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20.12.10

तेरे सुर से हम सुर मिलायेंगे

जी हाँ दोस्तों तेरे सुर से हम सुर मिलायेंगे जो हो पसंद तुझ को वही बात हम कहेंगे इसी तर्ज़ पर कल कोंग्रेस का महा अधिवेशन समोण हुआ अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य सोनिया गाँधी का अध्यक्ष कार्यकाल तीन वर्ष से बढा कर पांच वर्ष करना था लेकिन इस अधिवेशन में ख़ास कर राहुल के लियें विक्लिक्स वेबसाईट के बयान के बाद उपजे विवाद को मुख्य आधार नया गया ।
कोंग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने बयान का भावार्थ बदल कर पुर जोर शब्दों में कहा के देश में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक दोनों तरह के ही आतंकवाद घातक हें , सोनिया ने भ्रस्ताचार के मुद्दों को भी गोण कर दिया और मनमोहन सिंह के गुणगान शुरू कर दिए , खुद राहुल गांधी ने भी अधिवेशन में अपनी ही बात को दुसरे तरीके से दोहराया लेकिन कोंग्रेस की मां हो चाहे कोंग्रेस का बेटा हो दोनों की एक बात हु बहू मिलती जुलती रही जिसमें खास बात यह थी की सोनिया और राहुल गाँधी का भाषण खुद का मोलिक नहीं था दोनों ने किसी और से लिखवा कर अपना भाषण पढ़ा हे अब दिग्विजय सिंह ने तो संघ की तुलना हिटलर से कर डाली और कथित राष्ट्र्तवाद का मजाक भी उढ़ाया , कोंग्रेस महा अधिवेशन में ख़ास बात भ्रस्ताचार और महंगाई के मुद्दों पर बात होना थी लेकिन इन मुद्दों से शायद कोंग्रेस को कोई लेना देना नहीं हे इसी लियें देश में चल रही अराजकता के लियें कोंग्रेस ने प्रधानमन्त्री की पीठ थपथपाई और महंगाई और भ्रष्टाचार पर एक शब्द का भी चिन्तन मंथन नहीं किया कुल मिलाकर कोंग्रेस अधिवेशन में देश और समाज के लियें कोई विचार नहीं रखा गया हाँ हमारे देश की सरकार को रिमोट से चलाने वाली दोनों शक्तियाँ सोनिया और राहुल खुद किसी के रिमोट से चलती हुई नजर आयीं और इसीलियें जनता से जुड़े मुद्दों को कोंग्रेस हमेशां की तरह इस बार भी भूल गयी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

19.12.10

मेरी माँ का गंगा स्नान

भारत देश में गंगा नदी को बहुत ही आदर से देखा जाता है. इसे गंगा मैया आदि उपनामों से भारतवासी सुशोभित करते हैं. सर्वधारणा है कि गंगा में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं. इस धारणा को सुनकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे पापियों को पाप करने की खुली छूट मिल गई हो कि भैया चाहे जितने पाप करो और एक दिन आकर गंगा मैया में डुबकी लगा लो. लो धुल गए सारे पाप. अपनी सारी गंदगी गंगा मैया को अर्पण करके फिर से निकल पडो बुरे कामों का एक नया इतिहास लिखने. मैं भी पहले सोचता था कि ये तस्कर, चोर, बदमाश व लुटेरे इत्यादि इतने सारे बुरे कर्म करते हैं तथा जनता को इतना कष्ट देते हैं फिर भी पूरा जीवन प्रसन्नता से व्यतीत करते हैं. जबकि मैंने तो शास्त्रों में पढ़ा था कि बुरे कर्मों का दुष्परिणाम एक न एक दिन अवश्य भोगना पड़ता है. परन्तु मैं अब तक इस बात से अनजान था कि जिस प्रकार जटिल शब्दों को हल करने के लिए कुंजी बनाई जाती है उसी प्रकार शास्त्र लिखनेवाले विद्वानों ने पापों का परिणाम भोगने से बचने के लिए गंगा स्नान रुपी कुंजी पापियों को सुझाई होगी. मुझे गंगा मैया की इस स्थिति को देखकर अत्यंत दुःख होता है कि बेचारी सदियों से इन पापियों की गंदगी को सहती आ रही हैं. और तो और हमारे हिंदू धर्म के रीति रिवाज भी गंगा मैया को गन्दा करने में कोई कसर नहीं छोड़ते. अब देखिये इस नश्वर शरीर के जलने के पश्चात जो अस्थियां शेष बच जाती हैं उन्हें गंगा में प्रवाहित करने का रिवाज है. अब तो विदेशों से भी लोग गंगा मैया में अस्थियां प्रवाहित करने की इच्छा लिए भारत में आने लगे हैं.अब आप ही बताइये गंगा मैया दुखी नहीं होगी तो और क्या करेंगी. अपने देश का बोझ कम था जो अब विदेशियों को भी सहन करो. किन्तु क्या करें रिवाजों को तो नहीं बदला जा सकता.अब चाहें गंगा मैया दुखी हों या सुखी. मेरी माँ को ही ले लीजिए. उनके ह्रदय में गंगा मैया के प्रति महान आदर है और अक्सर गंगा स्नान की मन्नत मांगती रहती हैं. हमारे देश भारत में मन्नत मांगने का रिवाज बहुत प्राचीन है. मन्नत से तात्पर्य है कि अमुक कार्य के पूरा होने पर अमुक कार्य करना. जैसे कि पिछले दिनों एक व्यक्ति ने बिहार में नीतिश कुमार के दोबारा मुख्यमंत्री बनने की मन्नत मांगी थी और जब उसकी मन्नत पूरी हो गयी तो उसने अपने हाथ की एक उंगली काट कर ईश्वर को प्रस्तुत कर दी.परन्तु मेरी माँ के साथ ऐसा नहीं है. वह अक्सर मन्नत तो मांगती हैं किन्तु उसे पूरा करना भूल जाती हैं. उनकी सबसे प्रिय मन्नत है गंगा स्नान करना. हालांकि वह दो-तीन बार गंगा स्नान कर चुकी हैं. एक बार मैं भी बचपन में उनके साथ गंगा स्नान को गया था. वहाँ गंगा मैया में डुबकी लगाते ही गंगा जी के जल में पैसे ढूँढने वाले का डंडा मेरे सर में पड़ा था जिसे अब तक नहीं भूल पाया हूँ. अब वह बेचारा भी क्या करता लोग गंगा मैया के जल में श्रद्धावश सिक्के फैंक जाते हैं और वह अपने डंडे के तले में चारकोल लगाकर उन्हें जल से निकालता रहता था. यही उसका रोजगार था. उस दिन मेरे नन्हे सर के रूप में उसे संभवत सिक्के के ही दर्शन हुए होंगे.तभी उसका डंडा मेरे सर पर पड़ा हो. बचपन से अब तक गंगा स्नान का सौभाग्य मुझ बदनसीब को नहीं मिला है किन्तु फिर सोचता हूँ कि मुझ जैसे बुरे कर्मों से डरने वाले को गंगा स्नान की आवश्यकता भी नहीं है. परन्तु मेरी माँ को गंगा स्नान अत्यधिक भाता है तभी तो गंगा स्नान की मन्नत मांगती रहती हैं. बड़ा भाई जब बेरोजगार था तथा दिल्ली पुलिस में भर्ती के लिए आवेदन किया तो माँ ने झट से मन्नत मांग ली कि बेटा भर्ती हो जाए तो गंगा स्नान करेंगी और साथ में वैष्णो देवी को भी फांस लिया. भाई भर्ती होकर ट्रेनिंग करके आ गया व नौकरी को भी कई साल हो गए किन्तु माता श्री मन्नत पूरी न कर पायीं. कभी कुछ काम पड़ने का बहाना बनाती तो कभी किसी बीमारी का. जब मैं बेरोजगार था तो पूरे परिवार को मेरी माँ का यह वाक्य कंठस्थ हो गया था तेरी नौकरी लग जाये तो मैं गंगा नहा आऊँ. मेरी भी नौकरी लगे कई साल हो गए किन्तु मेरी माँ को गंगा स्नान का समय न मिल पाया. गंगा मैया मेरी माँ के इंतज़ार में अपना समय काटे जा रही हैं किन्तु माँ को फुर्सत ही नहीं मिलती. एक दिन बहनों ने उनसे मजाक में कह दिया माँ लगता है अब तो भाई की शादी करके ही गंगा स्नान करोगी. माँ ने भी चौके पर छक्का मारा और बोलीं कि बेटे की शादी के बाद नहीं बेटी की शादी के बाद गंगा स्नान किया जाता है. बहनों ने भी गुगली फैंकी और पूछा, ‘‘लड़की शादी करने से क्या माँ-बाप का सिर से पाप उतर जाता है जो उसकी शादी के बाद गंगा स्नान किया जाता है?’’ माँ के पास इसका कोई उत्तर न था हाँ किन्तु उनके मन में गंगा मैया के लिए अपार श्रद्धा और गंगा स्नान की इच्छा अवश्य थी. अब देखते हैं कि मेरी माता श्री कब गंगा स्नान के लिए समय निकाल पाती हैं और कई मन्नतें जो उन पर उधार हैं कब तक पूरी हो पाती हैं. गंगा मैया भी नमस्कार मुद्रा में मेरी माँ की प्रतीक्षा में कब से खड़ी हैं.

लम्हा भर की मुस्कुराहट

लम्हा भर की
मुस्कुराहट
और जिंदगी
भर का रोना ,
गरीबी ही
मेरी
अब तो हे
ओड़ना और बिछोना ,
आंसुओं में
भिगोके
जिंदगी को
क्यूँ यूँ
डुबोता हे
उठ चल
आगे चल
देख ले
जिंदगी में
तेरे कोशिश करे
तो बस
सामने हे
सोना ही सोना ।
हिला हाथ
उठ ज़मीं से
उठा ले
ज़मीं पर
पढ़ा यह सोना
वरना
पढ़ा पढ़ा
कोसता रह
अपनी किस्मत को
के जिंदगी में
तेरे हे
रोना ही रोना
होसलों को
बना पंख
एक उड़ान तो भर
फिर देख ले
जो चाहेगा
वही होगा
ओढना तेरा
वही होगा बिछोना तेरा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जिसे ठुकराया वोह भगवान बना हे

इंसान
जिन्होंने
पत्थरों को
ठोकरों में
रखा था
आज वही
पत्थर
मन्दिर में
भवान
बना बेठा हे
कल
जिस पत्थर को
रखा था
ठोकरों में तुने
देख ले आज
उसी के
आगे
तू रोज़
सर झुकाता हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस की बानगी देखिये

आज सुबह सवेरे ट्रेन में मेने अखबार खरीदा तो अख़बार की एक हेडिंग थी के आज राष्ट्रिय बाल अधिकार दिवस हे में अख़बार आगे पढ़ता के पता चला कोटा स्टेशन आ गया मेने अख़बार फोल्ड किया और ट्रेन से अपने कोटा स्टेशन पर उतर गया । में देखता हूँ स्टेशन पर एक लावारिस सा दिखने वाला लडका जो लोगों के कुरते पकड़ कर भीख मांग रहा था , में आगे बढा तो एक ६ साल का बच्चा चाय गर्म चाय गर्म चिल्ला रहा था आगे देखा तो एक पोस्टर सरकार की उपलब्धियों का छपा था जिसमे मुख्यमंत्री की फोटू के साथ घोषणा थी के राजस्थान के हर बच्चे को सरकारी खर्च पर शिक्षा से जोड़ा जाएगा इसके लियें सरकार राज्य में शिक्षा रोज़गार गारंटी पर करोड़ों रूपये खर्च कर रही हे मेरी पोस्टर से नजर हटी के देखता हूँ के एक बच्चा खेल दिखने को आतुर हे तो दूसरा बच्चा ब्रुश और पोलिश लिए पोलिश पोलिश चिल्ला रहा हे आगे चलता हूँ तो एक बच्चा सर्दी से ठिठुरता हुआ कम्बल की तलाश में भटक रहा हे । स्टेशन के बाहर ही एक पटाखे बनाने की खतरनाक फेक्ट्री हे तो इस फेक्ट्री में कई छोटे बच्चे बारूद के ढेर पर बेठ कर काम कर रहे हें कुछ हें के लाख के चुड़े बनाने के काम में जुटे हें , में ओटो में बता और मेने अख़बार खोला तो अख़बार के पुरे पेज पर राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस पर सरकार की उपलब्धिया छपी थी जो विज्ञापन लाखों रूपये का था में सोचता रहा के इस दिन करोड़ों रूपये के विज्ञापन छापने की जगह अगर यह खर्च बच्चों पर होता तो शायद बच्चे कुछ अच्छी स्थिति में होते में घर पहुंचा नहाया धोया और टी वि चला कर जब बता तो फिर वही इलेक्ट्रोनिक मिडिया पर बच्चों के कल्याण के लियें सरकार की कार्यवाही का विज्ञापन था में थका हारा सोचता रहा के हमारे देश में ऐसे ही अगर दिवस बनते रहे तो जिनके लियें यह दिवस बनाये जाते हें वोह तो बेचारे ऐसे ही लावारिस पिसते रहेंगे और नेता अख़बार वाले टी वी वाले इस थर के दिवसों पर मजे करते रहेंगे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

