आप अपने क्षेत्र की हलचल को चित्रों और विजुअल समेत नेटप्रेस पर छपवा सकते हैं I सम्पर्क कीजिये सेल नम्बर 0 94165 57786 पर I ई-मेल akbar.khan.rana@gmail.com दि नेटप्रेस डॉट कॉम आपका अपना मंच है, इसे और बेहतर बनाने के लिए Cell.No.09416557786 तथा E-Mail: akbar.khan.rana@gmail.com पर आपके सुझाव, आलेख और काव्य आदि सादर आमंत्रित हैं I

28.7.10

गरीब परिवार को सरकार ने दुत्कारा और संस्था ने संभाला


गुलाबी कार्ड कटने के बाद संस्था के राशन पर जी रहा है गरीब परिवार
सफीदों, (हरियाणा) : देश व प्रदेश की कांग्रेस सरकार गरीबों का मसीहा होने के बड़ेबड़े दावे करती है तथा सरकार द्वारा गरीबों के लिए लागू की जाने वाली योजनाओं के प्रचार के लिए बडे़बडे़ विज्ञापन प्रकाशित किए जाते हैं लेकिन उन कल्याणकारी योजनाओं का फायदा वास्तविक गरीब लोगों तक नहीं पहुंचता। उन योजनाओं को फायदा अपने रसूक के दम पर अमीर लोग उठा ले जाते हैं। सरकार ने इस बात की तरफ ध्यान नहीं दिया कि गरीबों के लिए जारी की गई योजनाएं ठीक रूप से लागू हो भी रही है या नहीं। इन्हीं योजनाओं के तहत सरकार ने अति गरीब परिवारों के लिए गुलाबी कार्ड बनाए जाने की योजना लागू कर रखी है। उन कार्डों को बनाए जाने के लिए किए सर्वे में कर्मचारियों द्वारा निचले स्तर पर बड़ी धांधली हुई। सर्वे में अमीरों के नाम शामिल कर लिए गए तथा गरीबों के नाम काट दिए गए। नतीजतन गरीब लोग इस गुलाबी कार्ड योजना से महरूम रह गए। गुलाबी कार्ड बनाने के लिए किए गए सर्वे में हुई धांधली को लेकर कई बार लोगों द्वारा प्रदर्शन किए गए तथा प्रशासन को ज्ञापन सौंपे गए। इसी धांधली का शिकार सफीदों के वार्ड नंबर 12 में एक टूटेफूटे मकान में रह रही एक विधवा कस्तूरी देवी भी हुई है। विधवा कस्तूरी देवी ने रोते हुए बताया कि उसके साथ बहुत बड़ी ज्यादती हुई है। उसके पास ना तो रहने के लिए ढंग का मकान तथा ना ही खाने के लिए भोजन है। जिस मकान में वह रह रही है, उस मकान की हालत इतनी जर्जर है कि वह किसी भी क्षण गिर सकता है। उसने बताया कि वर्ष् 2008 से पहले उसका गुलाबी कार्ड बना हुआ था लेकिन वर्ष 2008 में उसका गुलाबी कार्ड अफसरशाही व कर्मचारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। उसके बाद आज तक भी उसका गुलाबी कार्ड नहीं बन पाया है। गुलाबी कार्ड कट जाने के बाद सरकार द्वारा कम दामों पर दिया जाने वाला उसका राशन बंद हो गया। राशन बंद होते ही वह भूखों मरने के कगार पर पहुंच गई। उसने बताया कि उसके पति छोटू राम की काफी सालों पहले ही मौत हो चुकी है। उसका एकमात्र सहारा उसका बेटा रमेश कुमार पैरो से अपाहिज है। घर में कमाई का कोई साधन नहीं है। उसका बेटा रमेश बाजार में बाजार में छोटी सी रेहड़ी लगाता है