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6.12.10

राजस्थान में कोंग्रेस सरकार की असफलता के दो साल

राजस्थान में कोंग्रेस के शासन के १३ दिसम्बर को दो साल हो जायेंगे में एक कोंग्रेसी और कट्टर कोंग्रेसी वोटर हूँ आप जानते हें और को ठोर नहीं तो में और मेरे भये कोंग्रेस से जायेंगे भी कहां लेकिन भाइयों में कोंग्रेसी के साथ एक आज़ाद पंछी और एक सच बोलने सच लिखने वाला प्राणी हूँ और इसीलियें मुझे देश के सवा अर्ब लोग नापसंद करते हें , में एक सच राजस्थान सरकार के दो साल के बारे में भी बयान कर रहा हूँ आप जानते हें सी पी जोप्शी एक वोट से हरने के बाद भी मुख्यमंत्री की दोड में थे लेकिन अशोक गहलोत ने किरोड़ी मीना के दम पर जोशी को पटकनी दी और राजस्थान में ही नहीं बलके पुरे देश और विश्व में पहली बार गोलमा जेसे लोगों को बहुमत के लियें मंत्री बनाना मजबूरी बनी ,गोलमा जिनके पति डोक्टर किरोड़ी रोज़ कोंग्रेस के लियें मुसीबत पैदा करते हें और फिर सरकार में बेठी मंत्री गोलमा सरकार के खिलाफ उनकी मदद करती हे जनता हंसती हे गोलमा इस्तीफा देती हे लेकिन लंगड़ी सरकार उन इस्तीफा भी स्वीकार नहीं कर सकती ऐसे ही कई विरोधाभासी विचारधारा वाले लोग कोंग्रेस की इस सरकार में शामिल हुए । सरकार ने जनता के लियें तो अभी तक कुछ खास नहीं किया लेकिन आश्वासनों के बाद आश्वासन वक्त पर पूरा नहीं करने के कारण डॉक्टरों , मास्टर,वकीलों की बड़ी हडताल झेलना पढ़ी सरकारं ने एक आयोग नुमा माथुर समिति बनाई जिसकों वसुंधरा सरकार के भ्रस्ताचार की जाँच करना थी वसुंधरा की जाँच तो नहीं हुई खुद इस माथुर समिति की है कोर्ट ने जाँच शुरू कर दी और फिर आयोग बेनतीजा गायब हो गया , सरकार ने गुर्जरों को संविधान के खिलाफ आरक्षण का कानून बनाया और फिर हाईकोर्ट ने इसे गलत करार दिया सरकार ने निकायों में नो जवानों को वोटर बनाने की बात खी लेकिन हाईकोर्ट ने इसे रोक दिया तो कुल मिलाकर भाई सरकार ने सिर्फ निकाय,पंचायत,लोकसभा चुनाव करवाए मजे करे, ट्रांसफर करे और बस अखबारी घोषणाएं की हड़तालें करवाई लोगों के लट्ठ दिए लेकिन काम कुछ नहीं किया खास कर अल्पसंख्यकों को तो बस इस सरकार ने आयना ही दिखा दिया राजस्थान में अल्प संख्यक आयोग जो संवेधानिक हे दो वर्षों से खाली पढ़ा हे , मदरसा बोर्ड किसी को नियुक्त नहीं किया , वक्फ बोर्ड अल्प मत में था लेकिन जुलाई में कार्यकाल खत्म हुआ तब से आज तक कोई नियुक्त नहीं हुआ , हज कमेटी में कोई नियुक्ति नहीं मेवात बोर्ड , अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम खाली हे तो जनाब थोक में वोट लेकर सरकार में आई कोंग्रेसे ने दो वर्षों में मुसलमानों को ना तो इन्साफ दिया ना ही उन्हें कोई पद दिए अब सरकार १३ दिसम्बर को याने दो वर्षों के कार्यकाल में उसने क्या कुछ किया हे इसके लियें एक निजी टी वी चेनल के जरिये कुछ विज्ञापन तय्यार किये जा रहे हें कुछ लोग बुलाये गये हें जो राजस्थान की गलत विकास की तस्वीर बताएं कुल मिला कर सरकार ने और दुसरे पदों पर भी किसी की नियुक्ति नहीं की मंत्री जितने भी हे सब बे लगाम रहे कोंग्रेस में झगड़े फसाद रहे कोटा में तो मुख्यमंत्री के सामने ही मंत्री भरत सिंह ने शांति धारीवाल को बुरा भला कह डाला हाडोती में बारां में अश्क अली टाक सांसद का मुंह काला करने वाले लोग मंत्री बने हें जबकि कोटा में डंके की चोट पर कोंग्रेस के बहुमत के बाद भी कोंग्रेस के टिकिट पर जिला प्रमुख का चुनाव लड़े नईमुद्दीन गुड्डू को हराने वाले मंत्री भरत सिंह और उनके समर्थक आज भी कोंग्रेस में ना फ़रमानी कर रहे हें तो जनाब यह कोंग्रेस के दो साल हें जहां दूर दूर तक झाँकने पर भी कोई उपलब्धी या जन हित का काम नजर नहीं आता हे आपकी क्या राय हे हो सकता हे में ग़लत हूँ लेकिन अगर कोंग्रेस ने दो वर्शन में कुछ किया हे और अगर आपकी जानकारी में हे तो लिज़ बताओं ना में भूल सुधर लूंगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नहीं सुधरे तो जनता दोड़ा दोड़ा कर मारेगी

देश में लगातार हो रहे भ्रस्ताचार कारण और निवारण के मामले में अब जब जनता,नेताओं और अधिकारीयों ने उम्मीद छोड़ दी हे तो बस सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने इसे देश से खत्म करने के लिए संकल्प लिया हे , सुप्रीम कोर्ट हो चाहे हाई कोर्ट हो अब तो भ्रस्ताचार के कारण और निवारण मामले में हथियार डाल बेठी हे और चीख चीख कर सार्वजनिक तोर पर यह कहने को मजबूर होना पढ़ा हे के अगर देश से भ्रस्ताचार दूर नहीं हुआ तो जनता भ्र्स्ताचारियों को दोड़ा दोड़ा कर मारेगी बस लगातार हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट मिलकर चारो घोटाले से लेकर गेहूं घोटाले से लेकर संचार घोटाले में पत्रावलियों की गंदगी और भ्रस्ताचार में सरकार के सहयोग को देख कर अब ऐसी ही टिप्पणी करने को मजबूर हो रही हे इधर अदालतों के मामले में बी जब सुप्रीम कोर्ट ने दबी छुपी टिप्पणी की तो ब्सिलाह्बाद हाईकोर्ट नाराज़ हो गयीउ और एक सच जो सुप्रीम कोर्ट ने देखा और जनता से कहा उसे हटाने के लियें इलाहाबाद हाईकोर्ट खुद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी भ्रष्टाचार होना कोई नई बात नहीं हे लेकिन इसके उजागर होने पर अगर सुधार की जगह इस तरह चोरी और सीना जोरी होने ल्गेतो सही हे के जनता भ्र्स्ताचारियों को सडकों पर दोड़ा दोड़ा कर मारेगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मीडिया ने कराया देश का टू जी स्पेक्ट्रम घोटाला

देश में डंके की चोट पर किया गया टू जी स्पेक्ट्रम घोटाला अकेले प्रधानमन्त्री या फिरपूर्व संचार मंत्री ऐ राजा ने नहीं किया हे इसमें देश का मिडिया भी बराबर का हिस्सेदार हे और देश के मिडिया का नाम इस मामले में प्रमुखता से उजागर होने पर देश के मीडिया की नंगी तस्वीर जनता के सामने खुल गयी हे ।
भरत में पत्रकार आज तक सम्मान के काम करने के लियें याद किया जाता रहा हे लेकिन उद्योगपतियों के इस पत्रकारिता में आजाने से इन लोगों ने पत्रकारिता को मिशन से हटा कर व्यवसाय बना दिया हे हालात यह हें के खबरें छापने नहीं छापने के रूपये खुले आम लिए जा रहे हें विज्ञापनों के नाम पर खुली ब्लेकमेलिंग हे जनता का आधे से ज्यादा रुपया भ्रष्ट सरकार द्वारा विज्ञापनों के नाम पर रिश्वत देकर बांटा जा रहा हे टू जी स्पेक्ट्रम घोटाले में ४५ मिनट में इस भ्रस्ताचार की जो कहानी जो सच देनिक भास्कर ने उजागर किया हे उससे तो लगता हे के जो मिडिया भ्रस्ताचार उजागर करने के लियें अपनी पहचान बनाये हुए हे वही मिडिया आज देश के सबसे बढ़े संचार घोटाले का मददगार बना हे और देश में एक सच जो कडवा सच हे सामने आ गया हे के देश के अधिकतम घोटाले के पीछे मिद्या हे जो या तो चुप होने की वजह से हे या फिर मिडिया के इस में शामिल होने के कारण भ्रस्ताचार हो रहा हे बात सच हे के अगर देश में मिडिया अपनी आधी ज़िम्मेदारी भी निभाए तो भ्रष्टाचार जद से खत्म हो जाएगा लेकिन मिडिया तो अब खुद को तीसरी शक्ति बनाने की कोशिशो में सभी मां मर्यादाएं भूल गया हे इसलिए ब्लोगर्स को ही अब देश को बचाने के लियें आगे आना होगा ताकि कुछ तो हो जो देश को बचाया जा सके । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मां अब भी रोती हे ........

मां
पहले भी रोती थी
आज भी रोती हे
पहले
बच्चा जब खाना नहीं खाता था
तब मां बच्चे को
भूखा देख कर रोती थी
आज बच्चे जब बढ़े हुए हें
घर में बहु आई हे
मां तब भी रोती हे
फर्क इतना हे जब
बच्चे के रोती नहीं खाने पर रोती थी
आज बहु बेटे
उसे रोती नहीं देते
इसलियें मां रोती हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मृग- अभिलाषा

( कविता )

मृ्ग अभिलाशा
हम विकास की ओर !
किस मापदंड मे?
वास्तविक्ता या पाखन्ड मे !
तृ्ष्णाओं के सम्मोहन मे
या प्रकृ्ति के दोहन मे
साईँस के अविश्कारों मे
या उससे फलिभूत विकारों मे
मानवता के संस्कारो मे
या सामाजिक विकारों मे
धर्म के मर्म या उत्थान मे
या बढ्ते साम्प्रदायिक उफान मे
पूँजीपती के पोषण मे
या गरीब के शोषण मे
क्या रोटी कपडा और मकान मे
या फुटपाथ पर पडे इन्सान मे
क्या बडी बडी अट्टालिकाओं मे
या झोंपड पट्टी कि बढती सँख्याओं मे
क्या नारीत्व के उत्थान मे
या नारी के घटते परिधान मे
क्या ऊँची उडान की परिभाषा मे
या झूठी मृ्ग अभिलाषा मे
ऎ मानव कर अवलोकन
कर तर्क और वितर्क
फिर देखना फर्क
ये है पाँच तत्वोँ का परिहास
प्राकृ्तिक सम्पदाओँ का ह्रास
ठहर 1 अपनी लालसाओँ को ना बढा
सृ्ष्टि को महाप्रलय की ओर ना लेजा



5.12.10

एक सवाल ...

पाकिस्तानी प्रधान मंत्री युसूफ रजा गिलानी ने शनिवार को काबुल पहुंच कर अपनी प्रथम औपचारिक अफगानिस्तान यात्रा शुरू की ।
उस दिन अफगान राष्ट्रपति हमिद करजई के साथ आयोजित संयुक्त पत्रकार वार्ता में गिलानी ने कहा कि आतंकवाद अफगानिस्तान व पाकिस्तान के समान दुश्मन है। पाकिस्तान आतंकवाद के विरोध में अफगानिस्तान के साथ पूरा सहयोग करेगा। उन्होंने बल देकर कहा कि पाकिस्तान के समर्थन के बिना अफगानिस्तान में चिरस्थाई शांति स्थापित नहीं होगी ।
भारत की बाबत पाकिस्तान का ऐसा रवय्या क्यों नहीं होता?

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