तव में जंगल में डकेत हें तो फिर अभियान चला कर इन डकेतों को खत्म क्यूँ नहीं कर रही । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्या मनमाना फेसला देने वाले जज के खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए

हाल ही में गुजरात और पुरे देश को हिला देने वाली खतरनाक घटना गोधरा काण्ड के आरोपियों को फांसी और कुछ को ऊमर केद की सजा सुनाई गयी हे और कुछ को बरी कर दिया गया हे फेसला सही हे या गलत इस मामले में अपील न्यायालय इसकी जांच करेगी लेकिन जरा सोचो जिन मास्टर माइंड बनाये गये लगों को बरी किया गया हे अगर उन्हें हाईकोर्ट सजा के लायक मानता हे या जिन्हें सजा दी गयी हे उन्हें बरी के लायक मानता हे तो किया हाईकोर्ट अपने अधीनस्थ जज के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा यह एक सवाल हे जो देश की न्याय व्यवस्था और उससे ट्रस्ट लोगों के लियें महत्वपूर्ण बन गया हे ।
देश में कानून हे नीचे की अदालत अगर बरी करती हे तो उस के खिलाफ अपील होगी ,अगर नीचे की अदालत सज़ा देती हे तो हाईकोर्ट में अपील होगी और कई फेसले ऐसे भी होते हें जो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जाकर उल्ट जाते हें या फिर बदल जाते हें जो लोग जेल में सिसकते रहते हें उन्हें सालों बाद बरी कर दिया जाता हे या जो लोग बाहर न्याय व्यवस्था का मखोल उड़ाते रहते हें उन्हें बाद में जेल भेज दिया जाता हे लेकिन इस मामले में एक गलत फेसला देने वाले अधीनस्थ जज के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती और हालात यह हें के मिडिया में छाने के लियें कई जज अजीबोगरीब फेसले दे रहे हें जिनका कोई विधिक अस्तित्व नहीं हे , न्यायिक व्यवस्था के बारे में राजस्थान की स्थिति यह हे के यहाँ मजिस्ट्रेटों को बिना किसी विधिक प्रक्रिया के फास्ट ट्रेक जज बना दिया गया जो मजिस्ट्रेट तीन वर्ष तक की ही सज़ा दे सकता हे उस मजिस्ट्रेट को फांसी की सजा दें का अख्तियार दे दिया कोटा में कई मामलों में फास्ट ट्रेक जज जिसकी मानसिकता केवल मजिस्ट्रेट की थी उन्होंने लोगों को फांसी की सज़ा सुनाई लेकिन हाईकोर्ट ने अपील पेश होते ही दुसरे दिन फांसी की सजा खारिज कर दी तो जिन मामलों में फांसी की सजा एक तमाशा बनाई जाती हो वहां अगर सजा उलटी जाये तो ऐसे जज को बख्शना नहीं चाहिए उनके खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए , राजस्थान में फिर ऐ डी जे की परीक्षाएं हुईं क्योंकि यह फास्ट ट्रेक जज कार्यवाहक जज थे इनको मजिस्ट्रेट का ही दर्जा था इसलियें यह भी जज बनना चाहते थे इन्होने राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा ली गयी जज की परीक्षा में हिस्सा लिया ओर सभी जज के पद पर कार्यरत मजिस्ट्रेट फेल हो गये यानि हाईकोर्ट राजस्थान ने जिन लोगों को जज का काम देकर फांसी की सज़ा देने का अख्तियार दे रखा हे वोह जज हाईकोर्ट ने फेल कर दिए और उन्हें जज बनने लायक नहीं माना लेकिन सिस्टम देखिये फिर भी वही मजिस्ट्रेट जज का काम गेर कानूनी तरीके से कर रहे हे ।
ऐसी अनियमितताओं में देश की न्यायिक व्यवस्था में अराजकता तो आ ही रही हे सब जानते हें हाईकोर्ट के जज की नियुक्ति केसे होती हे अभी राजस्थान में जज की नियुक्तियों में भ्रस्ताचार का भंडा फोड़ हुआ हे रिटायर होने के बाद यह जज साहब कहा केसे राजनेताओं के तलवे चाट कर खुद को किसी आयोग में कुछ बना दें के प्रयासं में रहते हे यह कहानिया किसी से छुपी नहीं हे ऐसे में न्यायिक अराजकता को सूधारने के लियें अगर फेसला बदलता हे तो निचली अदालत के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही होना चाहिए ताकि प्रारम्भ से ही फेसला अंदाज़े और जज्बात के आधार पर नहीं न्यायिक गुणवत्ता के आधार पर हो ।
गोधरा मामले में बचाव पक्ष के वकील आई एम मुंशी ने जब मिडिया को बताया की अभी फेसले की कोपी उन्हें नहीं मिली हे तो देश के किसी भी कानून के जानकार या मिडिया ने या हाईकोर्ट सुप्रीमकोर्ट ने गोधरा के जज साहब से यह सवाल नहीं किया के हमारे देश के संविधान हमारे देश के दंड विधान दंड प्रक्रिया संहिता में किसी भी अभियुक्त को सज़ा देने पर तुरंत मुफ्त नकल दिया जाना आवश्यक हे लेकिन इस गम्भीर मामले में अगर नकल वक्त पर नहीं दी गयी तो विधि नियमों का उल्न्न्घन तो क्या ही गया हे आखिर कोनसी मजबूरी थी जो दोषी लोगों को तुरंत फेसले की नकल नहीं दी गयी फेसले की इतनी लम्बी तारीख प्रावधान के तहत हाईकोर्ट से फांसी के फेसले की पुष्ठी फिर भी नकल वक्त पर नहीं यह अनियमितता नहीं तो और क्या हे ।
देश की अदालतें फेसला कुछ भी दे किसी को कोई एतराज़ नहीं लेकिन हाईकोर्ट में समीक्षा के बाद अगर फेसले में मनमानी ,लापरवाही या जज्बात या अंदाज़े के आधार पर फेसला देने का मामला प्रमाणित होता हे तो ऐसे बेपरवाही से गम्भीर फेसले देने वाले जजों का फेसला उलटते वक्त ऐसे जजों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही का प्रावधान होना चाहिए क्योंकि देश की जनता इतनी सस्ती नहीं के सालों जेल में रहने के बाद उसे पता चले के उस पर गलत आरोप हे उसे बरी कर दिया गया हे और जज साहब मजे करते रहें तो दोस्तों न्यायिक व्यवस्था के सुधर के लियें इस प्रश्न को आगे बढाये देश बचाएं देश में निष्पक्ष गुणवत्ता वाली न्यायिक व्यवस्था लायें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1.3.11

महा शिवरात्रि पर गूंजेगा हर हर बम बम

दोस्तों देश के सबसे बढ़े त्यौहार महा शिवरात्रि पर देश के सभी नागरिकों को मुबारकबाद , कल महाशिवरात्रि हे आस्था का दिन हे पूजा अर्चना ,उपवास ,व्रत का दिन हे इस दिन देश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी मन्दिरों पर महाशिवरात्रि की गूंज होगी हर हर बम बम का नारा होगा और इस दिन कई लोग भांग के मजे भी लेंगे ।
कोटा में इस अवसर पर कर्णेश्वर महादेव पर मेला लगेगा ,नीलकंठ महादेव पर अभिषेक होगा,शिव पूरी धाम में शिवलिंग की प्रतिष्ठा होगी ,गो कर्णेश्वर महादेव के मन्दिर पर रुद्रभिशिक होगा ,पंच मुखी महादेव मन्दिर समिति में ३२ जोड़ों का सामूहिक विवाह होगा तो देश भर के मन्दिरों में इस अवसर पर झांकियां जमेंगी ।
सभी ब्लोगर भाईयों बहनों को इस शुभ अवसर पर मुबारकबाद बधाई । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

28.2.11

ब्लोगगिरी पांचवां स्तम्भ लेकिन भाईगिरी और उठाईगिरी से तंग हे यह स्तम्भ

देश में ही नही विश्व में इन दिनों ब्लोगिंग की दुनिया मिडिया के रूप में पांचवां स्तम्भ बन गयी हे , इस ब्लोगिंग को हमारे देश भारत में एक नई पहचान मिली हे और आज इसीलियें ब्लोगिंग की दुनिया में रंगा रंग भार हे प्यार हे अपनापन हे लेकिन यह समाज हे यहाँ कुछ बुरे भी लोग खुदा ने बनाये हें जो इस मिठास भरी दुनिया को जहर भरी बनाने के प्रयासों में जुटे हें लेकिन हम सभी अगर कोशिश करेंगे तो रूठे हुए हमारे भाई नाराज़ गुस्से में अलग हुए हमारे अपने फिर से एक साथ जुड़ जायेंगे और इस पांचवें स्तम्भ के जरिये हम देश को गिरने से बचा कर फिर से एकजुट कर विश्व स्तर पर खड़ा करने में कामयाब हो सकेंगे ।
दोस्तों यह मेरी एक परिकल्पना सपना नहीं हे एक कोशिश हे जो इंशा अल्लाह इश्वर की क्रपा से आप लोगों की महनत से जल्द अज जल्द पूरी होकर रहेगी । ब्लोगिंग की दुनिया का इन दिनों मिडिया में भी बोलबाला हो गया हे यहाँ रचनात्मक लेखन, खबरें,कहानी,कविता,लेख और एक से एक बहतरीन रचनात्मक लेखन से यह दुनिया मालामाल हो गयी हे इस ब्लोगिंग को सभी ब्लोगर भाइयों ने सम्मान देते हुए ताकतवर बनाया हे ख़ुशी की बात यह हे के हर वर्ग हर समाज हर आयु वर्ग के लोग इस ब्लोगिंग की दुनिया से जुड़ गये हें और पांचवें स्तम्भ को चारों स्तम्भ से पहला स्तम्भ बनाने में जुटे हें , यहाँ भाही चारा सद्भावना एक दुसरे की मदद का माहोल हे प्यार दो प्यार दो प्यार लो का नारा आम हे बहने और भाई मिलकर इस दुनिया को सजा संवार रहे हें , हालात यह हे के एक परिवार जब बचा होता हे तो फिर वोह अपना कमरा फिर किचन कर के दो परिवारों में बंट जाता हे कभी प्यार तो कभी तकरार का माहोल एक बढ़े परिवार में होता हे और यह सब इस दुनिया में होने लगा हे ब्लोगिंग को संवारने और जन जन तक पहुँचने के लियें आसान करने के लियें कई रचनात्मक लेखन वाले भाइयों ने ग्रुप हाँ ग्रुप यानि खेमे बना लिए हें लेकिन ख़ुशी की बात यह हे के सभी ग्रुप एक ही सोच रचनात्मक सोच राष्ट्रीयता की सोच भाईचारे और सद्भावना की सोच लिए चल रहे हें सभी ब्लोगर भाई बहने और ब्लोगिंग गुट देश में फेल रही अराजकता से दुखी हे , भ्रस्ताचार को देख कर इसे केसे दूर किया जाए इस पर चिन्तन कर रहे हें राजनीती के स्तर में गिरावट को लेकर सभी परेशान हे हेरान हें इसलियें दोस्तों ब्लगो गुट चाहे अलग अलग हों लेकिन भारत बचाओं का नारा सार्थक करने की सोच सभी ब्लोगरों की एक हे और यह ब्लोगिंग की इस दुनिया के लियें गोरव की बात हे ।
दोस्तों कहावत हे जहां अच्छाई होती हे वहां बुराई भी होती हे जहां राम होते हें वहां रावण भी होता हे जहां कृष्ण होते हें वहां कंस भी होता हे जहां हसन हुसेन होते हें वहां यज़ीद भी होता हे जहां पांडव होते हें वहां कोर्व भी होते हें इतिहास गवाह हे जब जब भी बुराई ने अच्छाई पर हमला किया हे बुराई ने मुंह की खाई हे और ब्लोगिंग की दुनिया में भी कुछ हे जो कंस,यज़ीद,रावण,कोरव के वंशज हे और वोह इस दुनिया में जहर घोलने की कोशिशों में जुट गये हें पहले तो हम और आप यह समझते थे हाथी निकलता तो कुत्ते भोंकते हें इसलियें चुप हो जाया करते थे लेकिन कहते हें एक मछली तालाब को गंदा कर देती हे लेकिन यहाँ इस ब्लोगिंग की दुनिया को बदनाम करने के लियें इसमें कडवाहट घोलने के लियें कुछ लोग हें जो एक मिशन बना कर काम पर जुटे हें दोस्तों उनसे घबराने की जरूरत नहीं यह सही हे कुछ बुरों का भी ग्रुप हे लेकिन मेरा उन सभी से आग्रह हे के ऐसे सभी भटके हुए भाई खुद को सम्भाले अपना गुस्सा त्यागे बेठ कर बात करें किसी का लेकन अगर पसंद नहीं तो उसे रचनात्मक सुझाव दें बेठ के बात करें लेकिन एक दुसरे को बुरा कहना एक दुसरे को गाली बकना नफरत और घ्रणा फेलाना इस ब्लोगिंग के लियें अच्छा नहीं हे वायरस आते हे लेकिन ज्यादा दिन ज़िंदा नहीं रहते इसलियें दोस्तों सब मिलजुल कर चलो बढा दिल रखो किसी से कोई गलती होती हे तो रचनात्मक सुझावों के साथ उसको सूधारने का मोका दो यूँ ब्लॉग गिरी को भाईगिरी ,गुंडागिरी और दादागिरी उठाई गिरी में मत बदलो प्लीज़ ........ दोस्तों में एक बात और याद दिलाऊं ब्लोगिंग की दुनिया कानून के जानकार इतने सक्षम हे के वोह छद्म नामों से ब्लोगिंग करने और संदेश भेजने वालों को साइबर कानून के प्रावधानों के तहत साइबर तकनीक जो हर ब्लॉग और संदेश हर आई डी को एक अंक देती हे और उससे क्तिना ही छुप कर कोई गंदगी फेलाए वोह पकड़ में आ जाता हे और ऐसे आदमी के खिलाफ गेर जमानती अपराध की कार्यवाही होती हे लेकिन खुदा करें किसी भी ब्लोगर को सूधारने के लियें इतना बढ़ा कदम कभी किसी को उठा ने की जरूरत न पढ़े तो दोस्तों,बहनों ,भाइयों और बुजुर्गों आओ हम सब मिलकर इस ब्लोगिंग की दुनिया को बुलंदियों पर पहुंचाए कुछ ऐसा लिखें कुछ ऐसा करें के देश के दुश्मन बने लोगों से इस देश को बचाएं । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ब्लोगगिरी पांचवां स्तम्भ लेकिन भाईगिरी और उठाईगिरी से तंग हे यह स्तम्भ

देश में ही नही विश्व में इन दिनों ब्लोगिंग की दुनिया मिडिया के रूप में पांचवां स्तम्भ बन गयी हे , इस ब्लोगिंग को हमारे देश भारत में एक नई पहचान मिली हे और आज इसीलियें ब्लोगिंग की दुनिया में रंगा रंग भार हे प्यार हे अपनापन हे लेकिन यह समाज हे यहाँ कुछ बुरे भी लोग खुदा ने बनाये हें जो इस मिठास भरी दुनिया को जहर भरी बनाने के प्रयासों में जुटे हें लेकिन हम सभी अगर कोशिश करेंगे तो रूठे हुए हमारे भाई नाराज़ गुस्से में अलग हुए हमारे अपने फिर से एक साथ जुड़ जायेंगे और इस पांचवें स्तम्भ के जरिये हम देश को गिरने से बचा कर फिर से एकजुट कर विश्व स्तर पर खड़ा करने में कामयाब हो सकेंगे ।
दोस्तों यह मेरी एक परिकल्पना सपना नहीं हे एक कोशिश हे जो इंशा अल्लाह इश्वर की क्रपा से आप लोगों की महनत से जल्द अज जल्द पूरी होकर रहेगी । ब्लोगिंग की दुनिया का इन दिनों मिडिया में भी बोलबाला हो गया हे यहाँ रचनात्मक लेखन, खबरें,कहानी,कविता,लेख और एक से एक बहतरीन रचनात्मक लेखन से यह दुनिया मालामाल हो गयी हे इस ब्लोगिंग को सभी ब्लोगर भाइयों ने सम्मान देते हुए ताकतवर बनाया हे ख़ुशी की बात यह हे के हर वर्ग हर समाज हर आयु वर्ग के लोग इस ब्लोगिंग की दुनिया से जुड़ गये हें और पांचवें स्तम्भ को चारों स्तम्भ से पहला स्तम्भ बनाने में जुटे हें , यहाँ भाही चारा सद्भावना एक दुसरे की मदद का माहोल हे प्यार दो प्यार दो प्यार लो का नारा आम हे बहने और भाई मिलकर इस दुनिया को सजा संवार रहे हें , हालात यह हे के एक परिवार जब बचा होता हे तो फिर वोह अपना कमरा फिर किचन कर के दो परिवारों में बंट जाता हे कभी प्यार तो कभी तकरार का माहोल एक बढ़े परिवार में होता हे और यह सब इस दुनिया में होने लगा हे ब्लोगिंग को संवारने और जन जन तक पहुँचने के लियें आसान करने के लियें कई रचनात्मक लेखन वाले भाइयों ने ग्रुप हाँ ग्रुप यानि खेमे बना लिए हें लेकिन ख़ुशी की बात यह हे के सभी ग्रुप एक ही सोच रचनात्मक सोच राष्ट्रीयता की सोच भाईचारे और सद्भावना की सोच लिए चल रहे हें सभी ब्लोगर भाई बहने और ब्लोगिंग गुट देश में फेल रही अराजकता से दुखी हे , भ्रस्ताचार को देख कर इसे केसे दूर किया जाए इस पर चिन्तन कर रहे हें राजनीती के स्तर में गिरावट को लेकर सभी परेशान हे हेरान हें इसलियें दोस्तों ब्लगो गुट चाहे अलग अलग हों लेकिन भारत बचाओं का नारा सार्थक करने की सोच सभी ब्लोगरों की एक हे और यह ब्लोगिंग की इस दुनिया के लियें गोरव की बात हे ।
दोस्तों कहावत हे जहां अच्छाई होती हे वहां बुराई भी होती हे जहां राम होते हें वहां रावण भी होता हे जहां कृष्ण होते हें वहां कंस भी होता हे जहां हसन हुसेन होते हें वहां यज़ीद भी होता हे जहां पांडव होते हें वहां कोर्व भी होते हें इतिहास गवाह हे जब जब भी बुराई ने अच्छाई पर हमला किया हे बुराई ने मुंह की खाई हे और ब्लोगिंग की दुनिया में भी कुछ हे जो कंस,यज़ीद,रावण,कोरव के वंशज हे और वोह इस दुनिया में जहर घोलने की कोशिशों में जुट गये हें पहले तो हम और आप यह समझते थे हाथी निकलता तो कुत्ते भोंकते हें इसलियें चुप हो जाया करते थे लेकिन कहते हें एक मछली तालाब को गंदा कर देती हे लेकिन यहाँ इस ब्लोगिंग की दुनिया को बदनाम करने के लियें इसमें कडवाहट घोलने के लियें कुछ लोग हें जो एक मिशन बना कर काम पर जुटे हें दोस्तों उनसे घबराने की जरूरत नहीं यह सही हे कुछ बुरों का भी ग्रुप हे लेकिन मेरा उन सभी से आग्रह हे के ऐसे सभी भटके हुए भाई खुद को सम्भाले अपना गुस्सा त्यागे बेठ कर बात करें किसी का लेकन अगर पसंद नहीं तो उसे रचनात्मक सुझाव दें बेठ के बात करें लेकिन एक दुसरे को बुरा कहना एक दुसरे को गाली बकना नफरत और घ्रणा फेलाना इस ब्लोगिंग के लियें अच्छा नहीं हे वायरस आते हे लेकिन ज्यादा दिन ज़िंदा नहीं रहते इसलियें दोस्तों सब मिलजुल कर चलो बढा दिल रखो किसी से कोई गलती होती हे तो रचनात्मक सुझावों के साथ उसको सूधारने का मोका दो यूँ ब्लॉग गिरी को भाईगिरी ,गुंडागिरी और दादागिरी उठाई गिरी में मत बदलो प्लीज़ ........ दोस्तों में एक बात और याद दिलाऊं ब्लोगिंग की दुनिया कानून के जानकार इतने सक्षम हे के वोह छद्म नामों से ब्लोगिंग करने और संदेश भेजने वालों को साइबर कानून के प्रावधानों के तहत साइबर तकनीक जो हर ब्लॉग और संदेश हर आई डी को एक अंक देती हे और उससे क्तिना ही छुप कर कोई गंदगी फेलाए वोह पकड़ में आ जाता हे और ऐसे आदमी के खिलाफ गेर जमानती अपराध की कार्यवाही होती हे लेकिन खुदा करें किसी भी ब्लोगर को सूधारने के लियें इतना बढ़ा कदम कभी किसी को उठा ने की जरूरत न पढ़े तो दोस्तों,बहनों ,भाइयों और बुजुर्गों आओ हम सब मिलकर इस ब्लोगिंग की दुनिया को बुलंदियों पर पहुंचाए कुछ ऐसा लिखें कुछ ऐसा करें के देश के दुश्मन बने लोगों से इस देश को बचाएं । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

योग से भोग और फिर भोग से राजनीति तक

जी हाँ दोस्तों जिन साधू संत मोलवियों और योग गुरुओं का देश में नेतिक शिक्षा देना देश को स्वास्थ शिक्षा देने का काम था आज वोह अ मोह मायाजाल में फंस कर राजनीति में आ गये हें चाहे साधू हों चाहे संत हो क्गागे मोलाना हों चाहे योग गुरु हों सभी लोग देश को उकसाकर कोई मुद्दा भुना कर राजनीती में लगे हें और हर बार जो भी पार्टी विपक्ष में होती हे वही इस विपरीत कालीन व्यवस्था को बढ़ावा देते हें ।
अभी हाला ही में देश में भ्रस्ताचार और काले धन के मुद्दे पर योग गुरु बाबा रामदेव ने एक रेली करी बाबा रामदेव का मुद्दा भ्रस्ताचार के खिलाफ बोलना काले धन को उजागर कर दोषियों को दंडित कर इस धन को वापस देश में लाना पुरे देश को अच्छा लगा हे में भी इसका समर्थक हूँ और खुदा करे बाबा रामदेव इस देश के भ्रष्ट बेईमान लोगों को सज़ा दिलवाएं लेकिन अगर इस राजनीति हो इस नाम पर ब्लेकमेलिंग हो तो ऐसे मुद्दों को जनता में भ्रम फेला कर माहोल बिगड़ने वालों को सरे आम फांसी की सजा का प्रावधान होना चाहिए सारा देश जानता हे बोफोर्स,फेयरफेक्स का तमाशा क्या हुआ था लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात आज भाजपा के रामदेव को सपोर्ट हे तो भाजपा रामदेवजी को राज्यसभा में क्यूँ नहीं लेजाती क्यूँ राज्यसभा में एक इमानदार योगगुरु को लेजाकर भ्रष्ट और बेईमान लोगों के खिलाफ बोलने का अवसर नहीं दिया जाता ।
अभी बाबा रामदेव ने रेली करी सारा देश जानता हे किसी भी नेता का नाम लेकर उसे भर्स्ट नहीं कहा गया लोग सोचते थे भ्रस्ताचार के बढ़े बढ़े सबूत उजागर होंगे देश के कई नेता नंगे होंगे लेकिन क्या हुआ कोन भर्स्ट हे काला धन किसके पास हे सबूत कहाँ हे बाबा रामदेव कहते हें वक्त आने पर बताऊंगा वोह कहते प्रधानमन्त्री ईमानदार हे दोहरी बात एक भ्रस्ताचार फेलाने वाला कोई भी व्यक्ति या भ्रस्ताचार होता हुआ देख कर चुप रहने वाला कोई भी व्यक्ति अगर इमानदार कहा जाये तो कहने वाले की मानसिकता क्या हे समझ लेना चाहिए एक व्यक्ति कहे देश के नेता भ्रष्ट हें देश में कला धन हे और मेरे सबूत हें और वोह सबूत जनता को नहीं बताये जाएँ जनता से छुपाये जाएँ तो फिर इसे ब्लेकमेलिंग नहीं तो क्या कहेंगे सारे नेता भ्रष्ट हें प्रधानमन्त्री मनमोहन इमानदार हें और भ्रष्ट कोन हे उसका नाम किसी को नहीं बताया जा रहा हे नाम नहीं लिया जा रहा हे तो फिर क्या यह मुहीम भ्रस्ताचार के खिलाफ हे नहीं न तो दोस्तों भ्रस्ताचार की किसी भी लड़ाई में आप हो चाहे में हूँ सब मिलकर लड़ने को तय्यार बेठे हें लेकिन सबूत जो आपके पास हें छुपा कर मत रखो जनता को बताओ और अगर सबूत आप अपने पास रखते हो मांगने पर भी नहीं बताते नाम किसी का लेते नहीं हो तो फिर सारा देश जानता हे के ब्लेकमेलिंग की कला क्या हे और यह देश इस देश का आसमान ना जाने कहा गयी ब्लेक्मेल्रों को केसे केसे जनता कुछ क्षण कुछ पल के लियें बेवकूफ बन सकती हे लेकिन सबूत नहीं मिले तो फिर सडकों पर तुम्हारे खिलाफ भी आ सकती हे इसलियें देश के भ्रष्ट लोगों के खिलाफ बाबा सबूत पेश करों और इस लड़ाई में हमें भी शामिल करो ।
दोस्तों यह अपना देश हे यहाँ की जनता जनार्दन अपना सबकुछ त्याग कर जिसे सर पर बता कर घुमती हे उसकी पोल खुलने पर उसको सरे राह पीट पीट कर लहुलुहान भी करती हे इसलियें जय भारत जय जनता । अख्तर कहाँ अकेला कोटा राजस्थान

27.2.11

क्या यही प्यार हे ..... हाँ यही प्यार हे ...

दोस्तों जिंदगी और दुनिया का एक सच प्यार सीमाओं को नहीं देखता हे प्यार तोड़ता नहीं हे प्यार जोड़ता हे प्यार न धर्म,ना जाती , न समाज , न अमीरी गरीबी को देखता हे यह तो बस हो जाता हे और जो इस प्यार को निभा लेता हे वोह अम्र हो जाता हे बहुत जोड़े हें जो प्यार में विरह के कारण अमर हो गये लेकिन कुछ खुश नसीब ऐसे भी हें जिन्हें जद्दो जहद और अपने समर्पण के कारण प्यार नसीब होता हे और शायद यही प्यार हे ।
दोस्तों मेरे एक अधीनस्थ सहयोगी साथी वकील नईमुद्दीन काजी हें दो वर्ष पूर्व उन्होंने एक निधि शर्मा नामक लडकी से प्यार की बात जब मुझे बताई तो मेने उनको इस आग से दूर रहने की सलाह दी नईमुद्दीन को निधि शर्मा की मान बहुत प्यार करती थी और आखरी वक्त में जब वोह केंसर से पीड़ित थीं तो एक पुत्र की तरह नईमुद्दीन ने उनकी सेवा की मान की इच्छा थी की उनकी इकलोती बेटी का ख्याल उनके प्रति समर्पित नोजवान नईमुद्दीन ही रखे इसके लियें उन्होंने इच्छा भी ज़ाहिर की । कुदरत निष्ठुर होती हे परीक्षाएं लेती हे निधि शर्मा जिस फेक्ट्री में अधिकारी थे वोह फेक्ट्री जे के बंद हो गयी मां केसर के बाद खुदा को प्यारी हो गयी और भाई अचानक ट्रेन के नीचे आने से दोनों पैर गंवा बेठे भाई अंकुर हिम्मत वाले थे खुदा ने उन्हें बचा लिया इस वक्त भी हर कदम पर नेम इस परिवार के साथ डटे रहे खून देने से लेकर पसीना बहाने तक सभी काम इस नोजवान ने किये और बस प्यार हो गया , मेने मेरे सहयोगी नईमुद्दीन को समझाया के असम्भव हे इसलियें इस रिश्ते को भूल जाओ क्योंकि तुम दोनों के परिजन मानेंगे नहीं और अपराध हम करने नहीं देंगे । यकीन मानिये नईमुद्दीन ने भरोसे से कहा के अगर मेरे और निधि के परिजन राज़ी नहीं होंगे तो हम समाज को बदनाम नहीं करेंगे लेकिन कहते हें के प्यार के आगे सब नत मस्तक होते हें और फिर समर्पित प्यार तो भगवान का दुसरा भरोसा होता हे निधि शर्मा के पिता और नईमुद्दीन के पिता दोनों मिले दोनों ने पहले तो स्पेशल मेरिज एक्ट में कोर्ट मेरिज की बात कही जब दोनों के पिता मेरे पास आये तो मुझे अजीब सा लगा में नईमुद्दीन, निधि शर्मा ,और दोनों के पिता जब कोटा कलेक्टर टी रविकांत के पास पहुंचे तो उन्हें खुद को ताज्जुब हुआ उन्होंने निधि के पिता से अकेले में बातें की सच और झूंठ जान लेकिन जब वोह संतुष्ट हुए तो दोनों को आशीर्वाद देकर मेरिज रजिस्टर्ड कर दी ।
यह तो हुई चोरी छुपे प्यार और विवाह की बात लेकिन निधि शर्मा समाज से मुंह चुराने वाले नहीं थे उन्होंने और नईमुद्दीन काजी के पिता ने संकल्प लिया के कार्यक्रम सार्वजनिक करेंगे एक तरफ ब्राह्मण परिवार दूसरी तरफ काजी परिवार लेकिन चारों तरफ प्यार ही प्यार बस कल २७ फरवरी तारीख तय हुई नईमुद्दीन और निधि के परिजनों ने शादी के कार्ड छापे और उनमें नाम नईमुद्दीन वेड्स निधि शर्मा और निधि शर्मा वेड्स नईमुद्दीन काजी छपने के बाद जब रिश्तेदारों और मित्रों तक पहुंचाए गये तो सब भोच्क्के रह गये एक बार तो लोगों को यकीन नहीं आया के प्यार में इतना साहस भी होता हे जो सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार कर ले फिर कल शादी में सभी वर्ग सभी धर्म के लोग मिल जुल रहे थे और गंगा जमनी संस्क्रती के इस विवाह को आशीर्वाद दे रहे थे आज नईमुद्दीन का रिसेप्शन हे कल विदाई हुई हे , तो दोस्तों कोई काम नहीं हे मुश्किल जब क्या इरादा पक्का और शायद यही प्यार हे ...... ऐसे में इश्वर खुदा का पैगाम के विवाह तो अर्श पर तय होते हें लेकिन रस्में फर्श पर निभाई जाती हे तो जनाब यह वही विवाह हे जो कोटा के इतिहास में पहला विवाह बन गया हे वरना मुंबई फ़िल्मी दुनिया में तो यह आम बात हे दोनों मोहब्बत करने वालों को सलाम खुदा दोनों को सलामत और जीवन भर खुश रखे आमीन आमीन आमीन । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Saturday, February 26, 2011

वैकल्पिक विवाद निस्तारण केंद्र का शिलान्यास

राजस्थान में राष्ट्रीय विधिक न्यायिक प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश ने दोसा में पहले वैकल्पिक विवाद निस्तारण केंद्र का शिलान्यास किया ,उक्त समारोह में राजस्थान के मुख्य न्यायधीश ऐ के मिश्र और मुख्यमत्री अशोक गहलोत भी शामिल थे ।
वैकल्पिक विवाद निस्तारण में अदालत के अलावा दुसरे माध्यमों से जनता के विवादों के निस्तारण के प्रयास शामिल हें जिनमें पंच फेसले, राजीनामे से फेसले और विवाद के पूर्व समझाइश से मामलों का निस्तारण शामिल हे राजस्थान के मुख्य न्यायधीश ने कहा के इस पहल में हमने राजस्थान में अब तक ७० हजार से भी अधिक मामलों का निस्तारण मेघा लोक अदालत के माध्यम से कर डाला हे । राजस्थान में ग्रामीण न्यायालय और दुसरे माध्यमों से मुकदमों के निस्तारण का भी बखान किया गया यहाँ ऐसे १८ केंद्र खोलने की योजना हे , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस अवसर पर प्रकरणों के त्वरित निस्तारण पर जोर दिया ।
सुप्रीम कोर्ट , हाईकोर्ट और सरकार सभी मिलकर अनावश्यक रुपया खर्च करने में लगे हें लेकिन धरातल पर आगर हम देखते हें तो सेठी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक मजिस्ट्रेट जजों की नियुक्ति नहीं हे राजस्थान में सेकड़ों मजिस्ट्रेट और जजों के पद रिक्त पढ़े हें हालात यह हें के हाईकोर्ट में भी एक दर्जन जज के पद रिक्त पढ़े हें जो जज हे उनकी हालत सब जानते हें निचली अदालतों में मजिस्ट्रेट और जज चेम्बर में बेठे रहते हें अदालत में सुनवाई में कितना वक्त देते हें यह तो अगर सभी न्यायालयों में कमरे लगा दिए जाएँ तो खूद ही पता चल जाएगा के कोनमजिस्ट्रेट कोन जज कितना काम कर रहा हे हाईकोर्ट के हाल यह हे के यहाँ एक मामला अगर पेश हो जाए तो फिर सालों उसकी सुनवाई नहीं होती जो लोग जेल में बंद हें उनके हाल बहुत बुरे हें हाल यह हें के कई बरसों तक उनकी सुनवाई नहीं हे जबकि जजों को हिदायत होता चाहिए के एक अपील जिसमें मुलजिम जेल में हें उसका जो भी निस्तारण हो वोह प्राथमिक सुनवाई के दोरान तुरंत किया जाए लेकिन ऐसा होता नहीं हे सरकार की स्थिति यह हे के यहाँ न्यायालयों के लियें बजट नहीं हे और सेकड़ों न्यायालयों में जजों के पद रिक्त हे राजस्थान में हर जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और कार्यपालक मजिस्ट्रेट में एस डी एम और ऐ डी एम प्रशासनिक कार्यों में लगे रहते हें और हालात यह हें के इन पद वाले अधिकारीयों के पास जो काम होते हे वहां तारीख पर तारीख ही पद्धति रहती हे ऐसे में इन पदों पर भी एक प्रशासनिक और एक न्यायिक दो अधिकारीयों की नियुक्ति होना चाहिए ताकि मुकदमों का त्वरित निस्तारण हो सके लेकिन देश में स्थायी लोक अदालत का बोलबाला किया जा रहा हे हालात यह हें के इस स्थायी लोक अदालत की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लियें हमारे देश में जो अल्तमश कबीर राष्ट्रीय अध्यक्ष हें वही चेक के मामले में चेक के कानून से अलग हट कर समझोते के दोरान अनावश्यक १५ प्रतिशत स्थाई लोक अदालत में जमा करने का पक्षकारों पर भार डाल देते हें ऐसे में केसे पक्षकारों को सस्ता सुलभ और त्वरित न्याय मिल सकेगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान