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30.1.11

आपके सहयोग से मेरी पोस्टें हुई दो हजार पार ......

Saturday, January 29, 2011

मेरे दोस्तों मेरे भाइयों मेरे ब्लोगर्स परिवार के लोगों
आज में अपनी पोस्टों की गिनती करने लगा तो
पता चला इनकी संख्या दो हजार के पार हो गयी हे ।
दोस्तों मार्च २०१० से शुरू मेरा यह सफर आज ३० दिसम्बर
शहीद दिवस पर २००० पोस्टें पार कर जाएगा यह मेने सोचा भी नही था
लेकिन लिखने का एक जूनून था और में बिना किसी
टिप्पणी के इन्तिज़ार में लिखे जा रहा था लिखे जा रहा था
कई बार मुझे वक्त ने , मजबूरी ने ,टिप्पणी चाहने के लालच ने
इंटरनेट की तकनीकी खराबी ने
ब्लोगिंग टिप्स की जानकारी के अभाव ने मुझे इस
अभियान से रोकने की कोशिश के दोस्तों में ठिठका तो सही
टिप्पणी के लालच में भटका तो सही लेकिन फिर अपने लक्ष्य के लियें
अपने कम को आगे बढाने के लियें डट गया और काम शुरू कर दिया
मुझे मेरे एक ब्लोगर मित्र ने फॉर कर बधाई दी के भाई अब तो बस करो
तुम ब्लोगिंग की दुनिया में सबसे तेज़ लिखने वाले और अल्प समय मार्च २०१० से केवल नो माह में
२००० पोस्टों से अधिक लिखने वाले पहले ब्लोगर बन गये हो मुझे यकीन नहीं आया मेने अपनी पोस्टें गिनी तो
सच मेरी पोस्टों की गिनती २००० पोस्टों के पार थी ,
दोस्तों मेरे इस जीरो पोस्ट से २००० पोस्टों के इस सफर में
आप सब ब्लोगर भाइयों और बहनों का प्यार मार्ग दर्शन शामिल रहा हे
और आपके इस प्यार और मुझे भटकने पर मार्ग पर वापस लाने की सीख ने
मेरा सीना गर्व से ऊँचा कर दिया हे और इसीलियें कहता हूँ के मेरे इस ब्लोगिंग के सफर में
मेरे ब्लोगर भाइयों से जो मुलाक़ात हुई हे वोह एक यादगार हे कभी न भुलाने वाला प्यार हे
इसलियें कहता हूँ के जय ब्लोगिस्तान जय ब्लोगर यूनियन जय चोथा ब्लोगर स्तम्भ जिंदाबाद ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

29.1.11

Mission India Foundation: MMR Vaccination project completed

On January 27,2011, Mission India Foundation (http://www.mifusa.org/) reached the milestone of 4000 MMR vaccinations given to kids in Narnaul District of Haryana. This completes Phase 1 of our project. The team working in India (Board member Dr Ved Yadav, Operations Manager Neeraj, and Vijay Lakshmi- the health worker) deserves all the salutation for carrying out the project in an efficient manner. A special thanks to all the volunteers and donors who made this possible in a time span of less than a year (the project was launched on April 7,2010). But the work does not end here, we need to continue this great work and we need all the help we can get to achieve the same success going forward. Support the Cause of One Vaccine at a Time; One Kid at a time!


Please visit http://www.mifusa.org/ for updates and your continued support.

ऍम ऍम आर टीकाकरण

27 जनवरी 2011को Mission India Foundation के  ऍम ऍम आर टीकाकरण ( MMR Vaccination) के पहले प्रोजेक्ट का सफलतापूर्ण समापन हुआ. 4000 बच्चो को यह टीके निशुल्क लगाये गए हैं.
यह  समाजसेवी संस्था भारत में बच्चो के स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रही है. ऍम ऍम आर टीकाकरण प्रोजेक्ट हरियाणा के नारनौल जिला में चलाया जा रहा है.


अगले प्रोजेक्ट के तहत संस्था Typhoid का टीका कार्यक्रम शुरू करने जा रही है.

अधिक जानकारी के लिए कृपया वेबसाइट देखिये: http://www.mifusa.org/

26.1.11

शोभना वेलफेयर सोसाइटी ने मनाया 62वां गणतंत्र दिवस

शोभना वेलफेयर सोसाइटी ने भारत के ६२ वें गणतंत्र दिवस को कुछ अलग ही अंदाज़ में मनाया. इस पावन अवसर की संध्या पर सोसाइटी ने गरीबों के बीच गर्म कपड़ों का वितरण किया ताकि जाती हुई सर्दी के प्रकोप से लाचार गरीबों को बचाया जा सके.
इस कार्यक्रम का आयोजन इंदिरा विकास कैम्प, एंड्रयूज गंज में किया गया.

इस अवसर पर इटावा (उ.प्र.) से आये श्री रविंदर नाथ सिंह व आई .एन.एस.मीडिया के पत्रकार श्री सुनील भदोरिया ,हास्य कवि व ब्लॉगर श्री सुमित प्रताप सिंह व सोसाइटी की सदस्य सुश्री वनिता सिंह आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे.
सोसाइटी की अध्यक्षा ने सभी गरीबों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें दीं व ऐसे ही उनको निरंतर सहयोग देते रहने का आश्वासन दिया.

20.1.11

चलना होगा हर तौर मुझे

सोचता तो हूं
मैं भी
पल भर
ठहर कर
सुसता लूं
पर तभी याद आता है
निहारती होगी
कहीं सांझ, कहीं भौर मुझे

कहीं प्रियतम की प्रतीक्षा
कहीं पीडा के पलों से मुक्ती
कहीं स्वपनों का पल्वन
कहीं दिन भर की थकन
कहीं जाडे की ठिठुरन
कहीं


डैने फ़ैलाये फ़डफ़डा रहा होगा
रुक नहीं सकता
चलना होगा हर तौर मुझे

जनकवि रघुनाथ मिश्र की दिल्‍ली-मेरठ-झाँसी की सांस्‍‍‍कृतिक व साहित्यिक यात्रा

कोटा। प्रख्‍यात जनकवि-रंगकर्मी वरिष्‍ठ साहित्यकार श्री रघुनाथ मिश्र ने अपने दिल्ली-मेरठ के दस दिवसीय निजी, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रवास से लौट कर जलेस के सदस्यों को अपनी सामान्य बैठक में मेरठ में स्थापित एवं कार्यरत यूनाइटेड प्रोग्रेसिव थियेटर एसोसिएशन (अप्टा) के संगीतकार, साहित्यकार और रंगकर्मी एवं सेना के वरिष्ठ पदाधिकारियों श्री अनिल कुमार शर्मा आईएडीएस, सहायक नियंत्रक रक्षा लेखा (पेंशन वितरण) और श्री एस एन वत्सल साहित्यकार एवं प्रख्यात एंकर के साथ अपनी महत्वपूर्ण मुलाकात की विस्तार से चर्चा की।

मिश्र ने उक्त प्रवास में साहित्यिक, सांस्कृतिक और रंगकर्म से सम्बंधित उक्‍त प्रख्यात हस्ताक्षरों से मुलाकात को अविस्मरणीय बताया। उनके साथ हुई सार्थक-यादगार चर्चा से मिले अमूल्य अनुभवों को बताया। राष्ट्रीय स्‍तर पर साहित्यिक-सांस्कृतिक संदर्भों में अपेक्षित प्रयासों के अभाव में संभाव्य रिक्तता और क्षरण पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री शर्मा और श्री वत्सल के मूल्य आधारित संगीत, साहित्य और रंगकर्म के राष्ट्रीय स्तर पर सार्थक और प्रभावी बनाकर उसे सामाजिक रूपांतरण की दिशा में प्रेरणात्मक-अनुकरणीय बनाने व देशभर के शब्द शिल्पियों, कलाकारों के बीच एकता व प्रेरक संवाद कायम करने व अपने महान् दायित्व निर्वहन में जुटने-जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के अथक प्रयासों और अप्टा की गतिविधियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। ज्ञातव्य है कि इप्टा की दयनीय दशा के चलते उसकी तर्ज पर अप्टा उत्तर प्रदेश में अपनी एक जगह बना रहा है।

जलेस प्रकाशन कोटा से अब तक प्रकाशित सभी 13 काव्य संग्रहों के प्रकाशनों की महत्ता पर महानुभावों व उनके कतिपय साथियों के साथ चर्चा करते हुए स्वयं के हिन्दी-उर्दू ग़ज़ल संग्रह ‘सोच ले तू किधर जा रहा है’, हाड़ौती के जनवादी कवियों की प्रतिनिधि रचनाओं के संग्रह ‘जन जन नाद’,और प्रख्यात जनकवि, साहित्यकार, संगीतकार और क्रॉसवर्ड मेकर श्री गोपाल कृष्ण भट्ट ‘आकुल’ के काव्य संग्रह ‘जीवन की गूँज’ साहित्‍य उन्होंने उन्हें भेंट किया, जिसे पा कर वे अभिभूत हो गये। उक्त पुस्तकों में व्यक्त सार्थक कथ्य अनुकरणीय सुंदर और आकर्षक कलेवर में उनका प्रकाशन और समाज को बेहतर बनाने की रचनाकारों की प्रेरक भावनाओं की प्रशंसा करते हुए श्री शर्मा व श्री वत्सल ने मिश्र, आकुल और सदस्य साथियों के प्रयासों के लिए श्री मिश्र को बधाई दी। भेंट दी गयी पुस्तकों को पढ़ कर जनवाद की अमूल्य धरोहर पुस्तकों पर वे अपनी सार्थक समीक्षा भी श्री मिश्र को भेजेंगे, उन्होंने आश्वासन दिया।

मिश्र ने वहाँ चर्चा करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर वैचारिक वर्चस्व के शिकंजे को विफल करने के लिए सांस्कृतिक प्रतिरोध के सभी प्रयासों में कोटा जलेस व अन्य संस्थाओं, व्यक्ति समूह के साथ कंधे से कंधा मिला कर सहयात्री-सहकर्मी की भूमिका में प्रभावी तरीके से साथ होने की अपनी अथक यात्रा के बारे में उन्हें बताया। इस यात्रा के अविस्मरणीय क्षणों, जन नाट्य मंच की उनकी रंगकर्म यात्रा, जलेस की स्थापना, कोटा जलेस, कोटा जलेस द्वारा दिये जा रहे ठाड़ा राही सम्मान, कोटा जलेस से जुड़े साहित्यकारों, कवियों, रचनाकारों के बारे में बताते हुए सन् 2008 में सृजन वर्ष मनाये जाने और 9 पुस्तकों के प्रकाशनों के ऐतिहासिक प्रयासों की भी उन्होंने चर्चा की। वर्तमान में आकुल व चक्रवर्ती के बहु आयामी व्‍यक्तित्‍व के बारे में भी उन्‍होंने श्री शर्मा व श्री वत्‍सल को बताया। कोटा में साहित्यिक गतिविधियों पर भी प्रकाश डालते हुए उन्होंने राजस्थान के हाड़ौती अंचल में चम्बल की अजस्र धारा के साथ-साथ साहित्‍य की बहती अविरल धारा के बारे में भी जानकारी दी। अखिल भारतीय स्तर के कवियों, साहित्यकारों, रचनाकारों की भूमि कोटा के बारे में भी उन्होंने विस्तार से उनसे चर्चा की और विशेष अभियानों में उन्हें कोटा आने का विशेष आग्रह करने व आमंत्रित करने का दृढ़ आश्वासन भी दिया।

अंत में मिश्र ने दिल्ली-कोटा जन नाट्यमंच द्वारा स्थापना से लगायत अब तक की गाँव-गाँव, शहर-शहर, ढाणी-ढाणी में अपने राष्ट्र, समाज हित में जन जागरण के लिए अपनी अनेकों नाट्य प्रस्तुतियों से असंख्य दर्शकों पर सार्थक प्रभाव की चर्चा करते हुए बताया कि कोटा में वे जन नाट्य मंच के संस्थापक रहे हैं और मजदूर आंदोलनों से लंबे समय तक जुड़े रहे हैं। आज भी वे अधिवक्‍ता होने के नाते उनके हितों के लिए सहयोग देने में पीछे नहीं हैं। पिछले दिनों पूरे एक माह तक सफ़दर हाशमी मेमोरियल ट्रस्ट दिल्ली द्वारा अमेरिका में सैंकड़ों नाट्य मंचनों की चर्चा की तो माहौल उत्साह से भर गया । अप्टा के पदाधिकारियों के मध्य वे जनवाद के हुतात्मा सफ़दर हाशमी के बारे में बताने से नहीं चूके। अप्टा के पदाधिकारियों ने सफ़दर हाशमी की 1989 में उत्त‍र प्रदेश के साहिबाबाद में नुक्कड़ नाटक के मंचन के दौरान शहादत को भी श्रद्धा से याद किया।

मिश्र ने कोटा व राजस्थान के अमन पसंद कलमकारों-कलाकारों की ओर से श्रेष्ठ प्रयासों में सभी सम्भव-सार्थक सहयोग का आश्वासन दिया और शीघ्र ही एकजुट प्रभावी अभियानों की शुरुआत की अपील की। अप्टा के सभी उपस्थित सदस्यों ने हाड़ौती के रचनाकारों और जलेस परिवार को साधुवाद दिया और आगे ऐसे ही नये राष्ट्र हित, समाज हित, जन जन के लिए किये जाने वाले कार्यों, अभियानों व प्रकाशनों में बढ़-चढ़ कर सहयोग देने का आश्वासन दिया। मिश्र ने भी सेना के लिए अथक परिश्रम के साथ-साथ जनहित में लगे अप्टा के अधिकारियों को साधुवाद दिया और अपनी इस यात्रा को एक मायनों में ऐतिहासिक बताया।

स्व0 मिथलेश रामेश्वर प्रतिभा सम्मान से सम्मानित हुए

इसी दौरान मेरठ में उन्हें दिल्ली के ‘हम सब साथ साथ’ पत्रिका के श्री किशोर श्रीवास्ताव से स्व0 मिथलेश रामेश्वर प्रतिभा सम्मान के लिए चुने जाने का शुभ समाचार मिला। दस दिवसीय अपनी महत्वपूर्ण इस साहित्यिक और सांस्कृतिक यात्रा के साथ-साथ प्रतिभा सम्मान के लिए चुने जाने के अविस्मरणीय क्षणों को सहेज कर उर्जस्‍वी बन वे कोटा लौटे और जलेस पदाधिकारियों आकुल, चक्रवर्ती और डॉ0 नलिन को सम्‍मान के बारे में अवगत कराया।

प्रतिभा सम्मान के लिए श्री मिश्र 28 नवम्बर को कोटा से झाँसी के लिए रवाना हुए। वहाँ उन्हें माननीय प्रदीप जैन ‘आदित्य', केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री द्वारा स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र और शाल उढ़ा कर सम्मानित किया गया। साथ ही डाकुओं से साहसपूर्वक सामना कर विकलांग बनी दिलेर एक महिला को भी समारोह में सम्मानित किया गया। बुंदेलखंड महाविद्यालय के समीप आई एम ए भवन में आयोजित इस भव्‍य समारोह में झाँसी के विधायक श्री कैलाश साहू, अरुण श्रीवास्तव व ‘हम सब साथ साथ’ के सम्पादक श्री किशोर श्रीवास्तव भी उपस्थित थे। दिल्‍ली की पत्रिका 'हम सब साथ साथ' प्रायोजित स्व0 मिथलेश रामेश्वर प्रतिभा सम्मान 2009 से प्रतिवर्ष एक पुरुष और एक महिला साहित्यिक और सांस्कृतिक प्रतिभा को दिया जाता है। 2010 के इस प्रतिभा सम्मान को प्राप्त करने वाले श्री मिश्र दूसरे और झाँसी के ही युवा साहित्यकार सुधीर गुप्ता 'चक्र' त्तीसरे प्रतिभाशाली रचनाधर्मी एवं रंगकर्मी है। इस प्रतिभा सम्मान से मिश्र ने हाड़ौती का ही नहीं, राजस्थान को भी गौरवान्वित किया है। अपनी संक्षिप्त झाँसी यात्रा के बारे में उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय कायस्थ समाज 'चित्रांश ज्योति' के तत्वावधान में हर वर्ष कायस्थ समाज के प्रतिभावान् छात्र छात्राओं का एक भव्य समारोह में अभिनंदन किया जाता है। यह प्रतिभा सम्मान दिल्ली की द्विमासिक पत्रिका ‘हम सब साथ साथ’ के सौजन्य से श्री मिश्र को दिया गया। समारोह में विशिष्ट अतिथि श्री करुणेश श्री वास्तव, डिप्‍टी सी एम ई (एनसीआर) रेल्वे कारखाना, झाँसी, अतिथि श्री हरिवल्लभ खरे, प्रान्तीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, श्रीमती रमा श्रीवास्तव, डिस्ट्रिक्ट चेयर पर्सन, लायनेसेस मूवमेंट, राष्ट्रीय ब्यूरो चीफ, अधिवक्ता‍ कल्याण समिति, मेनेजिंग डाइरेक्टर मदर टेरेसा ग्रुप्स ऑफ स्कूल्स थे। समारोह की अध्यक्षता श्री संतोष कुमार श्रीवास्तव, प्रदेशीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, ललितपुर थे। समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कायस्थ बंधुओं को सम्मानित किया गया। मेधावी छात्र-छात्राओं का भी अभिनंदन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम और फि‍ल्मी गीतों पर कायस्‍थ समाज के बालक बालिकाओं के नृत्यों ने समारोह में चार चाँद लगा दिये। पधारे अतिथियों, अध्यक्ष और श्री मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। श्री मिश्र ने समाज के साथ-साथ अखिल भारतीय स्तर पर प्रतिभावान् रचनाधर्मी और भारतीय धरा की संस्कृति से जुड़े रंगकर्मी और साहसी युवक युवतियों को प्रेरणा देने वाले इस कार्यक्रम की प्रशंसा की और भविष्य में इसे और भी सफलतायें मिलें, देश को कायस्थ समाज से ढेरों प्रतिभायें मिलें, जो राष्ट्र के विकास और उत्थान में अपना सहयोग दें, ऐसी शुभकामनायें दीं। जलेस के प्रकाशनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई! लोगों ने सराहा। सहभोज के बाद श्री मिश्र ढेरों स्‍मृतियाँ सहेज कर कोटा लौटे। कोटा में जलेस सदस्‍यों ने उनका स्‍वागत कर बधाइयाँ दीं।
रिपोर्ट जलेस, कोटा। 9-12-२०१० संकलन अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

19.1.11

क्यों हुई बदनाम शीला की जवानी

उस दिन कहीं से आ रहा था तो रास्ते में देखा कि कुछ मनचले लड़के एक लड़की का पीछा करते हुए शीला की जवानी नामक गाना गाने में मस्त थे. मेरी सूरत देखते ही वो सभी वहाँ से लापता हो गए. यह दृश्य देखकर मन किया कि काश फरहा खान व कैटरीना कैफ मेरे सामने होतीं और उनको दंडवत प्रणाम करता तथा उन्हें बधाई देता ऐसे महान गाने को जनता को सौपने के लिए. अपने अर्धनग्न शरीर की नुमाइश कर व अपनी मदमस्त अदाएं दिखा कर कैटरीना कैफ ने इस गाने को अश्लीलता में सम्पूर्णता प्रदान कर दी और उपहार में दे दिया छिछोरों को लड़की छेड़ने का एक दमदार शस्त्र. आजकल हर गली-मोहल्ले में ये छिछोरे हर सुकन्या को शीला बनाने के लिए इस शस्त्र का प्रयोग करते देखे जा सकते हैं. बधाई हो फरहा खान! बधाई हो कैटरीना कैफ उर्फ शीला!

18.1.11

बिग बॉस-4 का असली विजेता कौन?


आँख लगी ही थी की सपने में बिग बॉस-4 की विजेता श्वेता तिवारी आ धमकीं. उनके एक हाथ में बिग बॉस-4 की चमचमाती ट्रॉफी थी तथा दूसरे हाथ में एक करोड़ रुपयों से भरा सूटकेस. इससे पहले की हमारी नजरो की छुरियां उनके सूटकेस को चीर डालतीं श्वेता जी ने स्थिति भांप कर सूटकेस को अपनी साड़ी के पल्लू में छुपा लिया और हमारा ध्यान बंटाने के लिए हमारे हाल-चाल पूछने लगीं. हमने अपने हाल बताना छोड़ उनसे ही पूछ लिया, " श्वेता जी एक बात तो बताएं कि खली जैसे बली के होते हुए आपने बिग बॉस-4 का खिताब भला कैसे जीत लिया?" इस पर श्वेता तिवारी मुस्कान बिखेरती हुईं बोलीं कि बिग बॉस-4 का खिताब उन्हें उनके शांत स्वभाव, हार न मानने का ज़ज्बा व पारिवारिक संस्कारों के परिणाम स्वरुप मिला है. उनकी बातों को सुन हम मुस्कुराते हुए सोचने लगे की श्वेता जी आपको बिग बॉस-4 का खिताब आपके इन गुणों ने नहीं बल्कि काफी समय पहले आने वाले धारावाहिक "कसौटी ज़िन्दगी की" की प्रेरणा शर्मा को देखकर आंसू बहाने वाली महिला प्रशंसकों द्वारा भेजे गए एस.एम्.एस. रुपी वोटों ने दिलवाया है. इससे पहले हम श्वेता तिवारी से कोई अन्य प्रश्न पूछते, वह वहां से रफू चक्कर हो गयीं. शायद उन्होंने हमारे मनोभावों को पढ़ लिया था.

17.1.11

शोक समाचार

दि नेटप्रेस डोट कॉम परिवार के एक सक्रिय सदस्य महावीर मित्तल के पिताश्री मामनराम जी का ह्रदयगति रुक जाने के कारण देहांत हो गया है। जोकि हम सबके लिए दुखद घटना है। उनकी आयु मात्र ५६ वर्ष थी।
आईये, मोबाइल नम्बर 09896365390 पर शोक संतप्त महावीर जी को सांत्वना दें, और श्री मामनराम जी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। धन्यवाद !

16.1.11

शोभना वैलफेयर सोसाइटी रजि. ने मकर संक्रांति पर गरीबों को बांटे कंबल




मकर संक्रांति त्यौहार के पावन अवसर जहां देश भर में लोगों ने सूर्य के उत्तरायण होने पर गंगा जी में डुबकी लगाई वहीं शोभना वैलफेयर सोसाइटी रजि. ने गरीबों के बीच कम्बल बाँटने का पावन कार्य किया. प्रसिद्द ब्लॉगर श्री अविनाश वाचस्पति, दिल्ली पुलिस के हास्य कवि व लोकप्रिय ब्लॉगर श्री सुमित प्रताप सिंह, सोसाइटी की सचिव श्रीमती नीरा व सोसाइटी के सदस्य श्री मोहन कुमार के नेतृत्व में शोभना वैलफेयर सोसाइटी रजि. ने एंड्रयूज गंज, दक्षिणी दिल्ली में स्थित झुग्गी बस्ती में कम्बल वितरण का कार्य किया.इस अवसर पर सोसाइटी के अन्य सदस्य सुश्री वनिता सिंह श्री विजय शर्मा भी सोसाइटी के इस पावन काज में सहयोग देने के लिए उपस्थित थे.

14.1.11

स्वाभिमान टाइम्स और डेली न्यूज़ में परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण -२०१० की चर्चा

लोकसंघर्ष पर पुनर्प्रकाशित परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण-२०१० की चर्चा स्वाभिमान टाईम्स ( 9 जनवरी 2011 को स्वाभिमान टाईम्स के नियमित स्तंभ ‘अन्तर्जाल’ ) में .....
2 जनवरी 2011 को जयपुर से प्रकाशित डेली न्यूज़ में परिकल्पना-अमरेन्द्र प्रकरण
सहित पिछले वर्ष की हिन्दी ब्लॉगिंग का जायजा लेता सुश्री प्रतिभा कुशवाहा का आलेख.......

11.1.11

सर्दी से बचने के उपाए

लीजिये मित्रो हम फिर से उपस्थित हैं अपने इस चिठ्ठे  पर, काफी समय बाद हमारा आना हुआ पर क्या करे काम ही कुछ ऐसा हैं | कल हमारे एक मित्र रमेश जी ने हमसे इस सर्दी के विषय में कुछ लिखने को कहाँ  तो सोचा चलो इस सर्दी  से बचने के उपाए ही लिखे जाए |

प्राय: जब भी मंगल ग्रह अस्त होता हैं तो धरती पर गर्मी का प्रभाव कम हो जाता हैं चूँकि इस बार यह ११ मई  तक अस्त ही रहेगा जिस कारण गर्मी में कमी यानी सर्दी ज्यादा पड़ेगी या कहे पड़ रही हैं | गुरु ग्रह व शुक्र भी (लगभग ४ माह) अपनी अपनी राशी में ही रहे जिससे वर्षा खूब हुई और इसी वर्षा ने सर्दी को और बढाने का काम किया | 

इस जाड़े से कैसे बचे -इस भयंकर सर्दी से बचने के लिए राशि अनुसार हम कुछ उपाए यहाँ पर बता रहे हैं व आशा करते हैं की हमारे पाठक इससे लाभान्वित होंगे |

मेष राशी - गाय के घी में गेहू,गुड व बादाम के बने हलवे का सेवन  करे |

वृष राशी - दूध में लहसुन व मिश्री डालकर रोजाना सवेरे पीये |

मिथुन राशी - मूंगकी दाल का हलवा खाए |

कर्क राशी - केसर मिला दूध पिए |

सिंह राशी - मेष राशी वाला उपाए ही करे |

कन्या राशी- मूंग की दाल की बनी चाट पकोड़े खाए |

तुला राशी- लहसुन की बनी खीर का सेवन करे |

वृश्चिक राशी- सरसों के तेल की मालिश करे तथा गुड का सेवन करे |

धनु राशी- मेथी साग का सेवन करे |

मकर राशी- उड़द की दाल का बना पकवान खाए |

कुम्भ राशी- उड़द की दाल का सेवन ज्यादा करे |

मीन राशी- मेथी साग का प्रयोग खाने में करे |

दैनिक जागरण में छपे अपने विचार



मित्रो! आज के दैनिक जागरण समाचार पत्र के सम्पादकीय पृष्ठ के जागरण जंक्शन.कॉम नामक कॉलम में हम भी बोले तो हमारे विचार भी छप गये हैंसमय मिले तो अवश्य पढ़ना... धन्यवाद...

10.1.11

खटीमा में उपस्थित हुए देश भर के ब्लोगर और साहित्यकार

खटीमा। साहित्य शारदा मंच के तत्वावधान में डा0 रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ की सद्यःप्रकाशित दो पुस्तकों क्रमशः सुख का सूरज (कविता संग्रह) एवं नन्हें सुमन (बाल कविता का संग्रह) का लोकार्पण समारोह एवं ब्लॉगर्स मीट का आयोजन स्थानीय राष्ट्रीय वैदिक विद्यालय, टनकपुर रोड, खटीमा (ऊधमसिंह नगर) में सम्पन्न हुआ।
पुस्तकों का लोकार्पण सभाध्यक्ष डा0 इन्द्रराम, से0नि0 प्राचार्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय काशीपुर के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि दिल्ली से आए लोकप्रिय व्यंगकार एवं वरिष्ठ ब्लागर श्री अविनाश वाचस्पति एवं विशिष्ट अतिथि श्री सोहन लाल मधुप, सम्पादक प्रजापति जगत पत्रिका थे तथा आमंत्रित अतिथियों में परिकल्पना ब्लॉग के संचालक लखनऊ से पधारे श्री रवीन्द्र प्रभात, लोक संघर्ष पत्रिका के प्रबन्ध सम्पादक बाराबंकी से पधारे एडवोकेट रणधीर सिंह ‘सुमन’, हसते रहो ब्लॉग के संचालक दिल्ली से पधारे श्री राजीव तनेजा, पद्म सिंह, पवन चंदन, धर्मशाला (हिमांचल प्रदेश) के केवलराम, बेतिया (बिहार) से मंगलायतन ब्लॉग के संचालक मनोज कुमार पाण्डेय के अतिरिक्त बरेली से आए शिवशंकर यजुर्वेदी, किच्छा से नबी अहमद मंसूरी, लालकुऑ (नैनीताल) से श्रीमती आशा शैली हिमांचली, आनन्द गोपाल सिंह बिष्ट, रामनगर (नैनीताल) से सगीर अशरफ, जमीला सगीर, टनकपुर से रामदेव आर्य, चक्रधरपति त्रिपाठी, पीलीभीत से श्री देवदत्त प्रसून, अविनाश मिश्र, डा0 अशोक शर्मा, लखीमपुर खीरी से डा0 सुनील दत्त, बाराबंकी से अब्दुल मुईद, पन्तनगर से लालबुटी प्रजापति, सतीश चन्द्र, मेढ़ाईलाल, रंगलाल प्रजापति, नानकमता से जवाहर लाल, स0 स्वर्ण सिंह, खटीमा से सतपाल बत्रा, पी0एन0 सक्सेना, डा0 सिद्धेश्वर सिंह, रावेन्द्र कुमार रवि, डा0 गंगाधर राय, सतीश चन्द्र गुप्ता, वीरेन्द्र कुमार टण्डन आदि उपस्थित रहे।
लोकर्पण समारोह के पश्चात विषय प्रवर्तन के अन्तर्गत हिन्दी भाषा और साहित्य में ब्लॉगिंग की भूमिका विषय पर उद्बोधन करते हुए रवीन्द्र प्रभात ने कहा कि इस समय हिन्दी में लगभग 22 हजार के आसपास ब्लॉग हैं, जबकि यह संख्या अंग्रेजी की तुलना में काफी कम है। अंग्रेजी में इस समय लगभग चार करोड़ से अधिक ब्लॉग्स हैं। हालॉकि यह अलग बात है कि अप्रत्याशित रूप से ब्लॉगिंग विश्व में एशिया का दबदबा कायम है। टेक्नोरेटी के एक सर्वेक्षण के अनुसार विश्व के कुल ब्लॉग्स में से 37 प्रतिशत जापानी भाषा में हैं, 36 प्रतिशत अंग्रेजी में, और 8 प्रतिशत के साथ चीनी तीसरे नम्बर पर है। अभी तुलनात्मक रूप से भले ही हिन्दी ब्लॉग का विस्तार कॉफी कम है किन्तु हिन्दी ब्लॉगों पर एक से एक एक्सक्लूसिव चीजे प्रस्तुत की जा रही हैं और ऐसी उम्मीद की जा रही है की आने वाले समय में हिन्दी ब्लॉगिंग का विस्तार काफी व्यापक होगा।
अविनाश वाचस्पति ने कहा कि ब्लॉगिंग की कार्यशाला विद्यालयों में होनी चाहिए खासकर जूनियर कक्षा के विद्यार्थियों को कम्प्यूटर के माध्यम से ब्लॉग बनाना सिखाया जाये। इससे हिन्दी ब्लॉगिंग का बहुआयामी विस्तार होगा। जबकि राजीव तनेजा का कहना था कि धीरे-धीरे ब्लॉगिंग समान्तर मीडिया का रूप लेता जा रहा है और आने वाले समय में यह आशा की जा रही है कि ब्लॉगिंग के माध्यम से हिन्दी काफी समृद्ध होगी। इस अवसर पर पवन चन्दन ने कई उद्धरणों के माध्यम से ब्लॉगिंग के विस्तार पर प्रकाश डाला। लोक संघर्ष पत्रिका के प्रबन्ध सम्पादक एडवोकेट रणधीर सिंह ‘सुमन’ ने रहस्योघाटन करते हुए कहा कि हिन्दी के कई ऐसे वरिष्ठ साहित्यकार हैं जो ब्लॉग जगत की गतिविधियों के न जुड़े होने के बावजूद हमारे पास अपनी रचनाएँ प्रेषित करते हैं ताकि उन्हें ब्लॉग में सम्मानजनक स्थान दिया जा सके। जिस दिन यह सभी वरिष्ठ साहित्यकार ऑनलाइन अन्तरजाल से जुड़ जायेंगे मेरा दावा है कि हिन्दी ब्लॉगिंग का परचम पूरी दुनिया में लहरायेगा।
इस अवसर पर डा0 सिद्धेश्वर सिंह ने हिन्दी ब्लॉगिंग के कई अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिन्दी ब्लॉगिंग हिन्दी भाषा और साहित्य को एक नया संस्कार देने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डा0 रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज हमारी संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का जीवंत प्रसारण अन्तरजाल पर पौडकास्ट के माध्यम से जबलपुर में बैठे श्री गिरीश बिल्लौरे मुकुल द्वारा इसे संचालित किया जा रहा है और पूरी दुनिया इस जीवंत प्रसारण का आनन्द उठा रही है।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डा0 इन्द्रराम ने कहा कि मेरे लिए यह एक नया अनुभव है कि साहित्य और ब्लॉग जगत से जुड़े हुए रचनाधर्मियों का सानिध्य खटीमा जैसे छोटे से शहर में प्राप्त हो रहा है।
कार्यक्रम का संचालन श्री रावेन्द्र कुमार रवि द्वारा किया गया।

(खटीमा से डा रूप चन्द्र शास्त्री की रपट )

9.1.11

पेट के लिए ठण्ड में भी दिखाने पड़ते है करतब

कड़ाके की ठंड है तो या हुआ पेट की आग तो बुझानी ही है। हाड़ कंपा देने वाली ठंड में भी रोजी रोटी के लिए रस्सी पर करतब दिखाती यह बालिका संजना शायद यही कह रही है|

8.1.11

आंध्र प्रदेश का विभाजन ही समस्या का हल है?


आन्ध्र प्रदेश का दो भागों अथवा तीन भागों में विभाजन करना ही क्या समस्या का हल है? तेलंगाना राज्य की समस्या कहीं राजनीतिक बेरोजगारों द्वारा स्वयं को रोजगार उपलब्ध करवाने का एक प्रयत्न मात्र तो नहीं? हम अल्प विकास के नाम पर बिहार को दो भागों में विभाजित कर झारखंड का निर्माण देख चुके हैं। किन्तु झारखंड को घोटालों अथवा अव्यवस्था के सिवा भला क्या हासिल हुआ?

क्या सारा देश हिजडा हो गया हे ................?

दोस्तों मेने आभी अभी ब्लोगर कवि योगेन्द्र मोदगिल जी की एक रचना जिसका शीर्षक क्या सारा देश हिजड़ा हो गया हे पढ़ी इस रचना में उन्होंने अख़बार और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के सेक्स विज्ञापनों की भरमार की तरफ ऊँगली उठायी हे मेने इसका जवाब कवि महोदय को दिया के हाँ सारा देश हिजडा ही हो गया हे भाई आप मेरी बात से सहमत हों या न हों लेकिन मेरी बात पूरी तो पढेंगे । आज आप घर बाहर टी वी अख़बार जहां भी देखें सडकों पर दीवारों पर विज्ञापन देखें तो खुलेआम सेक्स की दवाओं के बेशर्म विज्ञापन हें । अख़बार टी वी जो देश को सुधारने और देश को नेतिक चारित्रिक शिक्षा देने की बात करते हें वोह इतनी बेशर्मी फेलायेंगे सपनों में भी किसी ने नहीं सोचा था लेकिन इससे भी बढ़ी हिजड़ी हमारी जनता और हमारी सरकार हे हमारा सिस्टम तो बिलकुल ही हिजड़ा गया हे । देश में ऐसे सेक्स के मामलों के विज्ञापन प्रकाशन नहीं करने की मनाही हे और ओषधि उपचारक नियन्त्रण विज्ञापन प्रतिषेध अधिनियम बनाया गया हे जिसमें लोगों के साथ ऐसी दवाओं के नाम पर जज्बात भड़का कर ठगी ना हो इसके लियें ऐसी दवा का विज्ञापन देना .छापना दोनों अपराध हें और आज जो कुछ भी अखबारों में छप रहा हे या टी वी में चल रहा हे सब अपराध हे और संगिये अपराध होने के कारण जिसमें पुलिस खुद मुकदमा दर्ज कर दोषी लोगों को गिरफ्तार कर सकती हे पुलिस को ऐसे विज्ञापन छपने वाले सम्पादकों मालिकों और टी वी चेनल वालों सहित विज्ञापन छपवाने वालों को गिरफ्तार कर जेल भेजना चाहियें और सम्बन्धित सामग्री जब्त करना चाहिए । वेसे भी ड्रग एक्ट के तहत किसी भी दवा का विज्ञापन देना अपराध हे अब में मर्द और हिजड़ों की बात पर आता हूँ दोस्तों कोटा में जब हमने अख़बारों में यह हाल देखा हर पेज पर सेक्स की दवा और ट्यूब इंजक्शन मशीनों यंत्रों के विज्ञापन हें तो हमारी मर्दानगी जागी और हम सभी अख़बार कानून लेकर थाने मुकदमा दर्ज करने जा पहुंचे थानेदार जी हेडिंग की तरह थे अख़बार वालों का नाम मुलजिमों की सूचि में देख कर घबरा अगये और उन्होंने मेरे हाथ जोड़ लिए में फिरागे बढा सर्किल अधिकारी के पास पहुंचा लेकिन वही हारा थका हेडिंग नुमा जवां मिला मेने सोचा चलो कोटा एस पी साहब को तो किसी बात का डर नहीं हें वोह तो जाते ही रिपोर्ट दर्ज करवा देंगे सो में उनके पास पहुंच गया उन्होंने कागज़ उलटा पलटा कानून देखा और अगल बगल झाँकने लगे तो भाई मेने फ़ाइल उठाई आई जी साहब के पास जा पहुंचा आई जी साहब ने भी मुकदमा दर्ज नहीं किया और फ़ाइल पेंडिंग में डाला दी में भी कहां हार मानने वाला था में उठा कलेक्टर कोटा टी रविकांत जी के पास जा पहुंचा कलेक्टर थे के करंट में थे उन्होंने मेरा प्रार्थना पत्र और कानून की कोपी देखी सरकार के वकील और विधि सहायक को बुलाया विज्ञापनों की विधिक जाँच की और बस उन्होंने सभी अख़बार वालों के खिलाफ कार्यवाही करने का एक फरमान कोटा नगर पुलिस अधीक्षक के नाम डाल दिया और जनसम्पर्क अधिकारी महोदय को बुला कर इस मामले में कानूनी रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी करने का भी निर्देश दिया कुछ अख़बारों में विज्ञप्ति छपी सोचा अख़बार तो विज्ञापन बंद कर देंगे पुलिस अधीक्षक ने कलेक्टर के आदेश निर्देशों को दायें बाएं किया और कोई कार्यवाही नहीं की फिर रोज़ जब विज्ञापन छपते रहे तो में एक बार फिर कलेक्टर के पास जाना चाहता था के सुबह खबर पढ़ी कोटा कलक्टर का ट्रांसफर कर दिया गया हे मेने कलेक्टर को इस हेडिंग के आधार पर बने समाज की आर्य्वाही पर सांत्वना दी और मामला अदालत में पेश किया जहां अदालत ने सभी अख़बार मालिकों को सम्मन से तलब किया हे लेकिन जनाब पुलिस की रिपोर्ट आई हे के अख़बार वाले वक्त पर नहीं मिलते इसलियें उन्हें सम्मन तामिल नहीं करवाए जा सके अब आप खुद ही बताइए जब इतनी सारी कार्यवाही के बाद भी विज्ञापन बदस्तूर जारी हो गेर कानूनी काम चल रहा हो तो फिर क्या इस देश के लोगों इस देश के समाज सेवकों इस देश की पुलिस इस देश के कानून और सिस्टम के लियें कवि योगेन्द्र मोदगिल की कविता का शीर्षक क्या असार देश हिजडा हो गया हे सही नहीं हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

7.1.11

केलेंडर फिर लोट आया हे

दोस्तों
यह एक सच हे
जो बहुत लोगों को पता हे
बहुत लोगों को पता नहीं
के वक्त लोट कर आता हे
और हाँ
वर्ष २००५ का वक्त एक बार फिर
लोट आया हे
नहीं समझे ना
जनाब आप मोबाइल उठाइये
वर्ष २००५ का केलेंडर निकालियें और वर्ष २०११ से मिलाईयें
कोई फर्क हो तो बताइयें
फर्क नहीं हे ना
इसलियें भाई
वक्त को अपना वफादार बनाइए इसकी कीमत समझिये
जो कम जिस बक्त पर करना हो उसी वक्त पर कर डालियें
इन्तिज़ार मत कीजिये टिप्पणी का बटन दबाइए
जो मन में हो मुझे और मेरे मित्रों को बताइए ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कडाके की ठंड लेकिन मजदूर सडकों पर रेनबसेरे नहीं

दोस्तों यह राजस्थान हे यहाँ चाहे केंद्र का कल्याणकारी आदेश हो चाहे हाईकोर्ट का कल्याणकारी आदेश हो बस सरकार ने जनता को न्याय नहीं देने का मानस बना लिया हे और इसीलियें ठिठुरती सर्दी में राजस्थान के गरीब लोग सडकों पर रात गुज़ारने को मजबूर हे । राजस्थान की हाईकोर्ट ने १५ वर्ष पूर्व इस मामले में एक आदेश जारी करते हुए सरकार को निर्देश दिए थे की वोह सडको पर रात गुज़ारने वाले गरीबों के लियें स्थायी रूप से रेनबसेरों की व्यवस्था करे जिसमे सर्दी में रजाई गदेले टीवी वगेरा की स्थायी पक्का भवन बना कर सुविधा दी जाये और गर्मी में कूलर वगेरा लगाकर इस सुविधा को स्थायी रूप से चालु रखा जाए , कोटा में ह्यूमन रिलीफ सोसाइटी की तरफ से कोटा न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर कोटा की सडकों पर रातों को भटक रहे गरीबों को रेनबसेरा देने के लियें आबिद अब्बासी एडवोकेट,पंकज लोढा और मुजीब आज़ाद की तरफ से मुकदमा पेश किया गया अदालत ने एक आदेश जारी कर कोटा कलेक्टर ,निगम मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पाबन्द किया एके एक वर्ष में वोह स्थायी रेनबसेरों की व्यवस्था लागू करें लेकिन कोटा के अधिकारीयों ने अदालत के आदेशों को रद्दी की टोकरी में डाला और जनता को सडकों पर सर्दी और गर्मी में मरने के लियें छोड़ दिया पहले मिडिया थोडा चिल्लाया फिर मिडिया के भोंकते हीं उसके मुंह में विज्ञापन नुमा हड्डी के टुकड़े डाले और मीडिया यानि टी वी और अख़बार खामोश हो गये जनता की फरियाद लेकर अदालत पहुंचे आबिद अब्बासी एडवोकेट पंकज लोढ़ा की तरफ से मेने कलेक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को जेल भेजने का प्रार्थना पत्र पेश किया क्योंकि उन्होंने न्यायालय के आदेश की पालना नहीं की थी अधिकारीयों को क्यूँ जेल नहीं भेजा जाये इस मामले का नोटिस मिलते ही अधिकारी घबराए और उन्होंने मामले की अपील की अपील में मामला यथावत रहा लेकिन न्यायालय में उपस्थिति के लियें तहसीलदार और आयुक्त को निर्देश दिए गये इन सब के बावजूद भी कोटा नगर निगम ने आज तक भी कोटा में रेंब्सेरे स्थायी रूप से चालू नहीं किये हें और कोटा के अख़बार टी वी चेनल हें के उन्हें तो सडक पर ठंड की ठिठुरन से मरते लोगों का दर्द देखने को ही नहीं मिलता हे ना मजेदार बात राजस्थान में मुख्यमंत्री करोड़ों के विज्ञापन जयपुर के रेनबसेरों के लियें दे रहे हे लेकिन कोटा में कई सरकारें आयीं और कई चली गयीं लेकिन गरीबों के लियें आसरा स्थायी रेनब्सेरों की व्यवस्था नहीं की गयी हे इस मामले में विपक्ष भाजपा भी हाथ पर हाथ धर कर बेठा हे ।एक भाजपा के विधायक ओम क्रष्ण जी बिरला हें जो खुद बेचारे सडकों पर रातों को घूमते हें और ठंड से ठिठुरते लोगों को कपड़े जर्सी और कम्बल देते हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

6.1.11

कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाड़ा

हरियाणा सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में छात्रों को कप्युटर शिक्षा देने के लिये नियुक्त किये गए कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। यह फर्जीवाड़ा में इन शिक्षकों को नियुक्त करने वाली कंपनी ने खुद अपने ही बनाए नियमों को उलंघन किया वहीं हजारों बेरोजगारों को लाखों का चुना लगाया। इस बात का खुलासा आर.टी.आई. के तहत मांगी गई सुचना के बाद हुआ है। सुचना के अनुसार कपनी ने जिन शिक्षकों को नौकरी पर लगाया है उनमें से अधिकतर कपनी द्वारा घोष्ति परिक्षा परिणाम में शामिल ही नहीं थे। कपनी के अधिकारियों ने सांठगांठ करके दुसरें लोगों को नियुक्त कर दिया। उल्लेखनीय है कि कंप्यूटर शिक्षा देने के लिए सरकार ने एनआईसीटी कपनी को ठेका दिया था। ठेके के तहत कपनी को कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती करनी थी। कपनी ने शिक्षकों की भर्ती के लिए बकायदा पांच सौ रूपये के ड्राफट के साथ आवेदन मांगे। जिसमे हजारों व्यक्तियों ने आवेदन फार्म भरें तथा कपनी ने उनकी लिखित परीक्षा भी ली। जिनके परिणाम इंटरनेट की वेबसाइट पर भी डाले गए। इसके बाद परीक्षा उतीर्ण करने वालों को साक्षात्कार के लिए भी आमंत्रित किया गया लेकिन बाद मे जिलास्तर पर नियुक्त कपनी के अधिकारियों ने अपनी मर्जी से शिक्षकों को नियुक्त लिया। जबकि परीक्षा उतीर्ण करने वालों को नियुक्त ही नहीं किया गया। सरकार के नियमों के अनुसार कपनी द्वारा योग्य लोगों को इस पद पर लगाया जाना था ताकि छात्रों को सही कंप्यूटर शिक्षा दी जा सके लेकिन यदि आरटीआई के तहत मिली सुचना और कपनी द्वारा जारी परीक्षा पास लोगों की लिस्ट का मिलान किया जाए तो आंकड़े चौकाने वाले निकलते है।अकेले जिला जींद मे साठ प्रतिशत से ज्यादा ऐसे स्कूलों में कपनी द्वारा नियुक्त शिक्षक है जिन्होंने ना तो लिखित परीक्षा पास की और ना ही साक्षात्कार दिया। लेकिन सांठगांठ करके इन्हे नियुक्त कर दिया गया। सफीदो खंड मे कंपनी द्वारा नियुक्त ग्यारह शिक्षकों में से नौ शिक्षक बिना लिखित परीक्षा पास किए लगा दिये गये। वहीं पिल्लूखेड़ा खंड के स्कूलों में दस में से पांच शिक्षक फर्जी तौर पर नियुक्त किये गए। यही नहीं अलेवा खण्ड मे नियुक्त ग्यारह में से तीन तथा नरवाना मे बीस में से दस कप्युटर शिक्षक इसी तरह नियुक्त किये गये। यह तो केवल चार शिक्षा खण्डों का हाल है बाकी तीन खण्डों की सूचना अभी बाकी है। ऐसे मे सवाल यह उठता है कि यदि कपनी को इसी तरह से नियुक्ति करनी थी तो लिखित परीक्षा तथा साक्षात्कार का ड्रामा रचने की या जरुरत थी। कपनी की इस प्रक्रिया से आवेदन करने वाले हजारों आवेदकों को लाखों रुपये का चूना भी लग गया। वहीं आरटीआई लगाने वाली कुसुम के अनुसार कपनी के अधिकारीयों ने पैसे लेकर अवैध रुप से नियुक्ति की है। इस मामले मे कपनी के जिला अधिकारी अशोक शर्मा से इस मामले बात करनी चाही तो उन्होने इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात बताया।

4.1.11

घर से भागे प्रेमी जोड़े ने रेल के निचे कटकर दी जान

29 दिसम्बर से थे घर से गायब
प्रेमी जोड़ो के जान देने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा| हरियाणा के जिला कैथल के सजूमा गाव के रीना व् ईश्वर ने साथ जीने मरने की कसमे खाई थी| साथ तो जालिम दुनिया के डर नही जी सके मगर साथ साथ मर कर जरुर अपने प्यार में खाई कसमो को निभा गये| रीना व् ईश्वर एक ही परिवार व् एक ही जाति सम्बन्ध रखते थे| दोनों का अरसे से प्रेम प्रसंग चल रहा था जो उन्हें घर से भागने को
मजबूर कर रहा था| वे 29 दिसम्बर को फरार हो गए| काफी खोजबिन की गई मगर दोनों का कोई आता पता नहीं चाल पाया| तब रीना के पिता ने कलायत थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई| परिवार वालो का कहना है की हमे इस प्रेम के बारे में कोई जानकारी नही थी|रीना व् ईश्वर के प्रेम की जानकारी ईश्वर के पिता को भी नही थी| ईश्वर के पिता का कहना है कि इनके घर से भागने कि जानकारी पूलिस से सुचना मिलने ही मिली| पुलिस इंस्पेक्टर रामचंदर के अनुसार दोनों कि पहेचान रीना के हाथ पर रीना व् लड़के के हाथ पर ईश्वर लिखा हुआ था व् पास पड़े मोबाईल की काळ से पता चला की ये कहा के रहने वाले है|

नव वर्ष पर विचारें कुछ नया


शोभना वेलफेयर सोसाइटी ने थाना डिफेन्स कालोनी, नई दिल्ली के निकट स्थित इंदिरा कैम्प झुग्गी बस्ती में नये साल के उपलक्ष में एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य था बच्चों में जागरूकता लाना व उनमें आत्मविश्वास विकसित करना.
इस कार्यक्रम के संचालन की कमान संभाली दिल्ली पुलिस के हास्य कवि श्री सुमित प्रताप सिंह ने. प्रत्येक बच्चे को सर्वप्रथम अपना पूरा परिचय देना था उसके बाद सामान्य जागरूकता से सम्बंधित कुछ प्रश्नों के उत्तर देने थे तथा अंत में कोई भी एक कविता सुनानी थी.

इस प्रकार कुल पांच आत्मविश्वासी बच्चों का चयन किया गया व उन्हें विशेष रूप से पुरस्कृत किया गया. ये आत्मविश्वासी बच्चे थे:- 1. नीलम, 2. अभिषेक, 3. पूनम, 4. उमित व 5. आकाश. कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रत्येक बच्चे को स्टेशनरी व रिफ्रेशमेंट प्रदान की गयी.

बच्चों व वहाँ उपस्थित उनके माता-पिता के मनोरंजन हेतु कवि सुमित प्रताप सिंह ने कविता पाठ किया व सभी का मन मोह लिया. उनकी रचना नव वर्ष पर आओ मिल विचारें कुछ नया, बीते की चिंता क्यों जो गया सो गया विशेष रूप से पसंद की गयी.
सोसाइटी की अध्यक्षा व वहाँ उपस्थित श्रीमती मथुरा देवी, सुश्री सीमा कुमारी, श्री दिनेश चौहान व सुश्री वनिता सिंह आदि सोसाइटी के सदस्यों ने सभी बच्चों को नये साल 2011की शुभकामनाएं दीं व ऐसे ही आत्मविश्वास के साथ निरंतर आगे बढ़ने को प्रेरित किया.

1.1.11

एक मां के आंसू जो इरादों में बदल गये .....

दोस्तों यह कोई कालपनिक कहानी नहीं
एक हकीकत हे
जी हाँ दोस्तों यह एक मां के आंसू थे
जो थोड़ी सी देर में ही सख्त इरादे में बदल गये ।
नये साल के एक दिन पहले में अदालत में अपनी सीट पर बेठा था के आँखों में आंसू लियें
एक महिला याचक की तरह मेरे पास आई और फिर अपनी बात बताने के पहले ही फुट फुर कर रोने लगी
मेरे आस पास के टाइपिस्ट , वकील और मुशी उसे देखने लगे महिला मेरी पूर्व परिचित थी इसलियें उसे दिलासा दिलाया जम महिला शांत हुई तो उससे उसकी परेशानी पूंछी महिला ने दोहराया के आपको तो पता हे मेरे पति के
तलाक लेने के बाद केसे मेने जिंदगी गुजर बसर कर अपने बच्चों को पाला हे उन्हें बढा किया हे और उनका विवाह किया हे में आज भी दोनों लडकों के विवाह के बाद उनके कुछ नहीं कमाने के कारण उनका खर्चा चला रही हूँ और बच्चे हे के शादी और डिलेवेरी के खर्च के वक्त उधार ली गयी राशी को चुकाने का प्रयास ही नही कर रहे हें जबकि पति तलाक के बात लकवाग्रस्त हो जाने से मेरे घर आ गया हे ओऊ उसका इलाज भी मुझे ही करवाना पढ़ रहा हे मेरा भी हाथ तंग हे इसलियें में बेबस हूँ मेने एक कर्ज़ के पेटे कर्ज़ लेने वाले को चेक दिया था उसने मेरे खिलाफ मुकदमा कर दिया और अदालत से मेरे खिलाफ जमानती वारंट आया हे हमने महिला के हाथ में से जमानती वारंट लेकर देखा वारंट केवल पांच हजार रूपये के चेक के मामले को लेकर भेजा गया था मेने और मेरे साथियों ने उस महिला की आँख में आंसू और चेहरे पर बेबसी देखी तो उसे हिम्मत दिलाई मुकदमें में उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा इस का उसे दिलासा दिलाया महिला ने राहत की सांस ली और बेठ गयी इसीस बीच लगभग एक आठ साल का बच्चा हाथ में थेला और ब्रुश लिए आया और कहने लगा वकील साहब पोलिश , यकीन मानिए में कभी भी इन बच्चों से पोलिश नहीं कराता हूँ लेकिन उस दिन ना जाने क्या दिमाग में आया के मेने चुपचाप जूते उतार कर उसके आगे बढ़ा दिए बच्चा नादाँ सा सभी दुःख दर्द से बेखबर होकर जूतों पर पोलिश करने के लियें जुट गया मेने उससे मजाक किया के बेटा पोलिश तो तू आज कर दे पोलिश के पेसे तू कल ले जाना बच्चे ने नजर उठाई और कहा के नहीं सर कल तो जुम्मा हे में नमाज़ पढूंगा पेसे तो आज ही लूंगा , में दुसरा सवाल करता इस के पहले ही उस बेचें पीड़ित महिला के दोनों बेटे भी पास ही आकर बेठ गये थे , मेने फिर उस पोलिश वाले बच्चे से दूसरा सवाल किया के बेटे तुम पढ़ते नहीं उसने कहा सर दिन में पढ़ता हूँ अभी में स्कुल से ही तो आया हूँ और घर से बस्ता रख कर इधर आ गया , बच्चे से पूंछा के तुम कहां रहते हो तो उसने उद्योग नगर वेम्बे योजना में रहना बताया , जब बच्चे से दिन भर की कमिया का ब्यौरा लिया तो बच्चे ने वही शालीनता से जवाब दिया सर पचास से सत्तर रूपये तक रोज़ कम लेता हूँ , बच्चे से फिर मेने सवाल किया के तुम इन रुपयों का क्या करते हो तो बच्चे ने फिर सहज और मासूमियत भरा जवाब दिया सर मेरे पापा को घर पर लेजाकर दे देता हूँ वोह अकेले ढोलक बेचते हें जिससे घर का खर्च ठीक से नहीं चलता पुराना कर्जा हे इसलियें कर्जा उतारने के लियें में भी कमाई कर रहा हूँ , बच्चे की बात सुनकर उस पीड़ित महिला के दोनों बच्चे बगले झाँकने लगे मेने पोलिश वाले बच्चे से फिर वही सवाल किया और उसने फिर वही जवाब दोहराया बस फिर किया था जो महिला आँखों में आंसू और चेहरे पर बेबसी लेकर आई थी उसके आंसू सुख गये थे और वोह अपने बच्चों के इस छोटे से बच्चे की सीख से आचरण में बदलाव महसूस कर रही थे इसलियें उस महिला के आंसू मजबूत इरादों में बदल गये और दोनों बच्चों ने महिला का हाथ पकड़ा और कहा चल मम्मी घबरा मत देखते हें हम और तुइम मिलजुल के कुछ करेगे तो कर्जा तो उतर ही जाएगा परेशानी बेबसी और आंसुओं के बाद एक छोटा सा पोलिश करने वाला बच्चा एक मां के बिगड़े बच्चों को इतनी बढ़ी सीख और बेबस मां को हिम्मत दे जायेगा में सोच ही रहा था के पोलिश वाले बच्चे ने कहा के सर पोलिस के पेसे मेने जेब में हाथ डाला तो खुल्ले नहीं थे पचास का नोट था बच्चे ने कहा सर में खुल्ले करवा कर लाता हूँ लेकिन मेने कहा बेटा बस खुल्लों की जरूरत नहीं हे पुरे के पुरे तू ही रख ले यकीन मानिये उस बच्चे को जबरन पचास रूपये देने के लियें मुझे काफी जद्दो जहद करना पढ़ी तब वोह जाने को तयार हुआ लेकिन कहकर गया हे के अब में बकाया पैसों की रोज़ आपके जूतों की पोलिश करा करूंगा .......... तो ऐसे एक मासूम से बच्चे ने जिंदगी का एक बहुत बढ़ा सबक सिखा दिया जो शायद कभी भुलाया नहीं जा सकेगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा नगर निगम ने टेक्स लगाया तो बुरा मान गये : मुलजिम,फरियादी,पुलिस एक ही मंच पर

कोटा नगर निगम ने अपनी आमदनी बढ़ाने के लियें कोंग्रेस और भाजपा एजेंडे के विपरीत नगर टेक्स लगा कर टेक्स की वसूली शुरू कर दी हे । यह टेक्स लगाने का फेसला भाजपा सरकार ने तीन वर्ष पूर्व किया था लेकिन कोंग्रेस के पुरजोर विरोध के चलते कोटा में इस चोथ वसूली को शुरू नहीं की जा सकी थी ।
कोटा में पहली बार नगर निगम की महापोर कोंग्रेस की बनी कोटा से लेकर जयपुर और दिल्ली तक की सरकार कोंग्रेस बन गयी कड़ी से कड़ी जुड़ गयी बस इस नशे में कोंग्रेस की महापोर भवन कर के मामले में भाजपा सरकार में कोंग्रेस द्वारा क्या गया विरोध भूल गयी उन्हें याद भी केसे रहता उस वक्त वोह तो कोंग्रेस में थी ही नहीं उन्हें कोंग्रेस की नीतियों का कोई ज्ञान भी नहीं था वोह तो पेराशूट से आयीं और कई कोंग्रेसी कार्यकर्ताओं का हक मारकर महापोर बन गयीं इसलियें उन्होंने इस कर वसूली को शुरू कर दिया , अब भाजपा की बारी थी इसलियें भाजपा के विधायक ओम क्रष्ण बिरला ने कोंग्रेस के नगर निगम बोर्ड को उनके द्वारा किये गये विरोध और टेक्स वसूली रुकवा देने की कार्यवाही को याद दिलाया तो कोंग्रेसी कान में तेल डाला कर बेठ गये योजना एके तहत कोंग्रेसियों ने खुद ने पहल कर कथित रूप से टेक्स जमा कराया टी वी पर विज्ञापन दिलवाए के हम कोंग्रेसी बढ़े नेता हें हमने भी टेक्स जमा करा दिया आप भी जमा कराओ बस टेक्स जमा होने लगा भाजपा के विधायक ओम बिरला जी ने इस वसूली को गलत और अन्याय बताते हुए निगम के बाहर जा कर प्रदर्शन किया प्रदर्शन के दोरान हठधर्मिता के चलते हेल्प लाइन के कांच टूट गये बस फिर क्या था कोटा नगर निगम को मोका मिल गया और कोंग्रेस की महापोर ने भाजपा के विधायक ओम बिरला सहित जो लोग वहां नहीं थे उनका भी नाम लिखा दिया व्यापार महासंघ के राजकुमार माहेश्वरी वहां नहीं थे लेकिन उनका नामा मुलजिमों की सूचि में डाला गया हे विधायक के खिलाफ रिपोर्ट हे इसलियें जांच तो सी आई डी सी बी करेगी बस जांच का नाटक होगा ओर अगर चलन पेश भी हुआ तो अगली बार जब भाजपा की सरकार आएगी तो इन मुकदमों को जनहित में वापस ले लिया जायेगा कुल मिला कर ऐसी द्वेषता पूर्ण मुकदमे बजी का कोई ओचित्य नहीं हे लेकिन मुकदमें किये गये हें ।
खेर यह तो मुकदमे बाज़ी की बात हुई लेकिन कल शाम को हमारे भाई मंगलवर्धनी अख़बार परिवार की तरफ से नये साल का जश्न था कोटा साबर मति कोलोनी में कार्यक्रम था पत्रकारों को अधिकारीयों और नेताओं को बुलाया गया था में खुद भी वहां मोजूद था कार्यक्रम का संचालन मुझे दिया गया लेकिन कल नगर निगम में तोड्फोल होने के बाद विधायक और पूर्व संसदीय सचिब ओम जी बिरला तो मुलजिम बन चुके थे इधर महापोर नगर निगम रत्ना जेन फरियादी थीं जबकि आई जी कोटा रेंज दलपत सिंह जी दिनकर इस कार्यक्रम के मुक्य अतिथि थे मेने आयोजक महोदय बद्रीप्रसाद जी गोतम और कोटा ब्यूरों के सम्पादक के अलावा प्रेस क्लब के महा सचिव हरिमोहन जी को बुलाया उन्हें कान में एक ही घाट पर मुलजिम पुलिस और फरियादी की मोजुदगी का एहसास दिलाया बस सब गम्भीरता को समझ गये फरियादी मुलजिम और पुलिस एक ही घाट पर पानी केसे पीती इसलियें पहले आई जी का कार्यक्रम हुआ फिर उनके जाने के बाद महापोर जी का कार्यक्रम हुआ और फिर भाजपा के नेताओं का कर्यक्रम रखा गया तो जनाब एक ही घाट और सब जमा तो हुए लेकिन कार्यक्रम में आमद अलग अलग खेमे में होने से कार्यक्रम भी हो गये पुलिस मुलजिम फरियादी की गरिमा भी बनी रही और नया साल जिंदाबाद भी हो गया तो जनाब ऐसी उहा पोह में मना कल का नव वर्ष लेकिन एक ख़ास बात रही कल प्रदर्शन की घटना और मुकदमे बाज़ी के बाद भी भाजपा के विधायक ओम जी बिरला निश्चिन्त होकर सडकों पर नंगे पैर लोगों को ढूंढ़ कर चप्पलें पहनाने का अपना काम करते देखे गये जो अपने आप में अनूठा सेवा कार्य का उदाहरण हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान