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25.2.11

Thursday, February 24, 2011

गृह मंत्री राजस्थान सरकार शान्ति कुमार धारीवाल के गृह जिले के उद्ध्योग नगर थाना इलाके की मुख्य मार्ग पर स्थित एक चोकी बोरखेडा में घुस कर सरे राह एक सिपाही की निर्मम हत्या कर दी गयी और लोगों को पता भी नहीं चला बाद में सम्भावनाओं के आधार पर गवाह तलाश कर मुकदमा दर्ज किया गया हे ।
घटना के मुताबिक नन्दराम सिपाही और रामेश्वर गुर्जर दोनों पड़ोसी हें इन पड़ोसियों में कुछ दिन पहले झगड़ा हो गया था और पुलिस कर्मी के खिलाफ रामेश्वर गुर्जर ने वरिष्ट पुलिस अधिकारीयों से जाकर शिकायत भी की थी पुलिस अधिकारीयों ने इस घटना को गम्भीरता से नहीं लिया और कल शाम जब मुख्य मार्ग पर स्थित बोरखेडा चोकी पर सिपाही नन्दराम अकेला बेठा था तो अचानक नन्दराम ने कुल्हाड़ी से उसके सर पर वार किया और ताबड़ तोड़ हमले कर उसे मरणासन्न छोड़ कर चला गया सिपाही अकेला तडपता रहा लेकिन कोई उसे बचा नही सका सुचना मिलने पर पुलिस कर्मी सिपाही को अस्पताल लेकर गये जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया ,
राजस्थान में किसी चोकी में किसी पुलिस कर्मी की इस तरह हत्या कर देने की घटना ने कोटा को दहला दिया हे यहाँ ग्रामीण पुलिस क्षेत्र में पिछले दिनों चेचट थाने में एक महिला पुलिस कर्मी की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गयी थी और उसके बाद आई जी राजीव दासोत को शहीद होना पढ़ा था ।
कोटा में इस गम्भीर घटना के बाद पुलिस हरकत में आ गयी हे और म्र्तक पुलिस कर्मी के परिजनों की रिपोर्ट पर हत्या के आरोपी रामेश्वर गुर्जर की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी हे म्रत्क पुलिस कर्मी के परिजन इस हादसे से बेहाल हे और दुःख से उबर नहीं पा रहे हें लेकिन कोटा के पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार इस मामले में मानवता के नाते म्र्तक के परिजनों को सम्भालने का हर सम्भव प्रयास कर रहे हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान के चिकित्सा राज्य मंत्री की आँखों में मिर्चिया

राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डोक्टर राजकुमार की आँखों में कल उनके विरोधियों ने म्रिचियाँ झोंक दिन झुंझुनू पुलिस ने इस मामले में कल आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया हे इसके पहले चिकित्सा राज्य मंत्री का अजमेर के चिकित्सकों ने गिरेबान पकड़ लिया था ।
राजस्थान के चिकित्सा राज्य मंत्री डोक्टर राजकुमार आम तोर पर चर्चा में रहते हें वोह किसी न किसी विवाद में फंसे ही रहते हें कल झुंझुनू के पहलगढ़ में एक निजी विवाह समारोह में डोक्टर राकुमार मंत्री जी अपने समर्थक और स्टाफ के साथ अपने चुनाव क्षेत्र में लोगों से मिल रहे थे के अचानक शोर शराबा हुआ और कुछ लोगों ने राजकुमार की आँखों में मिर्चियाँ झोंक दी मंत्री जी एक पल तो अंधे से हो गये और उनकी सुरक्षा में लगे कर्मचारी हक्के बक्के रह गये वोह कुछ समझ पते इसके पहले तो लोग भाग चुके थे पहले तो मंत्री जी ने मामला दबाना चाह लेकिन जब बात सार्वजनिक हो तो छुपती नही इसलियें बात बिगडती देख कर मंत्री जी के सुरक्षा कर्मी ने इस मामले में थाने में रिपोर्ट लिख कर दी और फिर कुछ नो जवानों को गिरफ्तार किया अब पुलिस को एक सरपंच सहित कुछ और नोजवानों की तलाश हे ।
राजस्थान में मंत्रियों के साथ बदसलूकी की पहली घटना नहीं हे यह यहाँ आम घटना हो गयी हे कारण साफ़ हे के मंत्री कार्यकर्ताओं और जनता से दूर होकर केवल दलालों से घिर गये हें और हर मंत्री के खिलाफ जनता और खुद उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं में खतरनाक गुस्सा हे यह मिर्ची हमला इसी गुस्से का नतीजा थी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा के डॉक्टरों की गेर कानूनी धमकी

कोटा में पिछले दिनों एक मरीज़ बच्चे को घर में देख कर इंजक्शन लगा देने के बाद उसकी म्रत्यु हो जाने पर म्रतक बच्चे के परिजनों ने चिकित्सक सी बी दास गुप्ता को घर से बाहर निकाल कर दोडा दोडा कर मारा था पुलिस ने पहले चिकित्सक को हिरासत में लिया फिर दबाव में उसे छोड़ दिया ।
कोटा में मेडिकल नेग्लीजेंसी और मेडिकल रोबरी के यह नये किस्से नहीं हें यहाँ मेडिकल सेवा के नाम पर लूट केंद्र स्थापति हें चिकित्सकों द्वारा महंगी जांचें ,महंगी दवाइयां और अनावश्यक दवाइयां ,कमिशन की दवाइया देना आम बात हे इन दवाओं में कई दवाई प्रतिबंधित हे और कई चिकित्सक गेर कानूनी तरीके से खुद के घर में दवाएं रखते हें जिनका उन्हें अधिकार नहीं हे , कल चिकित्सकों ने एक प्रेस वार्ता के दोरान चेतावनी दी की चिकित्सक गम्भीर मरीजों को देखना बंद कर देंगे लेकिन किसी भी अख़बार ने उनसे सवाल नहीं किया के चिकित्सा परिचालन नियम के प्रावधानों में चिकित्सकों की शपथ किया होती हे चिकित्सकों के नियम किया बने हें वोह घर में मरीज़ देखेंगे तो किस तरह का रिकोर्ड घर पर संधारित करेंगे वोह हर मामले का रिकोर्ड रखेंगे और इतना ही नहीं मरीज़ को देखने पर उसे फ़ीस की रसीद देंगे अपने कार्यस्थल पर खुद का रजिस्ट्रेशन और शुल्क का खुला ब्योरा रखेंगे लेकिन कोटा के एक भी चिक्तिसक ने इस आवश्यक नियम की पलना नहीं की हे और उलटे चोरी और सीना जोरी कर रहे हें मुकदमे बाज़ी एक सतत प्रक्रिया हे किसी भी मरीज़ की चिकित्सकीय लापरवाही से म़ोत के लियें चिकित्सक की ही गवाही की जरूरत होती हे और कोई भी चिकित्सक किसी भी चिकित्सक के खिलाफ गवाह नहीं देता हे इसीलियें चिकित्सकों को सज़ा नहीं मिलती हे लेकिन चिकित्सा परिचालन नियम २००२ की पालना तो इन चिकित्सको को करना चाहिए और ऐसा नही करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्यवाही कोई भी सरकार नहीं करती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सरकारी अस्पताल की लाखों की मशीने कबाड़ में भी नहीं बिकी

राजस्थान के कोटा महाराव भीमसिंह चिकित्सालय में मरीजों को मुफ्त सिटी स्केन सेवा देने के लियें सरकार ने ९५ लाख रूपये की सिटी स्केन मशीन खरीदी थी लेकिन अस्पताल के बाहर जांच करने वाले दुकानदारों ने सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों से सांठ गाँठ कर मशीन खराब कर दी ।
कोटा अस्पताल में ९५ लाख की इस मशीन से ९५ सिटी स्केन जांच भी नहीं हो पायी और आज उसे कबाड़ घोषित कर कबाड़ में बेचने की कोशिश की गयी तो ३५ कबाडियों में से किसी ने भी इस ९५ लाख की मशीन के एक लाख रूपये तक देने की रजा मंदी नहीं बताई , करीब एक करोड़ की मशीन और कुछ दिनों बाद एक लाख भी नहीं यह एक गम्भीर अनिमित्ता हे यहाँ इस मशीन के कई कीमती पार्ट्स हो सकता हे कुछ लोगों ने निकाल कर पहले ही बेच दिए हों इस कारण इस मशीन की वेल्यु कम हो गयी हो लेकिन अब मामला जो भी हो इसकी जांच तो जरूरी हे इतने बढ़े घोटाले की अब कोटा में जांच करने वाला कोई नहीं हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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