फुल मुस्कुरा रहा हे .....

यह फुल
जो तेरे
नाज़ुक
खुबसूरत से हाथों में
मुस्कुरा रहा हे
अपनी
इस खुशनुमा
किस्मत पर
इतरा रहा हे
इसे मेने
थोड़ी देर पहले
नीचे
जमीन पर
उदास
पढ़ा हुआ
आंसू बहाते भी
देखा हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

18.12.10

राहुल के आतंकवाद बयान पर हंगामा

विक्लिंक्स वेबसाईट पर अमेरिका के राजदूत से हुई बात में राहुल गाँधी द्वारा भारत के आतंकवाद में मुस्लिम आतंकवाद के साथ हिन्दू आतंकवाद का ज़िक्र करने का खुलासा करने पर कथित हिंदूवादी लोग इस पर राजनीती करने लगे हें और मीडिया मेनेजमेट कर राहुल के बढ़ते कदमों को रोकने के प्रयासों में जुट गये हें ।
भारत में अमेरिका के राजदूत की यात्रा के दोरान राहुल गाँधी ने चर्चा के दोरान बयान देने का आरोप हे के राहुल ने कहा था के भारत देश को आन मुस्लिम आतंकवाद से ज्यादा हिन्दू आतंकवाद से खतरा हे जो मुस्लिमों को भडका कर साम्प्रदायिक तनाव पैदा करना चाहते हे इस बयान के खुलासे के बाद भाजपा,संघ सहित सभी हिन्दू वादी संगठनों ने हंगामा खड़ा कर दिया हे और हिन्दू आतंकवाद के मामले में दिए गये बयान को बुरा माँ रहे हें राहुल गांधी को बेचारे को किया पता के देश के अधिकतम लोग ऐसे हें के सच कहोगे तो बुरा मान जायेंगे , राहुल ने अब अपने बयान को फिर स्पष्ट किया हे और कहा हे के उन्होंने कहा था के सभी प्रकार के आतंकवाद और साम्प्रदायिकता से देश को खतरा हे बात सही भी हे के आतंकवाद का जवाब आतंकवाद से देने के लियें अगर भडकाऊ कार्यवाही होगी तो फिर देश में मारकाट और जिस की लाठी उसी की भेंस का कानून बन जाएगा ।
फिलहाल देश के राहुल विरोधी लोगों को एक जुट होकर राहुल के बढ़ते कदम रोकने के लियें लामबंद होने का मोका मिल गया हे कोंग्रेस इस मामले में बचाव की मुद्रा में हे और अगल बगल स्पष्टीकरण के बयान दे रही हे वेसे माले गाँव, हेदराबाद और अजमेर के विस्फोटों के साथ अगर म्हाआत्मा गांधी की हत्या को जोड़ कर देखनें तो कोन कितना आतंकवादी हे पता चल जायेगा ,सब जानते हें के देश में आतंकवाद से सभी को खतरा हे और अमन पसंद लोग इससे चिंतित भी हें लेकिन इसके लियें देश और देश के हम लोग पूरी तरह से ज़िम्मेदार हें हमारी चुप्पी इसके लियें प्रमुख रूप से ज़िम्मेदार हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

गांधी की हत्या का सच छापना महंगा पढ़ा

भारत के राष्ट्रपति महात्मा गाँधी की हत्या में शामिल रहे अलवर महाराजा तेजसिंह और प्रधानमन्त्री को महात्मा गाँधी की हत्या के मामले में सहयोगी होने के कारण उन्हें नजरबंद रखा गया था इस सच को पिछले दिनों कोंग्रेस के दो वर्ष पुरे होने पर अलवर प्रशासन ने एक पुस्तिका में प्रकाशन किया था जिसे अलवर के ऐ डी एम ने सम्पादित किया था वर्तमान में अलवर के सांसद जितेन्द्र सिंह राहुल गाँधी के निकटतम होने से राजस्थान सरकार पर हावी हे और अलवर के आरोपित महाराजा के पोते भी हे , बस इसी लियें इस सच को जिसे कोंग्रेस के मंत्री बृजकिशोर शर्मा ने पत्रकारों के सामने स्वीकार था और एतिहसिकी तथ्य कहा था उसे तुरंत पलट दिया गया यह सच दूर तक नहीं पहुंचे इसलियें प्रकाशित किताब को प्रतिबंधित कर दिया गया और इस पुस्तक को प्रकाशित करने वाले ऐ डी एम को अलवर से हटा कर सज़ा के तोर पर ऐ पी ओ कर दिया गया अब हुई ना मजेदार बात किसी शायर ने कहा हे के : यह झुन्ठों और मक्कारों की महफिल हे , सच बोले तो तुम भी निकाले जाओगे अगर जितेन्द्र सिंह राहुल के नजदीक नहीं हते तो आज उनके दादा का सच जनता के सामने होता और गाँधी के हत्यारे के सहयोगी नहीं होते तो भाजपा अब तक ना जाने क्या क्या बखेड़ा कर देती । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देश के गृह मत्री की पुकार प्लीज़ हेडली से मिला दो

दोस्तों विश्व की परमाणु शक्ति कहे जाने वाले मेरे भारत देश की शक्ति विश्व स्तर पर मेरे देश के नेता ओर खासकर गृहमंत्री किस तरह से विदेशी ताकतों के आगे अपने अधिकार के लियें गिडगिडा कर कम कर रहे हें इसका खुलासा विक्लिंक्स वेबसाईट ने किया हे ।
विक्लिंक्स वेबसाईट ने कहा हे के देश में मुंबई हमले के लियें ज़िम्मेदार और देश में हुई कई आतंकवादी घटनाओं का सूत्रधार हेडली जब अमेरिका में पकड़ा गया तो सभी तथ्य होने के बाद भी देश के गृह मंत्री उसे देश में सजा देने के लियें लाने में ना कामयाब रहे और आखिर में गृहमंत्री ने सभी मान मर्यादाएं त्याग कर राजनितिक स्टंट के चलते अमेरिका के आगे घुटने टेक कर गिडगिडाना शुरू कर दिया के हमें हेडली दे दो प्लीज़ हेडली नहीं दो तो बात करा दो प्लीज़ गृह मंत्री ने तो यहाँ तक कहा के बस हमे तो बात करा दो चाहे हेडली कुछ कहे या नहीं कहे , दोस्तों एक हमारे भारत के गृह मंत्री ने गिडगिडा कर देश के आतंकवादी को माँगा हे और नहीं देने पर कोई कार्यवाही नहीं की उलटे अमेरिका के राष्ट्रपति को देश में बुला कर ससम्मान जाने दिया एक अमेरिका था जिसने अफगानिस्तान से पहले ओबामा माँगा और नहीं देने पर अमेरिका ने अफगानिस्तान और इराक को ठस नहस कर दिया ताकतवर देश इसे कहते हें अब आप खुद ही सोचें हमारी परमाणु शक्ति होने के बाद भी अगर हमें हमारे वाजिब हक के लियें अमेरिका के आगे गिडगिडाना पढ़े , कुत्ते की तरह दुम हिलाना पढ़े तो फिर हमारी देश की जनता और सेना का मनोबल केसे बढ़ सकेगा क्या देश के मान सम्मान को अमेरिका के आगे गिरवी रखें वाले नेताओं को पद पर रहें का हक हे आब तो आप ही बताये प्लीज़ के देश को क्या करना चाहिए । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान