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3.10.11

ड्यूटी के समय पुलिस वाले खेलते हैं ताश

हरियाणा पुलिस सेवा, सुरक्षा सहयोग का नारा देते नहीं थकती है। चित्र में ड्यूटी के समय ताश खेल रहे इन पुलिस वालों को देखकर या ऐसा लगता है कि ये जनता की सेवा, सुरक्षा सहयोग कर रहे हैं ?

6.12.10

मुफ्त आप्रेशन कैंप में दर्जनों लोगों ने खोई आंखों की रोशनी



सफीदों (हरियाणा) : सफीदों में एक डाक्टर की लापरवाही ने दर्जनों लोग अपनी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए खो बैठे। अब ये पीड़ित लोग सिर्फ दोषी डाक्टर को कोसने के सिवाए कुछ भी नहीं कर सकते हैं। पीड़ित व्यक्ति इस उम्मीद के साथ दुसरे अस्पतालों में इलाज के लिए धक्के खा रहे हैं कि शायद उनकी आंखों की रोशनी वापिस जाए। जहां इन लोगों ने जिंदगी भर के लिए अपनी आंखे खोई, वहीं आरोपी डाक्टर बड़ी बेशर्मी से यह कह रहा है कि आप्रेशन के दौरान इस तरह की समस्या आम बात है। सफीदों के मां भागो देवी धमार्थ अस्पताल के आंखों के डाक्टर अरविंद मौर्य ने क्षेत्र की सामाजिक संस्था बंधु सेवा संघ द्वारा लगाए गए मुफ्त आंखों के कैंप में लोगों की आंखों के आप्रेशन किए थे। आप्रेशन के कुछ ही दिनों बाद आप्रेशन करवाने वाले लोगों को अपनी आखें खो देने का अहसास होने लगा तो पीड़ितों उनके परिजनों के पांव तले की जमीन सरक गई। जब पीड़ित लोग आंखों की रोशनी नहीं आने की शिकायत लेकर डाक्टर से मिले तो पहले तो डाक्टर उन्हें आश्र्वान देता रहा कि आंखे ठीक हो जाएंगी लेकिन बाद में साफतौर पर मना कर दिया कि अब इन आंखों का कुछ भी नहीं हो सकता। पीड़ित मुआना गांव के गोपीराम, हाट गांव के हुकम चन्द, सफीदों के रामदिया, सफीदों की शिव कालोनी निवासी ओमपति, निमनाबाद गांव के अजायब सिंह, सिंघाना गांव के रणबीर, निमनाबाद गांव की राजो देवी सहित अन्य लोगों ने सीधेसीधे डाक्टर अरविन्द मौर्य पर आप्रेशन के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। जिसके कारण उनकी आखें की रोशनी सदासदा के लिए चली गई। पीड़ित लोगों ने बताया कि आप्रेशन से पहले तो उन्हें थोड़ा बहुत अवश्य दिखाई देता था लेकिन उसके बाद उन्हें दिखाई देना बिल्कुल बंद हो गया है। अब वे दुसरे अस्पतालों में इलाज के लिए चक्कर लगा रहे हैं। सभी पीड़ित डाक्टर को पानी पीपीकर कोश रहे है। आप्रेशन कैंप के बाद आंखों की रोशनी गंवाने के मामले सामने आने के बाद सफीदों प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग ने डिप्टी सिविल सर्जन की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर जल्द रिपोर्ट देने के लिए कहा। इसके अलावा आप्रेशन करने वाले चिकित्सक को तबल किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डाक्टर नरवीर ने भी मामले की शीघ्र रिपोर्ट भेजने के निर्देश सिविल सर्जन डा आरएस वाधवा को दिए हैं।इसके अलावा मामले की जांच के बाद आरोपी चिकित्सक के खीलाफ भी कार्रवाई के लिए कहा गया है। आप्रेशन के दौरान लोगों की आंखों की रौशनी खो जाने का मामला सामने आने पर उपायुक्त अभय सिंह यादव ने सिविल सर्जन डा. आर.एस. वाधवा तथा सफीदों के एस.डी.एम. सत्यवान इंदौरा के साथ पूरे मामले पर विचारविमर्श किया और निर्देश दिया कि मुत कैंप में आप्रेशन करवाने वाले लोगों का पता लगाकर उनकी जांच करवाई जाए और पीड़ित लोगों का इलाज सामान्य अस्पताल जींद में करवाया जाए। आप्रेशन के दौरान खामिया या रही इसके लिए जांच टीम का गठन किया जाए और आरोपी चिकित्सक डा. अरविंद मौर्या के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उपायुक्त से निर्देश मिलते ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पीड़ित लोगों के पास पहुंच गए। इस मामले में डी.सी. डा. अभय सिंह यादव ने बताया कि इस मामले में एक जांच टीम का गठन किया गया है और चिकित्सक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। सिविल सर्जन डा आर.एस. वधवा ने बताया कि डिप्टी सिविल सर्जन डा. धन कुमार के नेतृत्व में जांच टीम बना दी गई है। जिन्हें शीघ्र रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। इसके अलावा डी.जी. हैल्थ ने भी मामले की रिपोर्ट शीघ्र देने के लिए कहा है। इस विष्य में आरोपी डाक्टर अरविंद मौर्य का कहना है कि आप्रेशन के दौरान इस तरह की समस्या आम बात है। सौ में दस केस खराब हो ही जाते है।

31.10.10

प्रशासन ने लौहपुरूष् पटेल को भुलाया

सफीदों (हरियाणा) : सफीदों प्रशासन ने भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री लौहपुरूष् सरदार बल्लभ भाई पटेल को अपने शदकोष् से ही मिटा दिया है। ऐसा लगता है प्रशासन को या तो देश के प्रति उनके योगदान की जानकारी नहीं है वरना नागक्षेत्र कीर्तन हाल में मनाए जा रहे संकल्प एवं सद्‌भावना दिवस के मौके पर उनको भूलने की यह चूक नहीं होती। 31 अटूबर को जहां पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि है वहीं भारत को एकता के सूत्र में बांधने वाले लौहपुरूष् सरदार बल्लभ भाई पटेल का जन्मदिवस भी होता है। इस अवसर पर इंदिरा गांधी को भावभीनी श्रृद्धाजंलि देने के बाद अगर सरदार बल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन पर वहां मौजूद प्रशासन एवं अन्य अधिकारी उनके प्रति दो शब्द समर्पित करते जब सही मायनो में यह कौमी एकता एवं सद्‌भावना दिवस प्रतीत होता। प्रशासन द्वारा जारी प्रैस विज्ञप्ति में भी इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि को छोड़कर सरदार बल्लभ भाई पटेल का जिक्र तक नहीं किया गया। अगर हमारें महापुरुषों के योगदान को इसी प्रकार गौण रखा जाएगा तो आने वाले पीढ़ियों से हम किसी भी प्रकार की कौमी एकता एवं सद्‌भावना की उमीद नहीं कर सकते है।