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22.1.10

फलित ज्योतिष आखिर क्‍या है .. एक सांकेतिक विज्ञान या मात्र अंधविश्वास

आसमान के विभिन्‍न भागों में विभिन्‍न ग्रहों की स्थिति के कारण पृथ्‍वी पर या पृथ्‍वी के जड चेतन पर पडनेवाले प्रभाव का अध्‍ययन फलित ज्‍योतिष कहलाता है। यह विज्ञान है या अंधविश्वास , इस प्रश्न का उत्तर दे पाना समाज के किसी भी वर्ग के लिए आसान नहीं है। परंपरावादी और अंधविश्वासी विचारधारा के लोग ,जो कई स्थानों पर ज्योतिष पर विश्वास करने के कारण धोखा खा चुकें हैं , भी इस शास्त्र पर संदेह नहीं करते। वे ज्‍योतिष को मानते हुए सारा दोषारोपण ज्योतिषी पर कर देते  है। दूसरी ओर वैज्ञानिकता से संयुक्त विचारधारा से ओत-प्रोत ज्‍योतिष को जीवनभर न मानने वाले व्यक्ति भी किसी मुसीबत में फंसते ही समाज से छुपकर ज्योतिषियों की शरण में जाते देखे जाते हैं।

ज्योतिष की इस विवादास्पद स्थिति के लिए मै सरकार ,शैक्षणिक संस्थानों एवं पत्रकारिता विभाग को दोषी मानती हूं। इन्होने आजतक ज्योतिष को न तो अंधविश्वास ही सिद्ध किया और न ही विज्ञान ? सरकार यदि ज्योतिष को अंधविश्वास समझती तो जन्मकुंडली बनवाने या जन्मपत्री मिलवाने के काम में लगे ज्योतिषियों पर कानूनी अड़चनें आ सकती थी। यज्ञ हवन करवाने या तंत्र-मंत्र का प्रयोग करनेवाले ज्योतिषियों के कार्य में बाधाएं आ सकती थी। सभी पत्रिकाओं में राशि-फल के प्रकाशन पर रोक लगाया जा सकता था। आखिर हर प्रकार की कुरीतियों और अंधविश्वासों जैसे जुआ , मद्यपान , बाल-विवाह, सती-प्रथा आदि को समाप्त करनें में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है ,परंतु ज्योतिष पर विश्वास करनेवालों के लिए ऐसी कोई कड़ाई नहीं हुई। मैं पूछती हूं , आखिर क्यों ??

क्या सरकार ज्योतिष को विज्ञान समझती है ? नहीं, अगर वह इस विज्ञान समझती तो इस क्षेत्र में कार्य करनेवालों के लिए कभी-कभी किसी प्रतियोगिता, सेमिनार आदि का आयोजन होता तथा विद्वानों को पुरस्कारों से सम्मानित कर प्रोत्साहित किया जाता। परंतु आजतक ऐसा कुछ भी नहीं किया गया। पत्रकारिता के क्षेत्र में देखा जाए तो लगभग सभी पत्रिकाएं यदा-कदा ज्योतिष से संबंधित लेख, इंटरव्यू , भविष्यवाणियॉ आदि निकालती रहती है पर जब आजतक इसकी वैज्ञानिकता के बारे में निष्कर्ष ही नहीं निकाला जा सका, जनता को कोई संदेश ही नहीं मिल पाया तो फिर ऐसे लेखों या समाचारों का क्या औचित्य ? पत्रिकाओं के विभिन्न लेखों हेतु किया जानेवाला ज्योतिषियों कें चयन का तरीका ही गलत है । उनकी व्यावसायिक सफलता को उनके ज्ञान का मापदंड समझा जाता है , लेकिन वास्तव में किसी की व्यावसायिक सफलता उसकी व्यावसायिक योग्यता का परिणाम होती है ,न कि विषय-विशेष की गहरी जानकारी। इन सफल ज्योतिषियों का ध्यान फलित ज्योतिष के विकास में न होकर अपने व्यावसायिक विकास पर होता है। ऐसे व्यक्तियों द्वारा ज्योतिष विज्ञान का प्रतिनिधित्व करवाना पाठकों को कोई संदेश नहीं दें पाता है, आगे बढें ।

21.1.10

लो क सं घ र्ष !: जीवन सफल बनाना है तो, सत्यपथ को अपनाना होगा

जीवन सफल बनाना है तो, सत्यपथ को अपनाना होगा
घनतम दूर भागना है तो, ज्ञान-प्रदीप जलना होगा

खिलता है कांटो में गुलाब जग में सौरभ फैलाता है
शीत, ताप, झंझा झकोर से, कब पंकज मुरझाता है

जीवन सुरभित करना है तो, आदर्श इन्हें बनाना होगा
जीवन सफल बनाना है तो, सत्यपथ को अपनाना होगा

संघर्षनाम है जीवन का, जीवन संघर्ष के बिना कहाँ?
है वहीँ सफलता का निवास, कर्तव्य बोध संघर्ष जहाँ

पथ पर बिखरे पषाणों से , पग-पग पर टकराना होगा
जीवन सफल बना है तो, सत्यपथ को अपनाना होगा

कर्तव्यों से विमुख होना है तो, भाग्य भरोसे बैठे रहना
यदि गंतव्य को पाना है तो, पथिक निरंतर बढ़ते रहना

थककर बैठ जाना प्यारे! आजीवन पछताना होगा
जीवन सफल बना है तो, सत्यपथ को अपनाना होगा

जीवन हो विष का प्याला, पर इसे सुधा सम पीना होगा
युग के झंझावातों में भी, हँस-हँस कर के जीना होगा

कितना ही कंटकमय पथ हो, आगे बढ़ते जाना होगा
जीवन सफल बनाना है तो, सत्यपथ अपनाना होगा

मन को विचलित करने वाले, कुछ ऐसे भी क्षण आयेंगे
संकट की काली छाया से, माथे पर बल जायेंगे


- मोहम्मद जमील शास्त्री

किसानों की दुर्दशा के लिए हुड्डा सरकार जिम्मेवार: चौटाला

चंडीगढ़ इनेलो ने प्रदेश के किसानों की दुर्दशा के लिए हुड्डा सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि मुख्यमन्त्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सर छोटू राम की नीतियों पर चलने का दम भरते हैं मगर वे दीनबन्धु की नीतियों के एकदम विपरीत काम कर रहे हैं। इनेलो प्रमुख व हरियाणा के पूर्व मुख्यमन्त्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने कहा कि एक तरफ आज सरकार किसान हितैषी होने का दावा कर रही है लेकिन दूसरी तरफ आज प्रदेश के किसानों की खाद को लेकर ऐसी दुर्दशा हो रही है जो पहले कभी नहीं हुई थी। श्री चौटाला ने कहा कि किसान को बिजली की जरूरत के समय बिजली नहीं मिलती और पानी की जरूरत के समय पानी नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि आज किसान को खाद की सबसे ज्यादा जरूरत है लेकिन खाद नहीं मिल रही। इनेलो प्रमुख ने कहा कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसानों को खाद लेने के लिए राशन कार्ड हाथ में लेकर कड़कती सर्दी में सारा काम छोड़कर सुबह लाइनों में लगना पड़ता है और शाम को उन्हें एक कट्टा खाद थमा दी जाती है। उन्होंने कहा कि जिस किसान को दस कट्टे खाद की जरूरत है वह राशन कार्ड लेकर लगातार दस दिन लाइनों में खड़ा खाद मिलने की बाट जोहता रहता है। उन्होंने कहा कि महंगे दामों पर खाद होने के बावजूद किसानों को सरकार द्वारा खाद उपलब्ध न करवाए जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और कांग्रेस सरकार की किसान विरोधी सोच को दर्शाता है। विधानसभा में विपक्ष के नेता श्री चौटाला ने कहा कि दीनबन्धु सर छोटू राम ने किसानों को बसाने का काम किया था और लाखों किसानों की जमीन जो साहूकारों के पास गिरवी पड़ी थी उसे कानून बनाकर वापिस दिलवाया था। इनेलो प्रमुख ने कहा कि दूसरी तरफ हुड्डा सरकार किसानों को उजाडऩे में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि आज हुड्डा सरकार बड़े-बड़े औद्योगिक घरानों व पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाखों किसानों की जमीन कभी सेज के नाम पर तो कभी अधिग्रहण व रिलीज की आड़ में किसानों से लेकर बड़े-बड़े बिल्डरों को देने का काम कर रही है। इनेलो नेता ने कहा कि दीनबन्धु सर छोटू राम को देशभर में उनकी किसान हितैषी नीतियों के लिए याद किया जाता है जिन्होंने उजड़े किसानों को बसाने का काम किया था। इनेलो प्रमुख ने कहा कि एक तरफ जहां हुड्डा सरकार ने एसईजेड के नाम पर लाखों एकड़ जमीनें किसानों से लेकर बड़े-बड़े बिल्डरों को रियल अस्टेट का धन्धा करने के लिए दे दी हैं वहीं मौजूदा कांग्रेस सरकार ने पिछले पांच सालों के दौरान भूमि अधिग्रहण व रिलीज के नाम पर किसानों को उजाडऩे व बड़े-बड़े औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि बड़े औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए जहां किसानों की जमीन अधिग्रहण करने के लिए पहले नोटिस जारी कर दिए जाते हैं वहीं जब भूमि अधिग्रहण के डर से परेशान किसान अपनी जमीन औने-पौने दामों में भू-माफिया के हवाले कर देता है तो फिर उसी जमीन को न सिर्फ रिलीज कर दिया जाता है बल्कि उन बिल्डरों को रियल अस्टेट का धन्धा करने के लिए लाइसेंस भी जारी कर दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार दीनबन्धु सर छोटू राम की नीतियों के एकदम विपरीत काम कर रही है और प्रदेश में क्षेत्रवाद का जहर घोलने वाली इस सरकार की पहचान किसान व कमेरे वर्ग की विरोधी और पूंजीपतियों की हितैषी सरकार के तौर पर बन गई है। उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार ने बड़े औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए जिन किसानों को उनकी पुश्तैनी जमीनों से वंचित किया है उनकी आने वाली पीढिय़ां भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कांग्रेस पार्टी को कभी माफ नहीं करेंगी।

20.1.10

लो क सं घ र्ष !: धोबी, पासी, चमार, तेली खोलेंगे अँधेरे का ताला

महाप्राण निराला के जन्मदिन के अवसर पर लोकसंघर्ष परिवार का शत्-शत् नमन
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जल्द -जल्द पैर बढाओ , आओ-आओ
आज अमीरों की हवेली , किसानो की होगी पाठशाला
धोबी, पासी, चमार, तेली खोलेंगे अँधेरे का ताला
एक पाठ पढेंगे, टाट बिछाओ

सूर्य कान्त त्रिपाठी 'निराला'

19.1.10

लो क सं घ र्ष !: गरीबो, किसानो के मसीहा व धर्मनिरपेक्षता के सिपाही को लाल सलाम


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कामरेड ज्योति बसु एक गंभीर प्रवृत्ति सदा जीवन और बयानबाजी या नारों के स्थान पर सदा कार्य को प्रधानता देने वाले राज़नीतज्ञ थे। उन्होंने बंगाल को नक्सल समस्या से निदान देने के लिए पंचायत राज व्यवस्था कानून का क्रियान्वित पारदर्शी ढंग से करा कर गरीब किसानो को मूल भूत सुविधाएं देकर हथियार के स्थान पर उन्हें हल पकड़ने की तरफ आकर्षित कराया और उन्हें पार्टी का कैडर भी बनाया। साथ ही पश्चिम बंगाल में धर्मनिरपेक्षता का एक अभेद किला उन्होंने बना कर तैयार कर दिया जहाँ स्वतंत्रता के पश्चात अनेको सांप्रदायिक दंगे होते रहे थे।
जिस समय विश्व में कम्युनिस्ट सरकारों का पतन हो रहा था और साम्यवादी सत्ता सोवियत यूनियन की ईंट से ईंट, लोकतंत्र की लुभावनी दुनिया दिखा कर पूंजीवादी राष्ट्रों ने मिल कर बजा दी थी उस समय पश्चिम बंगाल में लाल झंडा मजबूती से गडा हुआ था। कांग्रेस से लेकर भाजपा ने अनेको हमले लाल झंडे को पश्चिम बंगाल के उखाड़ देने के लिए किये परन्तु ज्योति बसु के लौह व्यक्तित्व से टकरा कर सारी शक्तियां चूर-चूर हो गयीं। देश के सबसे लम्बे समय तक मुख्य मंत्री रहने का गौरव उन्हें प्राप्त हुआ। उन्होंने पूरे 23 वर्षों तक पश्चिम बंगाल पर सत्ता संभाली फिर स्वास्थ्य की खराबी के कारण उन्होंने स्वेच्छा से मुख्य मंत्री पद का त्याग कर राजनीति से सदैव के लिए सन्यास वर्ष 2000 में लिया।
ज्योति बसु ने पश्चिम बंगाल की बागडोर वर्ष 1967 में बतौर उपमुख्यमंत्री, अजय मुखर्जी के नेतृत्व में बनी संयुक्त मोर्चा की सरकार के गठन के उपरांत संभाली थी। वह उस मंत्रिमंडल में गृहमंत्री भी थे। उस समय कांग्रेस के लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहे प्रफुल्ल चन्द्र सेन की गलत नीतियों के कारण जहाँ एक ओर प्रान्त के किसानो की समस्याएं चरम सीमा पर थी तो वहीँ मुस्लिम समुदाय के साथ बरते गए उनके दुर्भावना व सांप्रदायिक पूर्ण सुलूक से हिन्दू और मुसलमानों के बीच लम्बी खाई बन गयी थी। ज्योति बसु ने गृहमंत्री बन्ने के पश्चात पहला काम यह किया कि जो क्षेत्र सांप्रदायिक हिंसा की दृष्टिकोण से संवेदनशील थे वहां के थानों पर मुस्लिम पुलिस अधिकारियो व प्रशासनिक अधिकारियो की तैनाती कर दी। ताकि मुसलमानों में शासन प्रशासन के प्रति विश्वास पैदा हो सके और पक्षपात पूर्ण रवैये से उनकी सुरक्षा भी हो। बाद में यही नुस्खा आजमा कर वर्ष 1971 में मुख्य मंत्री बने सिद्धार्थ शंकर रे ने मुसलमानों का दिल जीता जब एक समय में कलकत्ता शहर में तीन ए.सी.पी पुलिस मुस्लिम समुदाय के उन्होंने तैनात कर दिए। परन्तु किसानो की समस्याओं को वह सुलझा न सके और नक्सलियों की समस्या बढती गयी जिसको उन्होंने बलपूर्वक दबा कर अपनी प्रशासनिक योग्यताओं का लोहा इंदिरा गाँधी जैसी आयरन लेडी के मन में स्थापित कर लिया बताते हैं देश में आंतरिक सुरक्षा के बिगड़ते हालात से निपटने के लिए आपातकाल लगाने की सलाह भी सिद्धार्थ शंकर रे ने ही इंदिरा गाँधी को दी थी और बाद में आपातकाल के दुष्परिणामो के कारण कांग्रेस के पतन की भी सजा उन्ही को दी गयी।
परिणामस्वरूप 1977 में वाम पंथियों ने पश्चिम बंगाल पर लाल झंडा गाड़ दिया। जिसका नेतृत्व ज्योति बसु के मजबूत हाथो में दिया गया। वाम पंथी दलों को एकजुट रख कर पश्चिम बंगाल में इतने दिनों तक सत्ता चलाने का कीर्तिमान ज्योति बसु ने स्थापित कर देश के युवा राजनीतज्ञों के सामने एक मिसाल रख दी है कि यदि इमानदारी के साथ सच्चे दिल से वह जनता की समस्याओं के लिए लड़ेंगे तो जनता कभी ऐसे लोगो को निराश नहीं करेगी।

मोहम्मद तारिक खान

ट्रयू ट्राफी कबड्डी टूर्नामेंट का आयोजन 21 जनवरी को

सिरसा डेरा सच्चा सौदा के दूसरे गद्दीनशीन संत परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज के पावन जन्ममाह के उपलक्ष्य में डेरा सच्चा सौदा खुशियों में रंगा नजर आने लगा है। पावन जन्म माह को लेकर डेरा परिसर की भव्य सजावट की गई है वहीं इस अवसर पर 21 जनवरी को एमएसजी यूथ ब्लस एंड स्पोर्टस सोसायटी के तत्वावधान में ट्रयू ट्राफी कबड्डी टूर्नामेंट का आयोजन किया जाएगा। वहीं 23 जनवरी को डेरा परिसर में विशाल रक्तदान शिविर लगाया जाएगा। यह जानकारी देते हुए डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता डा. पवन इन्सां ने बताया कि 21 जनवरी को आयोजित होने वाली कबड्डी टूर्नामेंट (सर्कल कबड्डी) में विजेता टीम को सवा लाख रुपये नकद व ट्राफी तथा उपविजेता टीम को एक लाख रुपये व ट्राफी प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस एक दिवसीय टूर्नामेंट में हरियाणा व पंजाब की आठ टीमें भाग ले रही हैं तथा सभी मैच शाह सतनाम जी स्टेडियम में खेले जाएंगे। डॉ. इन्सां ने बताया कि शाह सतनाम सिंह जी के पावन जन्ममाह के उपलक्ष्य में 23 जनवरी शनिवार को शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग द्वारा विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा, जिसमें चार हजार यूनिट रक्त एकत्रित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि रक्तदान शिविर में लुधियाना, पठानकोट, दहरादून, दिल्ली, रोहतक व उत्तराखंड की टीमें रक्त संग्रहण के लिए पहुंचेंगी।

ऐलनाबाद उपचुनाव में मतदान के लिए सभी प्रबंध चाकचौबंद

सिरसा उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीनिवास ने बताया कि कल होने वाले 46-ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव में शांतिपूर्वक एवं निष्पक्ष मतदान के लिए सभी प्रबंध चाकचौबंद कर लिए गए है। आज स्थानीय पंचायत भवन से केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में सभी 142 पोलिंग पार्टियों को मतदान से संबंधित सभी तरह की सामग्री देकर रवाना किया गया है। सभी पार्टियों को निर्देश दिए गए है कि वे चुनाव आयोग के निर्देशानुसार मतदान केंद्रों में सभी प्रकार की व्यवस्था सुनिश्चित करे और कल यानी 20 जनवरी को सुबह 7 बजे मतदान शुरु करवाए। उन्होंने मौके पर बताया कि पूरे विधानसभा क्षेत्र में मतदान के सुचारु एवं शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न करवाने हेतु कुल 142 मतदान केंद्र स्थापित किए गए है जिन पर विधानसभा क्षेत्र के कुल 144181 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे। इन मतदाताओं में 77340 पुरुष एवं 66841 महिला मतदाता है। उन्होंने बताया कि पूरे विधानसभा क्षेत्र के लिए 170 पोलिंग पार्टियां गठित की गई है, जिनमें 142 पार्टियों को मतदान केंद्रों पर भेजा गया है और इसके अलावा 28 पोलिंग पार्टियों को रिजर्व में रखा गया है। इस प्रकार से पूरी मतदान प्रक्रिया संपन्न करवाने के लिए 464 अधिकारियों कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। चूंकि पूरे ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र को अति संवेदनशील घोषित किया गया है इसी को मद्देनजर रखते हुए सभी मतदान केंद्रों पर नजर रखने के लिए इस बार 170 माइक्रो ऑब्जर्वर की भी नियुक्ति की गई है। प्रत्येक मतदान केंद्र पर एक-एक माइक्रो ऑब्जर्वर को तैनात किया गया है जो किसी भी प्रकार की घटना की सूचना तत्काल चुनाव पर्यवेक्षक जिला निर्वाचन अधिकारी को देगा। उपायुक्त श्रीनिवास ने बताया कि पूरे विधानसभा क्षेत्र को चार जोन 20 सैक्टरों में बांटकर जोन इंचार्ज,सैक्टर मैजिस्ट्रेट सैक्टर सुपरवाईजर को तैनात किया गया है। इसके अलावा 17 अन्य ड्यूटी मैजिस्ट्रेटों की नियुक्ति की है जो आगामी 23 जनवरी तक ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में कानून व्यवस्था पर पूरी नजर रखेंगे। उन्होंने सभी सैक्टर मैजिस्ट्रेट को निर्देश दिए है कि वे प्रत्याशियों को चुनावी बूथ स्थापित करने के लिए भी उन्हें 200 मीटर की परिधि से ही बाहर जगह बताएं। उन्होंने कहा कि सैक्टर मैजिस्ट्रेट पहले से ही मतदान केंद्र में सभी तरह की आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करे। मतदान केंद्र में बिजली-पानी और शौचालय के साथ-साथ रैंप का होना भी जरुरी है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र में शांति एवं कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अर्धसैनिक बलों हरियाणा पुलिस की 27 कंपनियां तैनात की गई है जिनमें 10 कंपनियां अर्धसैनिक बलों, 12 कंपनियां हरियाणा पुलिस और 5 कंपनियां आईआरबी की होंगी। पूरे जिला को जोडऩे वाली सड़कों की नाकाबंदी की गई है और बाहर से आने जाने वाले वाहनों व्यक्तियों पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि विभिन्न सड़कों पर 89 बैरियर स्थापित किए गए है जहां पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात होंगे। पूरे विधानसभा क्षेत्र को सुरक्षा की दृष्टि से 39 सैक्टरों में बांटकर पुलिस पार्टियों की ड्यूटियां लगाई गई है। एक पुलिस पार्टी दो गांव पर नजर रखेंगी। इसके साथ-साथ मतदान केंद्रों पर भी अर्धसैनिक बलों के साथ-साथ स्थानीय पुलिस के जवानों की पर्याप्त मात्रा में तैनाती की गई है और शांति कानून व्यवस्था प्रबंध सुनिश्चित किए गए है। उन्होंने बताया कि मतदान वाले दिन ऐलनाबाद क्षेत्र में कोई भी बाहर का व्यक्ति जिसका इस क्षेत्र में वोट नहीं है वह इस क्षेत्र में नहीं रुक पाएगा। यदि विधानसभा क्षेत्र में कोई बाहर का राजनीतिक व्यक्ति/पार्टी वर्कर क्षेत्र में पाया जाता है तो उसके विरुद्ध तुरंत संबंधित थाना अधिकारी से संपर्क करके सैक्टर मैजिस्ट्रेट द्वारा कार्यवाही की जाएगी। विधानसभा के उपचुनाव में मतदान केंद्रों पर पोलिंग एजेंट उन्हीं व्यक्तियों को बनाया जाएगा जिन व्यक्तियों के संबंधित मतदान केंद्रों पर वोट होंगे। उन्होंने बताया कि जिन व्यक्तियों के संबंधित बूथों पर वोट नहीं होंगे उन मतदान केंद्रों में बाहरी व्यक्तियों को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इसके साथ-साथ किसी भी पोलिंग एजेंट को मतदान केंद्र के अंदर मोबाईल फोन, कोडलैस, वायरलैस सैट इत्यादि ले जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों आजाद प्रत्याशियों से अपील की है कि वे अपने कार्यकर्ताओं से कहे कि कोई भी व्यक्ति आदर्श चुनाव आचार संहिता की उल्लंघना करे और चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देशों के तहत ही मतदान केंद्रों में एजेंट बने। जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार भारत के चुनाव आयोग द्वारा ऐलनाबाद विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के सभी मतदाताओं के लिए मतदान केंद्रों पर पहचान पत्र दिखाया जाना अनिवार्य किया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाता आयोग के अधिकार के तहत उन्हें जारी किए गए मतदाता फोटो पहचान पत्र या निर्धारित किए गए वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत कर अपनी पहचान सिद्ध कर सकते है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं द्वारा अपनी पहचान के लिए इस्तेमाल जा सकने वाले वैकल्पिक दस्तावेजों की सूची में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, राज्य या केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्थानीय निकायों या पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटो लगे सेवा पहचान कार्ड तथा पब्लिक सेक्टर बैंक/डाकघरों में 30 नवम्बर 2009 तक खोले गए खातों के लिए जारी पासबुक, जिसमें उनकी फोटो लगी हो शामिल है।

18.1.10

गुरजंट सिंह ने दिखाई जागरूकता रैली को हरी झंडी

18 जनवरी 2010
सिरसा(सिटीकिंग) यूथ वेल्फेयर फैडरेशन की महिला विंग द्वारा कन्या भ्रूण हत्या, नशों, वेश्यावृत्ति जैसी सामाजिक बुराईयों के खात्मे व किन्नर उत्थान के लिए चलाई गई मुहिम को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जिला के गांव-गांव में निकाली जा रही जागरूकता रैलियों की श्रृंखला में आज रोड़ी क्षेत्र के मत्तड़, लहंगेवाला और रंगा गांव में विशाल रैलियां निकाली गई। रैलियों में शामिल सैकड़ों महिलाओं ने गांव की गली-गली में जाकर लोगों को बुराईयां त्यागने का संदेश दिया। सोमवार प्रात: यूथ वेल्फेयर फैडरेशन की महिला विंग द्वारा मत्तड़ गांव में निकाली गई जागरूकता रैली को गांव के सरपंच हरदेव सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर पूर्व सरपंच शेर सिंह व अन्य पंचायत सदस्य उपस्थित थे। इसके पश्चात विंग द्वारा गांव लहंगेवाला में निकाली गई जागरूकता रैली को सरपंच गुरजंट सिंह ने हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर हरीचंद बप्पां, ओमप्रकाश, जगसीर रोहन, जगतपाल, गुरचरण सिंह, सेवा सिंह, करतार सिंह, यूथ वेल्फेयर फैडरेशन की महिला विंग की जिला प्रधान स्वीटी, शमन, रविन्द्र, निंदर, कमलेश, ऊषा, आशा व अन्य महिलाएं उपस्थित थी। रैलियों को हरी झंडी दिखाते समय उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने महिलाओं द्वारा चलाए गए इस जागरूकता अभियान कीसराहना की तथा उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। इस मौके पर फैडरेशन की जिला प्रधान स्वीटी ने कहा कि नशों के कारण सर्वाधिक घर बर्बाद हो रहे हैं तथा सभी बुराईयों की जड़ नशे हैं। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी नशों की दलदल में धंसती चली जा रही है, इसे बचाने के लिए हम सभी को आगे आना होगा।

लो क सं घ र्ष !: अब पछताए क्या होत.......

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री आसिफ अली जरदारी ने अमरीका से शिकायत की है कि एक तरफ अमरीका आतंकवाद के विरूद्ध जंग में उसे अपना सहयोगी मानता है तो वही दूसरी तरफ उसके शहरियों पर ड्रोन हमले भी होते रहते हैं जिसके कारण आम जनता में अमरीका व पाकिस्तानी सरकार के विरूद्ध क्रोध व कुण्ठा बढ़ती है परिणाम स्वरूप आतंकियों का जनसमर्थन बढ़ता है।
वाह जरदारी साहब मीठा-मीठा हक कड़वा-कड़वा थू। जब अमरीका व उसकी गुप्तचर एजेन्सी सी0आई0ए0 के साथ गलबहियाँ डालकर भारत के विरूद्ध साजिशे पाकिस्तान से कभी पंजाब तो कभी कश्मीर के विरूद्ध की जाती रही तब अमरीकी दोस्ती अच्छी लगती थी जिस समय अमरीकी सातवें नौसेना बेड़े के द्वारा भारत पाक युद्ध 1971 के समय, भारत को धमकी दी जा रही थी तब अमरीका आपका आका बना हुआ था। जब अफगान रूस युद्ध चल रहा था तो पाकिस्तान में तालिबानी शिविर लगाकर अमरीकी सेना के द्वारा उन्हें शस्त्र ट्रेनिंग दी जा रही थी उस समय अमरीका के हक में हाथ उठा उठाकर मस्जिदों में दुआए उस समय के पाक राष्ट्रपति जियाउल हक करवाते थे और जिन्होंने अमरीका के ही कहने पर आपके ससुर पूर्व प्रधानमंत्री जुलफिकार अली भुट्टो को जेल में सड़ाकर फांसी के फंदे पर लटका दिया था।
उसी अमरीका के साथ आपने हाथ मिलाकर ना केवल आपके ससुराल वालों की कुरबानी को शर्मिन्दा किया है बल्कि पाकिस्तान की जनता पर वर्तमान में हो रहे अत्याचार व जुल्मों के पीछे आपकी महात्वाकांक्षा व सत्ता की लालच ही जिम्मेदार है।
आपका व आपके राष्ट्र का तो हश्र यह होना ही था क्योंकि इससे पहले पाकिस्तान के पूर्वप्रधानमंत्री भुट्टो, जियाउल हक, लियाकत अली खां इत्यादि की भी जीवन लीला सी0आई0ए0 ने ही समाप्त करायी और नवाज शरीफ, अय्यूब खां व जनरल यहिया खाँ को दूसरे रूप में सजा दी। आपका भी हश्र इससे अलग ना होगा क्योंकि एक माफिया की भांति अमरीका जिस व्यक्ति से अपने नाजायज काम लेता है तो बाद में राज को दफन करने के लिए उसे समाप्त जरूर करवाता है।

मो0 तारिक खान