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26.12.09

एक अनोखा उल्लू

उल्लू एक अनोखा पक्षी है। दिन में इसे कुछ दिखाई नहीं देता। रात में ही यह अपने शिकार के लिए निकलता है। उल्लू का रंग अधिकतर सुरमई होता है। कुछ उल्लू मटमैले होते है। इसका सिर काफी बड़ा, बिल्ली की तरह गोल और बालों से भरा होता है। आंखें मनुष्यों की तरह खोपड़ी में स्थित होती है। उल्लू को शिकारी पक्षी माना जाता है, परंतु इसका शिकार करना पाप माना जाता है। यह लक्ष्मी का वाहन भी है। उल्लू की तीन जातियां: घुग्घू उल्लू और खूसठ। इसमें से सबसे छोटे को उल्ले कहते हैं और सबसे बड़े को घुग्घु के नाम से जाना जाता है। घुग्घु कहलाने वाली जाति के बाल और पंख मुड़ कर सींग की तरह हो जाते हैं। इसकी तीन उंगलियां आगे की ओर होती है और एक पीछे की ओर। यह अपनी अगली उंगलियों को पीछे की ओर भी आसानी से मोड़ लेता है। पंख कोमल और कान बड़े-बड़े होते हैं। उड़ते समय यह अपने पंखों से बिल्कुल भी आवाज नहीं करता। रात के समय चाहे जितना भी सन्नाटा हो, इसके शिकार को इसके आने का बिल्कुल भी आभास नहीं होता। इसके पैर अंगूठे तक पंखों से ढके रहते हैं। यह शिकार को पूरे का पूरा निगल जाता है। इसलिए शिकार साफ करने के लिए उल्लू अपने पैरों की मदद नहीं लेता।उल्लू लगभग 14 इंच तक लंबा होता है। चूहे, मक्खियां, सांप ओर कीड़े-मकौड़े इसका ्िरप्रय भोजन है। उल्लू की भद्दी आवाज के कारण ही लोग इसे मनहूस समझते हं। मादा उल्लू अपने अंडे मई से जुलाई तक देती है। अंडे गिनती में तीन या चार होते है और उनका रंग सफेद होता है। उल्लू अपना घोंसला पुरानी इमारतों के खंडहरों, पेड़ों के खोखले तनों और सुराखों में बनाना पंसद करता है। उल्लू फसल को हानि पहुंचाने वाले कीड़ों को मारकर खा जाता है। इसलिए यह किसानों का मित्र पक्षी भी है। भारत के अतिरिक्त उल्लू संसार के लगभग सभी देशों में मिलता है।

ग्लोबल वार्मिंग:दस्तक प्रलय की

आजकल जलवायु बदलाव विश्व के तापमान में वृद्धि गंभीर पर्यावरणीय समस्या के रूप में उभर कर सामने आए हैं। वैज्ञानिकों ने इस समस्या का ग्लोबल वार्मिंग नाम दिया है। धरती को बढ़ता तापमान समूचे संसार एवं मानव जाति के लिए खतरानाक सिद्ध हो रहा है। वर्तमान में जलवायु तथा मौसम में भंयकर उथल-पुथल इसी के कारण मची हुई है। ग्लोबल वार्मिंग के फलस्वरूप ग्लेशियर पिघलते जा रहें हैं। ठंड में गर्मी और गर्मी में बारिश बाढ़ का प्रकोप झेलना पड़ रहा है। मौसम में हो रहे इस बदलाव से छोटे-बड़े जीव-जन्तु पेड़ पौधे सभी दुष्प्रभावित हो रहे हैं।वायु प्रदूषण, ध्वनी प्रदूषण मृदा प्रदूषण, जैव प्रदूषण आदि ने मिलकर पूरे पर्यावरण को प्रदूषित कर दिया है और आज यही जीवनदायी तत्व जीवन घातक बन गए हैं। वैज्ञानिकों को आशंका है कि परमाणु युद्ध या धरती से क्षुद्रग्रह के टकराने से जितनी तबाही हो सकती है, उतनी तबाही ग्लोबल वार्मिंग से भी संभव है। हमारे देश में वर्ष 1998 का वर्ष पिछले 50 वर्षो में सर्वाधिक गर्म रहा, जिसमें 26 दिन की लू में करीब 2500 लोगों की जान चली गई। पूरे विश्व में इसका असर देखा गया। यह धरती के मौसमी इतिहास की सबसे तेज गर्मी थी। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले 50 वर्शो तक पर्यावरण प्रदूषण की यही गति बनी रही तो महाप्रलय सकता है, क्योंकि वायु मंडल में निरंतर बढ़ती कार्बन डाईऑक्साइड गैस से पृथ्वी के वायुमंडल का तापमान 3 से 4 डिग्री सेंटीग्रेट बढ़ जाएगा जो पौध घर प्रभाव को नष्ट तो करेगा ही साथ ही ग्लेषियरों के पिघलने से समुद्र का जल स्तर बढ़ जाएगा। ग्लोबल वार्मिंग के कारण आर्कटिक हिम सतह की मोटाई 1950 के बाद आश्चर्यजनक रूप से 15 प्रतिशत घट चुकी है। माउंट केन्या का सबसे बड़ा ग्लेशियर 92 प्रतिशत खत्म हो चुहा है। गंगा को जीवन देने वाले ग्लेशियर पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। विश्व का तीसरा सबसे बड़ा यह ग्लेशियर 30 मीटर प्रतिवर्ष की तीव्र रफ्तार से सिकुड़ता जा रहा है, अब तक यह 260 वर्ग किलोमीटर तक सिकुड़ गया है, सुविख्यात पर्यावरणविद् डॉ. सैयद इकबाल हुसैन और डॉ. अरुण शास्त्री के सर्वेक्षण से पता चलता है कि यह मौमुखी ग्लेशियर निरंतर घट रहा है। इस प्रकार स्पष्ट है कि दुनिया भर के ग्लेशियरों एवं बर्फ के पिघलने से समुद्रों का जल स्तर निरंतर उठता जा रहा है। भारत में इसका पहला प्रभाव कच्छ पर होगा, जो हमेशा के लिए समुद्र में समा सकता है और आशंका है कि सुंदर वन एवं लक्षद्वीप भी सदा के लिए विष्व मानचित्र से लुप्त हो जाएंगे। ग्लोबल वार्मिंग के समाधान हेतु कई अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, समझौते एवं संधिया भी हो चुकी हैं, परंतु कोई सार्थक निष्कर्ष नहीं निकल पा रहा है। यह विश्वव्यापी समस्या दिनों दिन उग्र होती जा रही है। लेकिन ऐसा नहीं है कि इसके समाधान के समस्त द्वार बंद हो गए हों। वैज्ञानिकों के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग का कारण ग्रीन हाउस गैसें हैं, पेड़ पौधे इन गैसों को सोखने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। यदि वृक्षारोपण पर बल दिया जाए, तो इस संकट से काफी कुछ निपटा जा सकता है। निरंतर बढ़ रहे पर्यावरण प्रदुषण को कम करने हेतु आवश्यक कदम उठाने होंगे। हम सभी पर्यावरण को प्रदूशित करने से बचें एवं उसके प्रति संवेदनशील बनें। समय रहते धरती को बचाने के लिए सारे प्रयास किए जाएं अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब महाप्रलय जाएगा और पृथ्वी से मानव का नामो-निशान मिटकर यह एक बेजान ग्रह बनकर रह जाएगा।

25.12.09

विधायिका पर अपराधियों का कब्ज़ा

राजनीति पर अपराधियों का कब्ज़ा हो गया है आए दिन कोई कोई राज़नीतज्ञ किसी किसी घोटाले में लिप्त नजर रहा है कांग्रेस के 85 वर्षीय नेता श्री नारायण दत्त तिवारी जो राज्यपाल हैं सेक्स स्केण्ड़ल में उनका नाम आया है इससे पूर्व श्री तिवारी जैसे राजनेता का नाम सेक्स स्केण्ड़ल में चुका है इन राजनेताओं का चरित्र देखकर लगता है कि यह सब समाज के लम्पट तत्व हैं और इन्होने अपनी यूनियन बनाकर विधायिका पर ही कब्ज़ा कर लिया है
- सुमन

ये अंधा क़ानून है....!!!!!!










ये अंधा कानून है, 
ये अंधा कानून है,
ये.... अंधा....कानून....है......
जी हां आप सही सोच रहे हैं. ये लाईनें न्याय की देवी जो आँख पर पट्टी बांधे हैं उनके लिए है. जो न्याय की देवी दूध का दूध और पानी का पानी वाला फैसला देने के जानी जाती है, उस देवी के दर से आज एक देवी के आबरू से खेलने वाले और उसे आत्महत्या के लिए जिम्मेदार डीजीपी को पर्याप्त सबूत होने के बावजूद ६ महीने की साधारण सज़ा और एक हज़ार रुपये जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया.

१९ साल 
१९ साल से रुचिका गिरहोत्रा काण्ड का केस चल रहा था. पर्याप्त सबूत होने के बावजूद केस की सुनवाई में इतना लम्बा समय दर्शाता है कि हमारी न्याय प्रणाली कितनी लाचा और लाचार हो चुकी है. इसी कारण ऊंचे रसूख वाले न्याय को अपने हाथ की कठपुतली बना रखे हैं.
हाईस्कूल में पढ़ रही रुचिका गिरहोत्रा के यौन उत्पीड़न के लिए दोषी पूर्व डीजीपी एसपी सिंह राठौर को कोर्ट ने १९ साल बाद ६ महीने की सामान्य सज़ा और एक हज़ार रुपये जुर्माना लगाकर छोड़ दिया ? इस फैसले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. १४ वर्षीय टेनिस खिलाड़ी के साथ राज्य का सबसे बड़ा पुलिस अधिकारी बलात्कार का दोषी पाया गया ? रुचिका की आपबीती हलफ़नामे को कोर्ट ने नज़रंदाज़ कर दिया ? यह मुकदमा आम आदमी और खास आदमी के बीच न्यायसंगत था ? यह मुकदमा पुलिस के सचरित्र को दर्शाता है ?
बिना कारण रुचिका पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर स्कूल से निकाल दिया जाता है. भाई को पुलिस डराती है, धमकाती है, पीटती है, झूठे केस में फंसाती है. पूरा परिवार सदमें में जीने को अभिशप्त होता है. यह सब देखकर अल्पवयस्क रुचिका जहर खाकर अपनी जीवन लीला ख़त्म कर लेती है, ताकि उसके भाई और पिता को कोई परेशानी न हो. कब तक ऐसा होता रहेगा ? कब तक लड़कियों और महिलाओं को दूसरे की करनी भुगतनी पड़ेगी ? पुरुष प्रधान समाज में महिला सिर्फ उपभोग की वास्तु रह गई है ? " यत्र नार्यस्तु पूज्यते तत्र रमन्ते देवता ",  उक्ति वर्तमान में अपना अस्तित्व खो चुकी है ? घर - परिवार, देश और समाज संभालने वाली महिला की सुरक्षा किसी की नहीं है ? नारी को स्वतंत्रता का कोई अधिकार नहीं है ?
इन सवालों के जवाब हमें और आपको ही देने है. तभी एक स्वस्थ और विकसित समाज की कल्पना साकार होगी.
                                                                रुचिका मामले में गवाह बने उसकी सहेली के माता - पिता आनंद प्रकाश और श्रीमती मधु प्रकाश की जितनी तारीफ की जाए कम है. तमाम धमकियों के बावजूद पुलिस प्रशासन के प्रभाव में न आकर उन्होंने अपनी गवाही दी. जहां गवाह खरीदे और बेचे जाते हों, जहां गवाही को धनबल और बाहुबल से बदला जाता हो , वहां इन दोनों के हौसलों को सलाम...!!

न्याय की विडम्बना 
१. १४ साल की नाबालिग लड़की के साथ अधेड़ डीजीपी ने बलात्कार किया.
२. १९ साल बाद फैसला, वह भी न्यायसंगत नहीं.

३. तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख डलवाकर पूर्व डीजीपी राठौर ने अपने पद और पावर का बेहिसाब इस्तेमाल करते हुए  केस को १९ साल तक खींचा. पीड़िता के भाई और पिता को प्रताड़ित किया गया. गवाह बने आनंद प्रकाश और श्रीमती मधु प्रकाश को डराया, धमकाया गया.

४. बलात्कार पीड़िता ने आत्महत्या कर लिया.

५. पर्याप्त सबूत होने के बाद भी बलात्कारी राठौर को कोर्ट ने सामान्य सी सज़ा सुनाई.

६. कोर्ट का यह कहना बहुत ही हास्यास्पद है कि इतने लम्बे समय तक चले केस के कारण राठौर को लम्बी सज़ा नहीं दी जा सकती क्योंकि उनकी उम्र ६८ वर्ष हो चुकी है और हृदय की सर्जरी भी हो चुकीहै.

७. १९ साल तक चले केस से जिस परिवार को जो मानसिक, शारीरिक, आर्थिक और सामजिक नुकसान हुआ उसकी भरपाई कौन करेगा ?

८. महिलायें कब तक अन्याय का शिकार होती रहेंगी ?

९. आम आदमी न्याय से हमेशा वंचित रहा है. इस फैसले ने इस बात को और पुख्ता कर दिया है.

१०. यह फैसला लोकतंत्र की न्याय प्रणाली पर अनास्था और विद्रोह की भावना पैदा करता है.

११. किसी नाबालिग लड़की की आबरू  को धूमिल करना और उसे ख़ुदकुशी के कगार पर पहुंचाने वाले राठौर की इतनी कम सज़ा काफी है ?

१२. अप्रासंगिक हो चुके भारतीय कानून को बदल देना चाहिए.
जो सज़ा पूर्व डीजीपी राठौर को कोर्ट ने सुनाई है, उस सज़ा से कौन अपराधी खौफ खायेगा ? ऐसे अपराधी की सज़ा मौत से कम स्वीकार नहीं, ताकि कोई बेटी, बहिन , बहू, बीवी की अस्मत पर बुरी नज़र डालने से पहले उसके अंजाम को सोचकर थर्रा उठे.

एक सवाल जज से
"जिस जज ने यह फैसला सुनाया है 
क्या उसके बेटी, बहिन , बहू या बीवी
के साथ ऐसा हादसा हुआ होता तो वे 
यही फैसला सुनाते ??"

प्रबल प्रताप सिंह  











ज्ञान ज्योति आई.टी.पी. की तरफ से क्रिसमस की शुभकामनाएं

सिरसा: ज्ञान ज्योति आई.टी.पी. के कार्यालय में आज क्रिसमस-डे मनाया गया जिसमें समस्त स्टाफ सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक जे.एस. सिद्धू ने अपने सम्बोधन में कहा कि सभी धर्म शांति के रास्ते पर चलने की सीख देते है तथा प्रभु ईसा मसीह ने भी दुनिया को शांति और भाईचारे का संदेश दिया था। इस प्रकार वर्तमान युग में भी प्र्रभु ईसा मसीह की शिक्षाओं को जीवन में उतारने की जरूरत है। श्री सिद्धू ने कहा कि ज्ञान ज्योति आई.टी.पी. क्रिसमस के अवसर पर बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा के साथ इंग्लिश स्पीकिंग का कोर्स भी करवा रही है। इस अवसर पर हरदीप सिंह बुटर, जी.एस. एडवोकेट, जसवन्त सिंह, राजेश सेन, अशोक धुडिय़ा, पृथ्वी राज, विजय वर्मा, विष्णु दत्त व अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।

चुनाव आचार सहिता के पालन को लेकर अधिकारियों की बैठक

सिरसा: 46-ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव की पूरी प्रक्रिया में आदर्श चुनाव आचार संहिता का दृढता से पालन किया जाएगा। उपचुनाव में चुनाव आचार संहिता के संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में स्टैंडिंग कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें चुनाव से जुड़े सभी अधिकारियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र को सैक्टरों में बांटकर सैक्टर मैजिस्ट्रेट तैनात किए जाएंगे, जो संबंधित क्षेत्रों में आदर्श चुनाव आचार संहिता की अनुपालना सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ-साथ पूरे इलाके के लिए एक कम्युनिकेशन प्लान भी तैयार किया जाएगा ताकि चुनाव आचार संहिता से संबंधित व चुनावी प्रक्रिया से संबंधित किसी भी विषय पर अधिकारियों से कोई भी आदमी संपर्क साध सके। इस कम्यूनिकेशन प्लान में पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के ड्यूटी स्थान निश्चित करने के साथ-साथ टेलीफोन और मोबाइल नंबर भी दर्शाए जाएंगे जिन्हें चुनाव से जुड़े अधिकारियों के कार्यालयों में चस्पा किया जाएगा तथा मीडिया के माध्यम से भी यह कम्यूनिकेशन प्लान सार्वजनिक की जाएगी।
उन्होंने बताया कि ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में एक नगरपालिका और 71 गांव पड़ते है जिनमें 142 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इन मतदान केंद्रों पर बिजली, पानी के साथ-साथ विकलांगों व बुजुर्गों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रैंप आदि की सुविधा भी की जाएगी। बिजली की वैकल्पिक सुविधा रखने के लिए सभी मतदान केंद्रों पर पैट्रोमैक्स रखे जाएंगे। उन्होंने बताया कि मतदान केंद्रों पर सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए बूथ लैवल अधिकारी की बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने यह भी बताया कि इस चुनाव में ओवर आल इंचार्ज सिरसा के अतिरिक्त उपायुक्त डा. जे. गणेशन को बनाया गया है जबकि रिटर्निंग ऑफिसर ऐलनाबाद के उपमंडल अधिकारी नागरिक डा. मुनीष नागपाल होंगे। उपचुनाव में ऐलनाबाद के तहसीलदार को सहायक पंजीयन अधिकारी बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि विधानसभा उपचुनाव की अधिसूचना आगामी 26 दिसम्बर को की जाएगी। उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि चुनाव आयोग द्वारा 2 जनवरी 2010 तय की गई है। आगामी 4 जनवरी तक नामांकन पत्रों की समीक्षा की जाएगी। इसके पश्चात आगामी 6 जनवरी सांय 3 बजे तक नामांकन पत्र वापिस लिए जा सकेंगे। इस पूरी प्रक्रिया के बाद आगामी 20 जनवरी को सुबह 8 से 5 बजे तक सभी मतदान केंद्रों पर मतदान करवाया जाएगा। चुनाव की मतगणना 23 जनवरी को सुबह 8 बजे शुरु हो जाएगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी के सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे आचार संहिता का पूर्णतया पालन करे और अपनी-अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी चुनाव आचार संहिता से संबंधित तथ्यों की जानकारी दे और उन्हें शिक्षित करे। उन्होंने बताया कि कोई भी नामांकन दाखिल करने वाला व्यक्ति नामांकन पत्र के समय रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय से 100 मीटर के दायरे में तीन गाडिय़ों से अधिक का काफिला नहीं ला सकता तथा नामांकन के समय रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में नामांकन दाखिल करने वाला व्यक्ति अपने साथ केवल चार व्यक्ति ही ला सकता है।
उन्होंने राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को यह भी सलाह दी कि वे अपनी पार्टी के पक्ष में प्रचार हेतु किसी भी प्रकार के पोस्टर, पैम्पलेट्स या अन्य सामग्री न छपवाए जिससे किसी समाज या व्यक्ति विशेष का चरित्र आहत होता हो। उन्होंने बताया कि किसी भी पार्टी के उम्मीदवार व आजाद उम्मीदवारों द्वारा की जाने वाली जनसभाओं की पूर्व सूचना रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में भी देनी होगी और जनसभा की अनुमति भी प्राप्त करनी होगी। उन्होंने बताया कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान संपत्ति के निरुपण एक्ट को पूरी तरह लागू किया जाएगा। इसकी अवेहलना करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों द्वारा लाउडस्पीकर का प्रयोग, वाहनों पर झंडे इत्यादि लगाने की मामले में चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन किया जाएगा।

बहुजन समाज पार्टी की बैठक संपन्न

सिरसा: आज सुबह बहुजन समाज पार्टी जिला सिरसा की एक बैठक स्थानीय वाल्मीकि चौक के पास स्थित लव-कुश धर्मशाला में सम्पन्न हुई जिसमें बसपा के प्रदेश महासचिव मूलचन्द राठी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। बैठक की अध्यक्षता लोकसभा सचिव प्रदीप कुमार कागदाना ने की। बैठक में पाटी की राष्ट्रीय अध्यक्षा तथा उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बहन मायावती के आगामी 15 जनवरी को जन्मदिवस का कार्यक्रम लव-कुश धर्मशाला में मनाने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त इसी विषय के लिए आगामी 3 जनवरी को भी लव-कुश धर्मशाला में ही एक और जिलास्तरीय बैठक का निर्णय भी लिया गया। बैठक में सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने सर्वसम्मति से पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को और अधिक मजबूत बनाने पर विचार-विमर्श किया जिसके तहत आगामी 1 जनवरी से जिला सिरसा में सदस्यता अभियान शुरू करने का फैसला लिया गया। बैठक में बसपा के जिले के सभी पदाधिकारियों सहित अनेकों कार्यकर्ता भारी संख्या में मौजूद थे। बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश महासचिव मूलचन्द राठी ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई है और दिन-प्रतिदिन पर लूट-पाट की घटनाओं में निरन्तर वृद्धि हो रही है। प्रदेश सरकार मजबूत नहीं बल्कि मजबूर है। इसके अतिरिक्त राठी ने जिले के कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर जिला में पार्टी को और अधिक मजबूत करने का आह्वान किया। अपने अध्यक्षीय भाषण में लोकसभा सचिव प्रदीप कुमार कागदाना ने कहा कि ऐलनाबाद हल्का में चुनावी कार्यक्रम पार्टी सुप्रीमो के निर्देशानुसार ही किया जाएगा। बैठक को पूर्व प्रधान स. अमरीक सिंह मौजूखेड़ा, मोनू शर्मा, धर्मपाल माखुसरानी, जिला महासचिव भूषण लाल बरोड़, ओमप्रकाश सोखल, सुभाष फगेडिय़ा, महिन्द्र, बलवीर ढाका, रिसाल सिंह बैनीवाल, हल्का प्रधान बेगू रामकुमार, राजेन्द्र डिंग मण्डी, लालचन्द, ओमप्रकाश झूरिया, राजेन्द्र राठी, लालचन्द, मांगेराम, रिशपाल सिंह, सुशील शर्मा, अमर सिंह धानक, बिल्लु, कुलदीप, सुशील शर्मा आदि ने भी सम्बोधित किया।