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6.2.11

यूँ आंसुओं पर ना जाओ मेरे ..

Saturday, February 5, 2011

यूँ
सूखे हुए
आंसुओं पर
न जाओ मेरे
कभी हम भी थे
जो हर
रोते हुए को
हंसाया करते थे ,
आज मिल कर उनसे
खुद को भी
मुस्कुराए हुए
बरस हो गये हें ...... ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

में जिसकी राह देखता हूँ ............ .

में जिसे
यूँ प्यार से
निहारता था
जिसके एक
इशारे पर
अपना सब कुछ
यूँ ही
न्योछावर करता था
आज वोह
उठ कर
चल दिए हें
कुदरत का
मुझ पर कहर देखिये
जिन्हें चाहा
जिंदगी से ज्यादा
जिंदगी भर मेने
आज वोह
मेरी तरफ
मूढ़ कर भी
नहीं देखते हें
और हम हें के
बस
उन्हीं उनकी
राह तकते हें ............. ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

घर जला हुआ ...

में आज फिर
अपने
जले हुए घर को
देख रहा था
उस घर की चीखें
उस घर की चीत्कार
सुन सुन कर सिहर रहा था
सुने से , टूट कर बिखरे
इस घर को
फिर से
संवारने की
सोच रहा था
के बस
फिर वही
सामने आ गये
जिन्होंने
मेरे इस खुशहाल घर को
राख के ढेर में बदला था
मेरे जले हुए घर को
फिर से
आबाद करने की कोशिश
और
इस घर जलाने वाले
की आँखों की चमक
मुझे बताओ
में असमंजस में हूँ
ऐसे में
अब में क्या करूं ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दुश्मन ऐसे न जला ...

ऐ मेरी
जान और
प्यार के दुश्मन
हम तो
फूलों की छुहन से
यूँ ही जल जाते हें
हमें
यूँ
आग के शोलों में
ना जला ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

प्यार में क्या ऐसा होता हे

मेने
जब भी
जिस किसी को भी
प्यार का
फरिश्ता माना हे
सच कहूँ
मुझे उससे
गम और नफरत के सिवा
कुछ ना मिला
आप तो
अनुभवी हे
बतलाओ ना
क्या
प्यार में
यही सब
होता हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

महा कवि सूर्य मल मिश्रण ...

हाडोती में बहादुरों की धरती बूंदी के वीर रस कवि जो बाद में महा कवि कहलाये महा कवि सूर्य मल मिश्रण के बारे में देनिक अंगद के सम्पादक आदरणीय मदन मदिर ने काव्य टिप्पणी की हे जिसमें बूंदी की वीरता का उल्लेख हे जो प्रस्तुत हे ।
जिन कलमों में तलवारों को
लहू पिलाने की ताकत हे
जिन कवियों में राजपाट पर हुकुम
चलाने की आदत हे
सूर्यमल्ल की जन्म भूमि में
सूर्यवंशियों का स्वागत हे
पर प्रतिमा के पीछे गरिमा का
तस्कर व्यापा न हो
सत्ता की माया की कवि की
महिमा पर अधिकार न हो
चोराहे पर रोप दिया जो वंश भास्कर
चेताता हे
खुली धुप के रंग मंच पर
अंधकार का नाच ना हो .......... ।
संकलन ..... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान मुख्यमंत्री हटते ही पत्रावलियां नष्ट होती हे .?

राजस्थान में सरकार बदलते ही मुख्यमंत्री की समस्त पत्रावलियां नष्ट हो जाती हे यह कोई कानून नहीं फिर भी सरकार ने यह बचकाना आदेश एक परम्परा बना रखा हे । अभी हाल ही में सरकार ने एक सुचना के अधिकार अधिनियम के प्रार्थना पत्र पर यह जवाब दिया हे
राजस्थान में मुख्यमंत्री का कारायाली अलग से स्थापित होता हे जहां उनके अपने वफादार कर्मचारी होते हे और अधिकारी भी मन चाहे लगाये जाते हें करोड़ो अरबों रूपये जनता की शिकायते सुनने के नाम पर खर्च होते हे और फिर अगर उनका रिकोर्ड खत्म कर दिया जाए तो फिर तो यह जनता के साथ विश्वास घाट ही कहलायेगा इसीलियें राजस्थान में इस मामले को लेकर जनता में असंतुष्टि हे जयपुर में वर्ष २००८ के मामलों की नकल में वर्तमान मुख्यमंत्री जी के स्टाफ ने जब यह जवाब दिया तो यहाँ कानून के जानकार और पूर्व मुख्य सचिव सहित सभी अधिकारीयों को ताज्जुब हुआ अब इस मामले में जब सरकार के गेर कानूनी तोर तरीकों की पोल खुल गयी हे तब तो सरकार को कानून कायदे से चलने के लियें भविष्य के लियें रिकोर्ड सुरक्षित रखना ही होगा ॥ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

5.2.11

मुस्कानों का ताज महल ......

Saturday, February 5, 2011

दोस्तों हाडोती में बूंदी के विख्यात पत्रकार जनाब मदन मदिर जो आपात काल के सिपाही भी रहे हें उन्होंने अपने संघर्ष के दोरान सिर्फ और सिर्फ बुराई के खिलाफ लढना सीखा हे उन्होंने कभी किसी के आगे घुटने नहीं टेके कभी कवि से अपने जीवन की शुरात करने वाले यह सियासी समाजवादी आज बूंदी से प्रकाशित देनिक अंगद के प्रधान सम्पादक और मालिक हें पिछले दिनों इन जनाब की एक नई पुस्तक शब्द यात्रा का दिलचस्प विमोचन हुआ उसमें से केवल एक छोटी सी कविता मेरे ब्लोगर भाइयों की सेवा में पेश हे जिसका शीर्षक उन्होंने मुस्कानों का ताजमहल रखा हे .................................
यूँ तो अंतर की धरती पर
कई महल आशाओं के
सुख सम्पन्न कई मीनारें
विजयोल्लास मयी प्राचीरें
स्नेह प्रीति की कई सुरंगें
सुख सुविधा के अगिन झरोखे
सोने चांदी की दीवारे
स्वाभिमान के लोह स्तम्भ
धेर्य दुर्ग साहसिक कंगूरे
टूट टूट कर
ढह ढह कर
बन गये खंडहर
लेकिन अधरों की जमना पर
मुस्कानों का ताजमहल
अब तक जीवित हे ।
संकलन अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

प्रणव दा का अलादीन का चिराग ...

केंद्र सरकार को पूरी तरह से भ्रस्टाचार और महंगाई में डुबो देने के बाद केन्द्रीय मंत्री प्रणव मुखर्जी अब बिहार की तर्ज़ पर बंगाल को डूबा देने की तय्यारी में हे और इस दोरान केंद्र की महंगाई के मामले में जब उनसे सवाल पूंछा गया तो वो नाराज़ हो गये और कहने लगे के मेरे पास कोई अलादीन का चिराग नहीं हे जो में महंगाई कम कर दूंगा । सही भी हे प्रणव जी और कोंग्रेस इतिहास में अब तक की सबसे अक्षम सरकार साबित हुई हे प्रणव जी का कहना हे के वोह बेबस हे अलादीन का चिराग उनके पास नहीं हे तो भाई राष्ट्र हित में वोह पद छोड़ दे और कुछ केवल कुच्छ दिनों के लियें हमारे ब्लोगर भाइयों में से किसी एक को यह पद दे दें फिर देख लें किस तरह से अलादीन का चिराग महगाई नियंत्रित करने के लियें आ जाता हे हाँ बस जिन लोगों से महंगाई बढाने और मुनाफा कमवाने के लियें इस सकरार ने रिश्वत ली हे बस वोह सब लोग जेल में होंगे और जो जो रिश्वत खोर होगा उसे भी जेल जाना होगा खुद बा खुद देश में मूल्य व्रद्धी रुक जायेगी जमाखोरी कम होगी तो मुनाफाखोरी रुकेगी वायदा व्यापार रुकेगा तो खाध्य पदार्थों के भाव गिरेंगे लेकिन यह प्रणव दा हे समझदार हें समझ गये हें के कोंग्रेस हाईकमान जो लोग भ्रष्ट और जनविरोधी फेसले करते हें उसे ही प्रधानमन्त्री बनाता हे बस इसलियें प्रणव दा भी खुद को प्रधानमन्त्री बनाये जाने का सपना देख रहे हें । वेसे भी देश में बी राज्यों के चुनाव आ रहे हें और इसीलियें बिहार में जेसे कोंग्रेस खत्म की हे वेसे ही बंगाल में भी कोंग्रेस के खात्मे की योजना बनाई जा रही हे ........... ।
इधर हमारे प्रधानमन्त्री जी भ्रस्टाचार के मुद्दे पर खामोश तमाशा देखते रहे और जब खुद के सर पर बन आई खुद के विभाग से निकली पत्रावलियों में भ्रस्ताचार खुल कर बोलने लगा तब कहीं बोले हे के अब तो शर्म करो भाई प्रधान मंत्री जी जब आप को शर्म नहीं हे तो आपके अधीनस्थ पागल हे जो शर्म करेंगे इसलियें देश की अगर चिंता हे तो खुद को अपनी नादानियों,नाकामयाबियों के लियें कानून के हवाले करो और जनता को आमंत्रित कर खुद जनता की अदालत से सजा पाने का एलान करो ताकि आखरी वक्त में थोड़े बहुत पाप धूल जायेंगे ....... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सारी राजनतिक पार्टियां काले धन से चलती हे ... .

Friday, February 4, 2011

देश में राज स्थापित कर कुर्सी हडपने की दोड में लगी सभी राजनितिक पार्टियां काले धन को प्राप्त कर अपना काम चलाती हे यह कथन किसी एरे गेरे का नहीं बलके इस अपराध में शामिल एक उद्योगपति सांसद राहुल बजाज का हे जिस की सत्यता पर कोई शक करने का आधार नहीं हे ।
देश के बढ़े उद्योगपतियों में से एक राहुल बजाज इन दिनों सांसद हे और वोह काले धन पर बोल रहे थे उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा के राजनितिक पार्टियां चुनाव के दिनों में उद्योगपतियों से काला धन प्राप्त करती हें पर चुनाव उसी आधार पर लढा जाता हे , राहुल बजाज व्यवाहारिक हें वोह खुद भी सियासी पार्टियों को काले धन का चंदा देने वालों को इसुची में रहे होंगे लेकिन उहोने जो सच उगला हे उससे देश के सामने एक सवाल खड़ा हो गया हे के जब राजनितिक पार्टियां कुर्सी हथियाने के लियें काले धन और काले लोगों का सहारा लेती हे तो फिर कुर्सी मिलने के बाद वोह जनता की कम और ऐसे काले धन कमाने वालों की रक्षक ज्यादा बन जाती हे राजनितिक पार्टियां अब नई कहावत बना चुकी हे जेसे लोग कहते हें के तुम एक पैसा दोगे तो भगवान एक लाख देगा उसे अब नेताओं एन बदल दिया काले धन वालों से पार्टियां कहती हे के तुम हमें एक पैसा दोगे तो सरकार तुम्हे एक करोड़ कमाने का मोका देगी अब इससे अच्छा उद्योग कोनसा होगा झना अनुपातिक तोर पर एक पैसा लगाने पर एक करोड़ मिल रहे हें फिर जब सियासी पार्टी ने अगर वायदा कर लिया हे तो फिर पूरा तो करना ही हे और आज देश में जो कुछ भी हो रहा हे वोह इसी वायदे को निभाने के कारण जनता को बली का बकरा बना कर कसाई उद्योगपतियों,जमाखोरों,मुनाफाखोरों और भर्स्ट लोगों के सामने तदपने बिलखने सिसकने के लियें डाल दिया गया हे शायद इन दिनों लोकतंत्र की यही परिभाषा हो गयी हे .............. । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

4.2.11

Tuesday, February 1, 2011


क्यूँ देखता हूँ रोज़
सूरज की तरह
में तुम्हें
क्यूँ देखता हूँ रोज़
चाँद की तरह
में तुम्हें
क्यूँ देखता हूँ रोज़
चमकते तारों की तरह
में तुम्हे
जब तुमसे
चाँद ,तारे और सूरज की तरह
मुलाक़ात का
कोई वायदा भी नहीं हे
क्यूँ देखता हूँ
एक टक
यूँ ही
गुमसुम सा में तुम्हें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्या मिला ...

Wednesday, February 2, 2011


क्या मिला

मजनू
तुझे
लेला के
प्यार में ,
क्या मिला

फरहाद
तुझे
शीरीं के
प्यार में
में बताऊं
मुझे
सब कुछ मिला
मेरे
इस
ज़ालिम दिल बर
से
हुई तकरार में
आज
देख लो
तुम्हारा तो
सिर्फ
नाम हे
तुम्हारा तो सिर्फ
इतिहास हे
लेकिन
सुखी तो
सिर्फ
में ही हूँ
उसके साथ
आज
इस संसार में ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शिकार में मारी गयी बाघिन फिर से जीवित हुई

Wednesday, February 2, 2011

राजस्थान में आज से दो साल पहले आठ शिकारियों द्वारा एक शेरनी को मारने की खबर से सनसनी फेल गयी पुलिस और वन अधिकारीयों ने इन शिकारियों को पकड़ा जेल भेजा चालान बनाया शेरनी का पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट तय्यार की और शिकारियों को जेल भेजा जिनकी जमानत हाईकोर्ट ने भी ख़ारिज कर दी यह शिकारी अभी जेल में हें ।
लेकिन राजस्थान के वन और पुलिस के अधिकारीयों की लापरवाही का नतीजा जब आमने आया तब वन अधिकारी जी का तबादला हुआ और नये वन अधिकारी जी ने जंगल की ख़ाक छानी तो उन्होंने देखा के जिस शेरनी को रिकोर्ड में दो साल पहले मरा हुआ घोषित किया गया हे वोह शेरनी तो जीवित जंगल में विचरण कर रही हे रेडियो कोलर और दुसरे दर्ज पहचान चिन्हों से कन्फर्म किया गया तो यह वही शेरनी निकली जिसे रिकोर्ड में शिकारियों द्वारा मरना बताया गया हे और जिसकी हत्या के जुर्म में आठ लोग जेल में हे अब राजस्थान के वन और पुलिस अधिकारीयों की जब यह पोल खुली तो वोह अगल बगल झांक रहे हें और उनसे जवाब नहीं बन पढ़ रहा हे जो शिकारी बिना वजह जीवित शेरनी की हत्या के जुर्म में दो साल से सजा भुगत रहे हें अब उनकी जेल की सियाह काली रातों का क्या होगा इसका अज्वाब देने वाला भी कोई नहीं हे तो जनाब ऐसे हें हमारे राजस्थान के वन और पुलिस कर्मी ...................... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

महंगाई मुद्रा स्फीति में भारत का विश्व रिकोर्ड ......

अल्प समय में देश भर में कई गुना अधिक महंगाई और वोह भी रोज़ मर्रा खाने पीने के काम आने वाली वस्तुओं के दामों में भरी व्रद्धी के मामले में हमारा देश विश्व भर में पहले स्थान पर आ गया हे और इस मामले में अतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक मंच भारत के प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को सम्मानित करने का न्योता भी दे चूका हे जबकि एक अन्य सन्गठन इस महंगाई को खामोशी से बर्दाश्त करने के लिए भारत की जनता को शांत गांय का खिताब दे चूका हे ।
दोस्तों सुनने में अजीब लगता हे लेकिन देश की महंगाई के आंकड़े कुछ दिनों मह ही जब १७ प्रतिशत यानी खाने पीने की व्स्तुप्न के मूल्य कई गुना ज्यादा बढाये जाते हें और जनता खामोश सहती हे सरकार बेबस होने का नारा देती हे तो भारत और भारत का गणित चाहे कुछ भी कहे लेकिन अंतर्राष्ट्रीय गणित तो इस साज़िश को समझ कर अपनी टिप्पणी करता ही हे विश्व में इससे भी कम मुद्रास्फीति की बढ़ोतरी सोवियत संघ में हुई थी वहां मिखाइल गोर्बाच्योव जी थे उसके बाद सोवियत संघ तबाह और बर्बाद हो गया महंगाई ने ही सोवियत संघ में ऐसी क्रान्ति पैदा की के आज सोवियत संघ इतिहास बन कर रह गया हे अब हमारा भारत देश जो बेचारा यह सब महंगाई ख़ामोशी से सह रहा हे तो फिर तो हमारा देश इन दिनों विश्व का सबसे महान देश और यहाँ की जनता महा महान ही कहलाएगी लेकिन इस महंगाई के जनक सूत्रधार अर्थ शास्त्री आदरणीय डोक्टर मनमोहन सिंह जी तो इस काम के लिए महा महा महा महान बन गये हें और विश्व के सबसे कमजोर सबसे तेज़ी से महंगाई बढाने वाले प्रधानमन्त्री की सूचि में सबसे पहले ऐतिहासिक प्रधानमन्त्री जी बन गये हें ........... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मजाक मजाक में दुल्हा दुल्हन रूठ गये रिश्ते टूट गये .....

Thursday, February 3, 2011

शादी ब्याह के रस्मों रिवाज में मजाक का रिश्ता कोटा सम्भाग के झालावाड जिले के मनोहरथाना कस्बे में ग्राम तलवाडा में इतना महंगा पढ़ा के वहां बारात बिना दुल्हन के वापस गयी और एक मधुर रिश्ता बनने के पहले ही टूट गया ।
शादी ब्याह में रस्मों रिवाज के तहत एक दुसरे से हंसी मजाक की अलग अलग समाजों ,जातियों और स्थानों पर अनेक रस्में हे इसी रस्म के तहत तलावडा गाँव में जब एक बारात आई तो किसी ने शादी ब्याह का बंधन होने के बाद विदाइगी के पहले एक रस्म में दुल्हे से मजाक करते हुए उसके खुजली की फली याने कोंच की फली लगा दी बस फिर क्या था दुल्हा के खुजली चली और दुल्हा ने खुजली के मारे कत्थक शुरू कर दिया यह मजाक दुल्हा और दूल्हा के रिश्तेदारों को केसे पसंद आ सकता था लिहाजा शिकवे शिकायत से बात तू तडाक और फिर धक्का मुक्की मार पिटाई तक पहुंच गयी हालत जो खुशियों के थे वोह नफरत और गुस्से में बदल गये और दुल्हा ने दुल्हन को ले जाने से और दुल्हन ने दूल्हा के साथ जाने से इनकार कर दिया काफी समझायश हुई लेकिन सब बेकार अब बारात इस मजाक के खातिर बिना दुल्हन के वापस गयी हे और एक मधुर रिश्ता रस्मों के बंधन में बनने के बाद भी किनारे पर आकर टूट गया हे , इसलियें कहते हें के रिश्ते बहुत मजबूत भी होते हें तो रिश्ते बहुत नाज़ुक भी होते हें इन रिश्तो को बचाए रखें के लियें इनकी मर्यादा रखना बहुत जरूरी हे और शादी ब्याहों में मर्यादित आचरण ही ठीक रहता हे तब कहीं रिश्ते कडवाहट से बचाए जा सकते हें अन्यथा नतीजा सामने हे ... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान