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10.7.10

कभी भी टूट सकती है हांसीबुटाना लिंक नहर


नहरी की पटड़ी में पड़े हैं गहरें गड्डे
हाथ पर हाथ रे बैठा है प्रशासन नहरी विभाग
सफीदों, (हरियाणा) : हरियाणा के कुरूक्षेत्र कैथल के अलावा कई शहर नहर टूटने से बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ के कारण सडक़ रेल यातायात पूरी तरह से ठप्प हो चुके हैं। लोगों का जनजीवन संकट में हैं। कुछ ऐसे ही हालात सफीदों क्षेत्र में भी हो सकते हैं। सफीदों क्षेत्र में बहने वाली हांसीबुटाना लिंक नहर किसी भी वक्त टूट सकती है, क्योंकि इस नहर की पटड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है तथा पटड़ी में कईकई फूट गहरे गड्डे बने हुए हैं। प्रशासन नहर महकमा को लोगों की जानमाल की कोई परवाह नहीं है तथा वह हाथ पर हाथ रे बैठा है ज्ञात रहे कि हांसीबुटाना लिंक नहर आमतौर पर खाली रहती है लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह नहर अपने पूरे वेग से बह रही है। बताया जाता है कि इस नहर में बाढ़ का पानी छोड़ा गया है। नहर में इतना पानी रहा है कि पानी पूल से टकराने वाला है। अगर यह नहर टूट जाती है तो यह पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले सकती है। सफीदों हलके के अंटा हैड के पास इस नहर की पटड़ी की हालत बेहद चिंतनीय बनी हुई है। नहर के किनारे पटड़ी पर गहरी दरारें गड्डे बने हुए हैं। इन दरारों की लंबाई गहराई कईकई फूट है। दरारें गड्डें इतने गहरें हैं कि इन्हें देखने भर से ही किसी अनहोनी का डर पैदा हो जाता है लेकिन इस तरफ प्रशासन नहरी विभाग का कोई ध्यान नहीं है। सब के सब आंख मूंदे बैठे हैं। इस नहर के किनारों के समीप के किसानों को भारी चिंता होने लगी है। उनको अपनी फसल की चिंता बनी हुई है। उनका कहना है कि अगर यह नहर टूट गई तो उनका सबकुछ तबाह हो जाएगा। किसानों ने बताया कि इस नहर की तरफ विभाग का कोई भी अधिकारी झांककर भी नहीं देखता। किसानों का कहना है कि इस नहर में पीछे से बाढ़ का पानी छोड़ा जा रहा है तथा नहर अपने पूरे उफान पर है। नहर के पानी का सारा दबाव इस अंटा हैड पर बना हुआ हैं, क्योंकि यह नहर यहीं पर आकर मिल जाती है। किसानों का कहना है कि इस नहर में दिनप्रतिदिन पानी की वृद्धि होती जा रही है। पानी की बढ़ौतरी की यहीं रफतार रही तो यह नहर बहुत बड़ी तबाही मचा सकती है। किसानों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि प्रशासन इस नहर की तरफ विशेष् रूप से ध्यान दे तथा इन गड्डों को पूरी तरह से भरवाए।

6.7.10

कीट भी करते हैं कीटनाशकों वाला काम।

महिला खेत पाठशाला का चौथा सत्र।



आज दिनांक 6 जुलाई, 2010 बार मंगलवार को निडाना में महिला खेत पाठशाला का चौथा सत्र है। रात से ही वर्षा जारी है। इस भारी बरसात की भाँतियां बरगी बाट देखै थे निडाना के लोग। क्योंकि पिछले सितम्बर के बाद बस यही अच्छी-खासी बरसात हुई है। जब सुबह 8-00 बजे डा. सुरेन्द्र दलाल व डा. कमल सैनी, डिम्पल के खेत में पहुँचे तो वहाँ खेत की मालिक डिम्पल के मालिक विनोद के अलावा कोई नही था। वह भी हाय-हैलो के बाद रफ्फुचकर हो गया। अब रह गये दोनों डाक्टर। डा. कमल सैनी कहने लगे कि शायद इतने खराब मौसम में आज की पाठशाला में कोए महिला नही आवै। डा. दलाल के कुछ कहने से पहले ही पता नही कहाँ से गांव का भूतपुर्व सरपंच बसाऊ राम आ पहुँचा और कहने लगा कि डा. साहबो आज इस झड़ में आपका कोए कीट कमांडो इस पाठशाला में आण तै रहा। म्हारै घरआली तो नयूँ कह थी अक् इब बरसते में कौण पाठशाला लावै था।
पर सब अन्दाजों को झुठलाते हुए, राजवंति ने अचानक आ दी राम-राम। तख्त पर बैठकर लगी बताने अपने खेत में कपास की फसल पर उस द्वारा इस सप्ताह देखे गये कीड़ों के बारे में। एक-एक करके कपास की फसल के सारे रस चूसक कीट गिना दिये। राजवंति को अपने खेत में कम पौधे होने का मलाल है। राजवंति आगे कुछ बोलती इससे पहले ही मीनी, अंग्रेजों, बिमला व संतरा आ पहुँची। देखते-देखते गीता, कमलेश, केलो, सरोज व अन्य सोलह महिलायें आज की पाठशाला में पहुँच गई। इनके पिछे-पिछे अनिता अपने सिर पर पानी का मटका उठाय़े खेत में आ पहुँची। नन्ही-नन्ही बुंद पड़ै- गोडै चढगी गारा।। लक्ष्मी चन्द का सांग बिगड़ग्या सारा ।। के विपरित इन महिलाओं ने तो आज की इस पाठशाला का कसुता सांग जमा दिया। गौर में गौडै गारा, खेत में खड़ा पानी व उपर से बुंदा-बांदी को मध्यनजर रखते, डा. कमल सैनी ने आज महिलाओं को पिग्गरी फार्म के कमरे में ही कीटों के बारे में पढाने का फैसला किया। डा. कमल ने सामान्य कीट का जीवन चक्र महिलाओं को विस्तार से महिलाओं को समझाया। रस चूसक व चर्वक किस्म के शाकाहारी कीटों बारे बताया। परभक्षी कीटों के बारे में जानकारी दी। पर महिलाएँ तो खेत में मौके पर ही कीटों का अवलोकन व निरिक्षण करने को उतावली थी। अतः कीचड़ के बावजूद खेत में घुसने का फैसला हुआ। राजवंति, मीनी, गीता, सरोज व कमलेश के नेतृत्व में पाँच टिम्में बनी और चल दी कपास के खेत में अवलोकन, सर्वेक्षण व निरिक्षण के लिये। महिलाओं के प्रत्येक समूह द्वारा आज दस-दस पौधों की बजाय केवल दो-दो पौधों पर ही कीटों की गिनती की गई। दस पौधों के तीन-तीन पत्तों पर पाये गए कीटों का जोड़-घटा, गुणा-भाग करके औसत निकाली गई जिसके आधार पर महिलाओं ने घोषणा की कि अभी सब रस चूसक हानिकारक कीट आर्थिक स्तर से काफी निचे हैं अतः कीटों के नियन्त्रण को लेकर चिन्ता करने की कोई जरुरत नही। मित्र कीटों के तौर पर आज महिलाओं ने कराईसोपा का प्रौढ़, कमसिन बग का प्रौढ़, दिदड़ बग, कातिल बग का अण्डा व दिखोड़ी आदि मांसाहारी कीट इस कपास की फसल में पकड़े व सभी महिलाओं को दिखाये। मकड़ी तो तकरीबन हर पौधे पर ही विराजमान थी।
कपास के भस्मासुर- मिलीबग को नष्ट करने वाली संभीरकाएँ भी आज इस खेत में सक्रिय देखी गई। अंगीरा व फंगीरा नामक ये संभीरकाएँ अपनी वंश वृद्धि के लिये ही मिलीबग की हत्या करती हैं। कयोंकि इनका एक-एक बच्चा मिलीबग के पेट में पलता है। बीराणे बालक पालने के चक्कर में मिलीबग को मिलती है- मौत।
अंग्रेजो द्वारा सभी को घेवर बाँटे जाने के साथ ही पाठशाला के इस चौथे सत्र की समाप्ति की घोषणा हुई।

5.7.10

शमशान



चुप्पी ख़ामोशी उदासी ओढ़े
हर शमशान
लाशों, लकड़ियों और कफन के
इंतजार में शिद्दत के साथ
मुद्दत से अपनी भूमिका में खड़ा है
न जाने कितनी लाशें
अब तक हो चुकी होंगी पंचतत्व में विलीन
गुमनामी के अँधेरे में खो चुके हैं -
न जाने कितने हाड़-मास के पुतले
स्मृतियों में कुछ शेष रह जाती हैं आकृतियाँ
कुछ आकृतियाँ छोड़ जाती हैं
अपने कामों का इतिहास
-सुनील दत्ता

4.7.10

कार्यपालिका का आईना है हमारी न्यायपालिका


आजादी के बाद से कार्यपालिका में बड़े-बड़े घोटाले प्रकाश में आने शुरू हो गए थे और अब कई दशकों से न्यायपालिका भी इससे अछूती नहीं रही है। गंजियाबाद में जिला एवं सत्र न्यायलय में हुए प्रोविडेंट फंड घोटाले में माननीय उच्च न्यायलय के इलाहाबाद के तीन पूर्व न्यायमूर्ति गण सर्वश्री आर.पी यादव, आर.एन. मिश्रा, ऐ.के सिंह समेत 78 लोगों पर सी.बी.आई ने गाजियाबाद न्यायलय में आरोप पत्र दाखिल किया है। गाजियाबाद में तैनात रहे तीन जिला एवं सत्र न्यायधीश सर्वश्री आर.पी मिश्रा, आर.एस चौबे और अरुण कुमार के भी नाम अभियुक्तों में शामिल हैं।
गाजियाबाद में अप्रैल 2000 से लेकर फरवरी 2008 के बीच 482 ट्रेज़री चेकों जिनका मूल्य 6.58 करोड़ होता है चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नाम आहरित कर लिया गया था। इसमें एक अभियुक्त आशुतोष आस्थाना की मृत्यु हो चुकी है। इसके पूर्व ही माननीय उच्च न्यायलय इलाहाबाद खंडपीठ लखनऊ के पुस्तकालय में काम कर रहे बाराबंकी निवासी दिनेश प्रताप सिंह ने अधिकारियो के दबाव के कारण आत्महत्या कर ली थी। सूत्रों का कहना यह है कि पुस्तकालय में हुए घोटाले के कारण श्री सिंह ने आत्महत्या कर ली थी जिसकी जांच दबा दी गयी थी। बाराबंकी की नजारत में हुए भ्रष्टाचार के कारण यहाँ के डिप्टी नाजिद गायब हो गए तो उनका आज तक पता नहीं चला जिसमें भी तमाम न्यायिक अधिकारी शामिल थे किन्तु न्यायपालिका का मामला होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं हुई।

महत्वपूर्ण यह है कि न्यायिक अधिकारी न्यायमूर्ति गणों की भ्रष्टाचारी शक्ल को देखते हुए यह लिखने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है की उनके द्वारा प्रदत्त न्याय की गुणवत्ता कैसी होगी? माननीय उच्चतम न्यायलय से लेकर निचले स्तर तक बड़े अपराधियों के खिलाफ तथा विशेष कर आर्थिक अपराधो के मामलों में इनका कैसा होता होगा ?

बहुराष्ट्रीय निगमों, बड़ी-बड़ी कंपनियों के मामलों में विगत कुछ वर्षों से जनपक्ष की उपेक्षा की जा रही है उसका मुख्य कारण यह है कि बहुत सारे न्यायमूर्तियो के परिवार वालों के शेयर उन कंपनियों में हैं। उनके परिवार वाले उन कंपनियों के विधिक सलाहकार हैं। राज्य के पक्ष में भी न्यायपालिका का संतुलन सही नहीं रहता है उसका भी कारण यह है कि सेवानिवृत्ति के बाद सेवायोजन भी चाहिए उसके लिए राज्य के हर सही या गलत कार्य में उनका सहयोग होता रहता है। इस विषय पर ज्यादा लिखा नहीं जा सकता है दिक्कत हो सकती है !!!!!!!!

कुल मिलकर आज कार्यपालिका का आईना है हमारी न्यायपालिका ...................

What 4th of July, 2010 means to America and India

What 4th of July, 2010 means to America and India.




Written By: Kamlesh Chauhan
Copy Right @Chauhan 4th of July 2010


Some may be wondering 4th of July, 2010 America Independence has to do with India.

India and America two Independent nations have largest democracy while both are facing Dilemma of terrorism and hard core extremists where terrorists are trying to devastate two nations.

America and India take exceptional Pride in Diversity however terrorists want to play and divide and rule game in the name of freedom, race and religion. One needs to questions the mind of terrorists and misguided youths. Do they really know what freedom means?

Freedom is earned from life and learns to co-exist with others. Freedom means one has privilege to live free without killing, destroying temples, following rules and law the nation one is adopted, Born or living.

I came in this country as young bride as my parents arranged my marriage. I thank God million time that he gave me a birth in India and a chance to grow up in America. I have best of the two worlds. My mother land taught me if you live in Rome do as Roman do and follow the rules and regulation of the Land we live on. Respect the nation who gave you the freedom and opportunity to be who you are. My Adopted land America taught me there is no shame to earn money as a sweeper, as a shopkeeper or a President of the Company .Freedom is a responsibility to hold the freedom to respect others.

4th of July is message to both America and India don’t let your fear give terrorists a Victory? Don’t stop living and change your life style. As an American as an Indian or as human you want to travel anywhere in the world you should do it. If Terrorists are not afraid of killing why we should be afraid of traveling or visiting any religious place?

India should learn from America after 9/11 none of the terrorists’ efforts been successful in America. Well Trained security been enforced in order. Same thing India has to learn and do. Indians should not be afraid to live in Kashmir. Kashmir is Integral part of India. Don’t even compromise for an inch of your land. Don’t compromise your freedom with terrorists who are trying to scare you to visit your most beautiful shrine Amarnath. Let them burn Indian Flag as many time as they want too. America Flags been burned in many corner of the world. Put your National Flag every corner of Jammu and Kashmir. Educate USA that Kashmir is not Palestine. Kashmir belongs to India. USA need to recognize Kashmir need peace and peace is only possible with the existence of Indians in Kashmir.

Let’s Celebrate 4th of July, 2010 make a memorable day. Let’s say God Bless America. God Bless India. May God protect us. Extremists want to destroy our freedom with fears.
Please don’t manipulate and Exploit my views on your blog or anywhere if you don’t agree. This Voice of mine is copyright@Kchauhan2010. All rights reserved. I respect all religion but we all have to fight against dividing nations. “No Nation should be divided in the name of race and religion” (Chauhan)

3.7.10

नये विचारों की रोशनी में


संघर्ष
देखा है मैंने तुम्हें
ताने सुनते/जीवन पर रोते
देखा है मैंने तुम्हे सांसों-सांसों पर घिसटते
नये रूप / नये अंदाज में
देखा है मैंने तुम्हें
पल-पल संघर्ष में उतरते
मानो कह रही हो तुम
बस - बस -बस
अब बहुत हो चुका ?
न सहेंगे अत्याचार, न सुनेंगे ताने
हर जुर्म का करेंगे प्रतिकार
नये विचारों की रोशनी में।

-सुनील दत्ता

2.7.10

अपराधिक कार्यो में लिप्त नौकरशाही : डिप्टी कलेक्टर जेल में

पुलिस अभिरक्षा में डिप्टी कलेक्टर
प्रदेश में नौकरशाही ने अथाह पैसा कुछ ही दिनों में कमा लेती है और पैसे को खर्च करने के लिए दुनिया में अपने लिए जन्नत जैसी सुविधाएं जुटाने में लग जातें है बाराबंकी के ऐसे ही नौकरशाहों में बाराबंकी के डिप्टी कलेक्टर श्री रतिभान वर्मा का भी नाम है
विगत दिनों रतिभान वर्मा ने अपने निजी कार चालक सर्वजीत के माध्यम से अपने पडोसी विनोद कुसमा की हत्या करने के लिए भाड़े के हत्यारे बुलाए। निजी कार चालक सर्वजीत की नियत खराब हो गयी उसने डिप्टी कलेक्टर के बच्चों की हत्या की योजना बना डाली जिसकी भनक रतिभान वर्मा की पत्नी कैलाशा को लग गयीकैलाशा ने हत्यारों को अपनी ओर लालच देकर मिला लिया फिर नया खेल शुरू हुआ और सर्वजीत को बांके से हत्यारों ने काट डाला। लखनऊ की चिनहट पुलिस ने तेजी से कार्य करते हुए डिप्टी कलेक्टर रतिभान वर्मा, पत्नी कैलाशा तीनो हत्यारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया
बाराबंकी जनपद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से मात्र 27 किलोमीटर दूर है पिछड़ा क्षेत्र होने के नाते नौकरशाहों के अधिकांश फार्म हाउसेज़ यहाँ पर हैंयहाँ के किसानो की स्तिथि यह हो गयी है की उनको अपने खेत बेचना ही पड़ेगानौकरशाह जिन खेतो के ऊपर निगाह रख लेता है उसको वह दो गुने दाम देकर भी खरीद लेते हैं और अगर यही स्तिथि रही कृषि बाहुल्य क्षेत्र में सिर्फ खेतो के चारो तरफ बाउंडी वाल तारों से घिरे ही नजर आएगी। बाराबंकी जनपद में जब कोई नौकरशाह की नियुक्ति होती है तो अपने कुछ समय के ही कार्यकाल में वह अरबों रुपये की परिसंपत्तियों का मालिक हो जाता है

1.7.10

सपनों का विज्ञान

क्या है स्वप्न का विज्ञान ?

पं. किशोर घिल्डियाल

आदि काल से ही मानव मस्तिष्क अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने के प्रयत्नों में सक्रिय है। परंतु जब किसी भी कारण इसकी कुछ अधूरी इच्छाएं पूर्ण नहीं हो पाती (जो कि मस्तिष्क के किसी कोने में जाग्रत अवस्था में रहती है) तो वह स्वप्न का रूप ले लती हैं।
आधुनिक विज्ञान में पाश्चात्य विचारक सिगमंड फ्रायड ने इस विषय में कहा है कि स्वप्न'' मानव की दबी हुई इच्छाओं का प्रकाशन करते हैं जिनको हमने अपनी जाग्रत अवस्था में कभी-कभी विचारा होता है। अर्थात स्वप्न हमारी वो इच्छाएं हैं जो किसी भी प्रकार के भय से जाग्रत्‌ अवस्था में पूर्ण नहीं हो पाती हैं व स्वप्नों में साकार होकर हमें मानसिक संतुष्टि व तृप्ति देती है।


सपने या स्वप्न आते क्यों है? इस प्रश्न का कोई ठोस प्रामाणिक उत्तर आज तक खोजा नहीं जा सका है। प्रायः यह माना जाता है कि स्वप्न या सपने आने का एक कारण ÷नींद' भी हो सकता है। विज्ञान मानता है कि नींद का हमारे मस्तिष्क में होने वाले उन परिवर्तनों से संबंध होता है, जो सीखने और याददाश्त बढ़ाने के साथ-साथ मांस पेशियों को भी आराम पहुंचाने में सहायक होते हैं। इस नींद की ही अवस्था में न्यूरॉन (मस्तिष्क की कोशिकाएं) पुनः सक्रिय हो जाती हैं।
वैज्ञानिकों ने नींद को दो भागों में बांटा है पहला भाग आर ई एम अर्थात्‌ रैपिड आई मुवमेंट है। (जिसमें अधिकतर सपने आते हैं) इसमें शरीर शिथिल परंतु आंखें तेजी से घूमती रहती हैं और मस्तिष्क जाग्रत अवस्था से भी ज्यादा गतिशील होता है। इस आर ई एम की अवधि १० से २० मिनट की होती है तथा प्रत्येक व्यक्ति एक रात में चार से छह बार आर ई एम नींद लेता है। यह स्थिति नींद आने के लगभग १.३० घंटे अर्थात ९० मिनट बाद आती है। इस आधार पर गणना करें तो रात्रि का अंतिम प्रहर आर ई एम का ही समय होता है (यदि व्यक्ति समान्यतः १० बजे रात सोता है तो ) जिससे सपनों के आने की संभावना बढ़ जाती है।
सपने बनते कैसे हैं : दिन भर विभिन्न स्रोतों से हमारे मस्तिष्क को स्फुरण (सिगनल) मिलते रहते हैं। प्राथमिकता के आधार पर हमारा मस्तिष्क हमसे पहले उधर ध्यान दिलवाता है जिसे करना अति जरूरी होता है, और जिन स्फुरण संदेशों की आवश्यकता तुरंत नहीं होती उन्हें वह अपने में दर्ज कर लेता है। इसके अलावा प्रतिदिन बहुत सी भावनाओं का भी हम पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। जो भावनाएं हम किसी कारण वश दबा लेते हैं (गुस्सा आदि) वह भी हमारे अवचेतन मस्तिष्क में दर्ज हो जाती हैं। रात को जब शरीर आराम कर रहा होता है मस्तिष्क अपना काम कर रहा होता है। (इस दौरान हमें चेतनावस्था में कोई स्कुरण संकेत भावनाएं आदि नहीं मिल रही होती) उस समय मस्तिष्क दिन भर मिले संकेतों को लेकर सक्रिय होता है जिनसे स्वप्न प्रदर्शित होते हैं। यह वह स्वप्न होते हैं जो मस्तिष्क को दिनभर मिले स्फुरण, भावनाओं को दर्शाते हैं जिन्हें दिनमें हमने किसी कारण वश रोक लिया था। जब तक यह प्रदर्शित नहीं हो पाता तब तक बार-बार नजर आता रहता है तथा इन पर नियंत्रण चाहकर भी नहीं किया जा सकता।

तुम क़त्ल भी करते हो तो चर्चा नहीं होता

महिला सशक्तिकरण की बड़ी-बड़ी बाते की जाती है, दिवस मनाये जाते हैं, अधिकार एवँ आरक्षण हेतु सेमिनार होते हैं, चुनाव होने से पूर्व नेता मंचों पर हुंकार भरते हैं, राजनैतिक दल घोषणा-पत्रों में वादे करते हैं- परन्तु ये सभी बाते फ़र्जी ही लगती हैं। अधिकतर हनन के मामले में समाज में वह जहाँ पर थी वहीं हैं- वह अब भी ज़ुल्म का शिकार बनती है- पैदाइश से पूर्व कोख सें ही इस की शुरूआत होती है। एम0टी0पी0 एक्ट हो या पी0एन0डी0टी एक्ट सभी का उलंघन होता है। दुखद पहलू यह है कि कन्या भ्रूण हत्या में स्वंय उसकी माँ संलिप्त होती है। इससे आगे देखिये ‘आनर किलिंग‘ का वार भी अधिकतर इन्ही को झेलना पड़ता है। धनीवर्ग में अब एक नई बात सामने आई है- शादी से पहले एच0आई0वी0 रिर्पोट कन्या पक्ष से ली जाती है- बात अच्छी ज़रूर है- आगामी जीवन साथी की एड्स ग्रसित होने की जानकारी लेना कोई बुरी बात नहीं है- सभी जानते हैं कि संक्रमित खून से संर्पक तथा किसी ऐसे से असुरक्षित यौनाचार से इस मर्ज़ के लग जाने की संभावना होती है, जो पहले से इस रोग से ग्रसित हो। देखा गया है कि एच0आई0वी0 की रिर्पोट वर पक्ष वाले कन्या पक्ष से मांगते हैं। कहने को तो मर्ज़ जानने की रिर्पोट- परन्तु इसके पीछे यह मानसिकता छुपी है कि कन्या के पूर्व यौनाचार की पुष्टि हो जाय। आखि़र दूसरे पक्ष की रिर्पोट लेने का प्रचलन क्यों नहीं है ?
कहीं-कहीं कोई लड़की अपनी सशक्तता का यदि सुबूत देना चाहती है तब लोग असंमजस में पड़ जाते हैं- देखिये यह प्रकाशित रिर्पोट-
शामली (मुज़फ़फर नगर) के दयानंद मोहल्ला निवासी जम्मू में तैनात एक फ़ौजी का रिश्ता जयपुर निवासी एक लड़की से तय हुआ। मंगती की रस्म हो चुकी है। शादी की तारीख भी तय है। लड़की गोवा में साफ़्टवेयर इन्जीनियर है। शादी की तैयारियों में जुटे दोनो परिवार के सामने उस समय अजीब असमंजस की स्थिति पैदा हो गई जब लड़की नें भावी पति को एक प्रस्ताव भेजा जिसमें कहा गया है कि ‘‘गिव मी एच0आई0वी0 टेस्ट रिर्पोट, आफ़टर दैट आई विल मैरी यू‘‘।
लड़की यदि ये ‘शेर‘ भी लिख देती, तो पूरे पुरूष-वर्ग को एक करारा जवाब होता।
हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम
तुम क़त्ल भी करते हो तो चर्चा नहीं होता।

डॉक्टर एस.एम हैदर
फ़ोन : 05248-220866