तथा वह स्वयं भी लोगों के घरों में काम कर रही है। उसके बेटे रेहड़ी पर भी इतना भी काम नहीं है कि वह घर का गुजारा चला सके। परिवार चलाने के लिए जब सरकार के साी दरवाजे बंद हो गए तब उसको महामंडलेश्र्वर एवं गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सानिध्य व आशीर्वाद चल रही सफीदों की एक सामाजिक संस्था श्री कृ ष्ण कृपा सेवा समिति ने सहारा दिया। उल्लेखनीय है कि सफीदों की सामाजिक संस्था श्री कृ ष्ण कृपा सेवा समिति हर महीने क्षेत्र के भ्क् गरीब व बेसहारा परिवारों को राशन दे रही है। जिसमें पूरे महीने भर का खानेपीने का सारा सामान होता है। विधवा कस्तुरी देवी ने बताया कि उसे इस बात का पता चला कि श्री कृ ष्ण कृपा सेवा समिति गरीब व बेसहारा परिवारों को राशन दे रही है तो उसने संस्था के पदाधिकारियों से संपर्क किया। संस्था के पदाधिकारियों ने उसके घर व परिवार की हालत को देखते हुए संस्था की तरफ से उसका कार्ड बना दिया।उसने बताया कि वह उस कार्ड के माध्यम से हर महीने का राशन प्राप्त करके गुजरबसर कर रही है। उसने बताया कि उसने इस बात के खूब प्रयास किए कि वह संस्था का राशन ना ले तथा किसी तरह से उसका गुलाबी राशन कार्ड दोबारा से बन जाए। उसने गुलाबी राशन कार्ड बनवाने के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर छोटे से लेकर बड़े अधिकारियों तक खूब धक्के खाए लेकिन उसे कोई सफलता प्राप्त नहीं हुई। नतीजतन आज तक भी उसका गुलाबी कार्ड दोबारा से नहीं बन पाया है। उसका कहना है कि अब उसे सरकार व प्रशासन से इस मामले में उमीद कम ही बची है। उसका कहना है कि वह अपनी जिंदगी तो किसी तरह से काट लेगी लेकिन उसे फिक्र तो अपने बेटे की लगी हुई है कि उसका गुजरबसर किस तरह से होगा उसने सरकार व प्रशासन से गुहार लगाई है कि उसका गुलाबी कार्ड बनवाया जाए तथा उसका मकान बनवाया जाए। इस मामले में श्री कृष्ण कृपा सेवा समिति के राशन वितरण प्रमुख दर्शन लाल मेहता ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि विधवा कस्तूरी देवी पिछले कई सालों से इस संस्था से राशन प्राप्त कर रही है। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा कस्तूरी देवी को हर महीने आटा, दाल, चावल, चाय, चीनी व अन्य सामान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महामंडलेश्र्वर एवं गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सानिध्य व आशीर्वाद से यह राशन वितरण का प्रकल्प पिछले काफी समय से चल रहा है। इस प्रकल्प के तहत गरीब व बेसहारा परिवारों को राशन दे रही है।न है तथा ना ही गुजारा करने के लिए कारोबार है। उसने बताया कि वह हर महीने श्री कृ ष्ण कृपा सेवा समिति द्वारा बनाए गए कार्ड पर समिति से राशन प्राप्त कर रही है।

27.7.10

महिला खेत पाठशाला का सातवां सत्र।


आज भी सुबह से ही निडाना के आसमान में चारों ओर बादलों की चौधर है। चौधरियों के इसी आसमान में लोपा मक्खियाँ (ड्रैगन फलाईज्) भी जमीन के साथ-साथी नीची उड़ान भर रही हैँ। निडाना की महिला किसान इसका सीधा सा मतलब निकालती हैं कि भारी बरसात होने वाली है। मौसम की इस तुनक मिजाजी के मध्य ही आज निडाना की महिला खेत पाठशाला का सातवाँ सत्र शुरु होने जा रहा है। इस महिला खेत पाठशाला के मैदानी सच को जानने, इसकी बारिकियों को समझने व इसकी कवरिंग के लिये, हरियाणा न्यूज चैनल के रिपोर्टर, श्री सुनील मोंगा भी अपनी टीम के
साथ खेत में मौके परपँहुचे। सत्र की शुरुवातमें डा. कमल सैनी की देखरेख में, महिलाओं द्वारा पिछले काम कीसमीक्षा की गई। इसके बादमहिलाओं ने पाँच-पाँच के समूह मेंदस-दस पौधों पर कीट अवलोकन, निरिक्षण गणना का कार्यकिया। बूंदा-बांदी के चलते सुअरफार्म पर ही आज कपास कीफसल में कीटों की स्थिति काआकलन विशलेषण किया। इसकेआधार पर ही महिलाओं ने घोषणा की कि आज के दिन इस फसल में कोई भी कीटहानि पँहूचाने की स्थिति में नहीहैं। कराईसोपा, दिखोड़ी, लोपामक्खी, डायन मक्खी, लेडिबीटल्ज, विभिन्न बुगड़े आदिलाभदायक कीटों की उपस्थिति कीभी रिपोर्ट महिलाओं ने की। आजमहिलाओं ने इस खेत में चितकबरीसूंडी का प्रौढ़ पतंगा भी देखा मांसाहारी कीट हथजोड़ा भीदेखा।डा. दलाल ने इस हतजोड़े कीखाती के सरोत जैसी अगली टांगेंभी महिलाओं को दिखाई।यह सारीकार्यवाही रणबीर मलिक मनबीररेढ़ू की अगुवाई में हुई। सुनीलमोंगा ने मुक्त-कँठ से महिलाओं कीइस पाठशाला की भुरी-भुरी प्रशंसाकी, खासकर उनकी लगन, निष्ठा चाव की। उन्होने महिलाओं कोबताया कि उनकी यह कीटों केविरुद्ध जंग अकेले कीटों के खिलाफही नही है बल्कि यह जंग तोबड़ी-बड़ी बहुराष्ट्रीय कीटनाशककम्पनियों के खिलाफ भी है।इसलिये इस जंग की तैयारियों केलिये उन्हे बहुत ज्यादा मेहनत लगन से काम करना होगा।



महिला खेत पाठशाला के इस सातवें सत्र के अन्त में कृषि विकास अधिकारी डा. सुरेन्द्र दलाल ने उपस्थित महिला किसानों को बताया कि कपास की भरपूर फसल लेने के लिए किसान का जागरूक होना अति आवश्यक है। उन्हें एक तरफ तो अपनी फसल को खरपतवारों से मुक्त रखना चाहिए व दूसरी तरफ हानिकारक कीटों व लाभदायक कीटों की पहचान कर कीटनाशक के स्प्रे करने का सही समय पर सही फैसला लेना चाहिए। किसानों को जानकारी होनी चाहिए कि बहुत सारे खरपतवार हानिकारक कीटों के लिये वैकल्पिक आश्रयदाता का काम करते हैं और इन खरपतवारों पर पल रहे शाकाहारी कीटों की आबादी पर मांसाहारी कीटों का फलना-फुलना निर्भऱ करता है। अगर फसल में दोनों तरह के कीट साथ-साथ आते हैं तो हमारी फसल में कीटों का नुक्शान नही होगा। अतः सड़कों, कच्चे रास्तों, नालों, खालों, मेंढों आदि पर उग रहे कांग्रेस घास, आवारा सूरजमुखी, उल्ट कांड, धतूरा, कचरी, भम्भोले आदि खरपतवारों को आँख मिच कर नष्ट नही करना चाहिए। बल्कि इन पौधों पर दोनों तरह के कीटों की वास्तविक स्थिति का जायजा लेकर ही इस बारे में कोई ठोस फैसला लेना चाहिये। डा. सुरेन्द्र दलाल ने महिलाओं को बताया कि कपास की फसल सम्मेत तमाम खरपतवारों पर इस समय मिलीबग के साथ-साथ इसको खत्म करने वाले अंगीरा, फंगीरा व जंगीरा नामक परजीवी भी बहुतायत में मौजूद हैं। इनमें से अंगीरा नामक परजीवी तो अकेले ही 80-90 प्रतिशत तक मिलीबग को नष्ट कर देता है।
डा. सुरेन्द्र दलाल ने महिलाओं को याद दिलाया कि फसल में मित्रकीट भी दुश्मन कीटों को अपनाभोजन बनाकर कीटनाशकों वालाही काम करते हैं। इस लिए फसलपर कीटनाशक का छिड़काव करने का फैसला लेने से पहले फसल का निरीक्षण करना, हानिकारक कीटों व मित्र कीटों की संख्या नोट करना व सही विशलेषण करना अति जरूरी है।

26.7.10

भूमिगत जलस्तर को लेकर गंभीर हैं हरियाणा के व्यापारी


सुधार की उमीद से राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन
सफीदों, (हरियाणा) : हरियाणा प्रदेश के व्यापारी ग्लोबल वार्मिंग भूमिगत जल के अत्याधिक दोहन के दृष्टिगत भविष्य मे प्रदेश मे भूमिगत जल के संकट के प्रति गंभीर हैं। इस दिशा में करनाल जिला के कुंजपुरा कस्बे मे आई राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल को हरियाणा के व्यापारियों के आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें हरियाणा की इस समस्या का समाधान कराने का अनुरोध किया गया है। प्रतिनिधिमंडल ने इस मौके पर राष्ट्रपति को सौंपे ज्ञापन में कृषि उत्पादों के सही रखरखाव के लिए पर्याप्त गोदाम बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है और कृषि उत्पादों को करमुक्त करने, छोटे व्यापारियों को सामाजिक सुरक्षा बिल की परिधि मे शामिल करने, दुर्घटना हादसे की स्थिति मे व्यापारी को पांच लाख रूपए की बीमा सुविधा उपलध कराने, लघु मध्यम उनोगों को दस करोड़ तक की एसाईज ड्यूटी मे छूट देने नए गूड् एवं सर्विस टैस को देश भर मे आन लाईन कराने की मांग भी की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व झारखंड के पूर्व राज्यमंत्री गन्नौर के विजेंद्र गोयल ने किया और इसमे अखिल भारतीय अग्रवाल समेलन के महासचिव बालकिशन अग्रवाल, भारतीय उनोग व्यापार मंडल के संगठन सचिव गोपालशरण गर्ग, पूर्व मुख्यमंत्री के बनारसी दास गुप्ता के बेटे बनारसी दास गुप्ता फाऊंडेशन के अध्यक्ष अजय गुप्ता, हरियाणा प्लाईवुड मन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रधान अशोक गोयल, व्यापार मंडल सफीदों के अध्यक्ष राजकुमार मिाल, आल इंडिया राईस मिलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रवीण गुप्ता हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के महासचिव सुभाष् तायल शामिल थे।

25.7.10

Why Hindus don’t have voice? Written by: Kamlesh Chauhan: Copyrights@ 2010

It’s sad when Hindus were targeted by non Hindus in Kashmir India, World stayed silent.


Before 1984, Kashmir a beautiful Valley were the most prosperous part of India. Kashmiris in India were very secular mind people as Satish Ganjoo has written in his book “The Truth is that secular minded people of Kashmir of their own free will shared the same faith in the principle of Kashmir of their own free will in the principles of secularism and democracy that India had to offer an against the fundamentalist two-nation (Hindu and Muslim) Principle on which Pakistan was founded.”

I went through lot of sleepless nights to question myself who I am? What is my purpose in my life? Why it become an issue when I call myself Hindu upon asking what religion I follow? Do I really dislike non- Hindus?
As a History student I have learned, Hindus been targeted everywhere in the world not only today but even a centuries ago. Why? Are they Coward or they are just too reliant on their God? Hindus been criticized for saluting Sun, Moon, Stars, Earth which are responsible to give life, light to Earth life. The Animism the oldest religion in that faith people has worshipped spirits. Spirits become God. Hinduism, Zoroastrianism and Shinto are very ancient religions of course Judaism, Buddhism, Confucianism and Daoism.

Hindus all over the world being called names by calling them slave mentality. In many parts of the world Hindu God and Goddess being portrayed as nude or painted either on thongs, cigarettes, skate board or hamburgers. I do have to admire my Indian Hindus they protested peacefully.

Non- Hindus are Part of India since Indians thrive on Secularism. Many Indian Muslims have made Progress and made a name for themselves not as Muslim but as Indians. So I have also learned to respect all religions. My confusion come when Danish Paper created a Cartoon, Our Muslims brethren all over the world retaliated with violence world wide. I do think Free Speech should be balanced without hurting any religion sentiments. Why this rule does not apply to Hindus?

If we look at Indian History books and the knowledge of our modern youth who firm believe in secular political system are also ignorant about the massacre of Hindus a centuries ago. The massacre and Slaughter of Hindus has been going on since the raids of Ghazani and Gori Till today. Our Indian whether it’s BJP or Congress they want our youth to be ignorant so we can have peaceful society. Demolished of Babari Mosque labeled Hindus as intolerant But when Thousands of temples was destroyed in India why world was not notified? Mahmud Ghazani a son of Slave Turk attacked Somnath Mandir many times, destroyed many Hindus idols with his own hand killed Hindus with extreme brutalities “The Army Spilt so much blood that the water of that river was so full and that stream so abundantly stained with gore, that it could not be used for purification and was forbidden to drinkers” (History)


Before Islam, most Rajput Kings fought battles without involving their families and common people. War of Sparta should remind when Greek was bullied by Iran, women and common people were left behind. Does that mean Hindus are coward?

When Hindus were massacred in Pakistan, even in Kashmir part of India. Hindus didn’t retaliate and demanded from their own government to Protect Hindu is Kashmir? Why? Have we lost our voice?

Well, religion should not be mixed with Politics and Politicians’ are not wise men. Then who will be defenders of Hindus? Who can save Hinduism? Why Hinduism should not be saved? Why People are ashamed to be called themselves Hindus? If Christians can take special pride to be Christians. Muslims can Proud to be Muslims then Why Hindus can’t be proud to be Hindus?

In the end I will say religion is for personal guidance. Religion should not be the cause of distribution of lands. I repeat once again Hinduism, Zoroastrian and Shinto are very ancient religions as well as Judaism, Buddhism, Confucianism and Daoism. We all can live peacefully together under one roof under one umbrella without playing Superiority match for sake of our own selfish reasons. General Public wants peace.

Note: Please let’s not have fight over religion on this Topic. I request people not to create fight or make personal attack on each other. Let’s have debates, discussion but maintained the respect for each other. Let’s discuss the history peacefully to educate the world. OM Shanti Shanti.

मानव अधिकार सुरक्षा संघ ने चलाया पौधारोपण अभियान


सफीदों, (हरियाणा) : सामाजिक संस्था मानव अधिकार सुरक्षा संघ (मास) द्वारा सफीदों की शिव गऊशाला में पौधारोपण अभियान की शुरूआत की गई। इस अभियान की शुरूआत संस्था के संस्थापक अध्यक्ष अकबर खान ने की। इस पौधारोपण के दौरान आंवला, जामुन, बकैन, बहेड़ा व नीम के सैकड़ों औष्धीय पौधे लगाए गए। संस्था के अध्यक्ष अकबर खान ने अपने संबोधन में कहा कि मानव का पेड़ों से अटूट संबंध है। पेड़ों के बिना जीवन की कल्पना व्यर्थ है। वृक्ष है तो हम हैं। पूरा विश्र्व ग्लोबल वार्मिंग व प्रदूष्ण की समस्या से जूझ रहा है। अधिक से अधिक पेड़ लगाकर ही हम समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। यदि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई इसी तरह से होती रही तो आने वाली पीढ़ियों को इसके गंभीर दुष्परिणाम भुगतने होंगे। पेड़ों की कमी से वातावरण में आसीजन की कमी होती जा रही है। परिणामस्वरूप मनुष्य को सांस लेना भी दूभर हो गया है। पेड़पौधे ही जीवन का आधार हैं। उन्होंने कहा कि महज पौधा लगाने भर से ही हमारी जिमेदारी समाप्त नहीं हो जाती, बल्कि जिस तरह से हम अपने बच्चों को पालपोस कर बड़ा करते हैं, उसी तरह से हमें पौधों को भी अच्छी तरह से पालनापोसना होगा। पौधारोपण के लिए एक जनजागृति अभियान की आवश्यकता है। स्वच्छ वातावरण के लिए पेड़पौधे लगाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर व्यति को अपने जीवन में एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। इस मौके पर बोलते हुए पौधारोपण कार्यक्रम के परियोजना निदेशक विनोद वर्मा ने बताया कि संस्था ने व्यापक पौधारोपण अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस अभियान की कड़ी में क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों व सार्वजनिक स्थानों पर जोरदार ढंग से पौधारोपण किया जाएगा। इस मौके पर गऊशाला के प्रधान शिव कुमार गोयल व संस्था के सहसचिव सुरेश कुमार ने भी अपने विचार रखे।

22.7.10

वाघा बॉर्डर पर जूतों की ठायं-ठायं बंद

वाघा सीमा पर भारत और पाकिस्तान के सैनिकों द्वारा जोर-जोर से पैर पटककर की जाने वाली परेड को आसान बनाया जा रहा है। परेड में हिस्सा लेने वाले सैनिकों के घुटनों में हुई तकलीफ के कारण यह कदम उठाया गया है।
इस परेड को देखने के लिए सीमा के दोनों तरफ दूर-दूर से लोग आते हैं। बरसों से चली आ रही दुश्मनी के बावजूद परेड के समय सीमा के दोनों तरफ अच्छा माहौल होता है। भारतीय अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक अब दोनों पक्षों ने इस परेड को आसान बनाने के लिए एक समझौता किया है।
भारतीय सीमा सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी हिम्मत सिंह कहते हैं, "हमने रोजाना होने वाली इस परेड की आक्रामता को कम करने का प्रस्ताव रखा था और इसके बाद एक तरफा तौर पर इसे लागू करने का फैसला भी ले लिया। अब पाकिस्तानी रेंजर्स भी इस प्रस्ताव पर सहमत हो गए हैं और उन्होंने भी अपनी परेड की आक्रामकता को कम किया है।"
सिंह बताते हैं कि जोर-जोर से पैर पटक कर चलना इस परेड का अहम हिस्सा होता था, लेकिन इसकी वजह से यह परेड करने वाले सैनिकों के घुटनों को बहुत नुकसान होता था। इसी वजह से दोनों पक्ष परेड को आसान बनाने पर सहमत हुए हैं।

21.7.10

जन्मकुंडली में नौकरी का योग

जन्मकुंडली में नौकरी का योग :जातक की कुंडली में निम्नानुसार योग होने की स्थिति में वह नौकरी करेगा-

यदि षष्ठम भाव, सप्तम भाव से ज्यादा बली हो।

लग्न, सप्तम भाव, चंद्र लग्न एवं धन के कारक गुरु का शुभ ग्रह बुध एवं शुक्र से संबंध।

लग्न, लग्नेश, नवम भाव, नवमेश, दशम भाव एवं दशमेश, एकादश भाव या एकादशेश किसी भी जल तत्व ग्रह से प्रभावित न हो।

केंद्र या त्रिकोण में कोई भी शुभ ग्रह न हो।

यदि जातक की आयु २० से ४० वर्ष के दौरान निर्बल योगकारक ग्रह तृतीयेश, षष्ठेश या एकादशेश की दशा से प्रभावित हो।

जन्मकुंडली में व्यवसाय का योग :

जातक की कुंडली में निम्नानुसार योग होने की स्थिति में वह व्यवसायी होगा-

यदि सप्तम भाव षष्ठ भाव से ज्यादा बली हो।

नवम और दशम तथा द्वितीय और एकादश भावों के बीच आपसी संबंध हो।

यदि जातक का जन्म दिन में हो तो चंद्र लग्न या दशम भाव पर योगकारी ग्रह या उच्च या स्वराशिस्थ शनि की दृष्टि हो या उससे संबंध हो।

जन्मकुंडली में अधिकांश ग्रह अग्नि या वायु तत्व राशियों में विद्यमान हों तो जातक के व्यवसायी होने की संभावना अत्यधिक बली हो जाती है।

जन्म कुंडली में व्यवसाय के स्तर का योग :

वर्तमान समय में व्यवसाय या व्यापार का वैश्वीकरण हो जाने के कारण देश के स्थान पर दिशा पर ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए। नवांशेश यदि बली हो तो रोजगार का स्तर काफी अच्छा होता है और जातक को रोजगार में मान सम्मान प्राप्त होता है और यदि नवांशेश निर्बल हो तो रोजगार से मामूली आय होती है। अतः राशि बली होने से आमदनी का स्तर एवं रोजगार का स्तर सही ढंग से जाना जा सकता है।

20.7.10

अब तो बाजी जीत कर ही दम लेंगी निडाना की महिलायेँ


जींद। 20जुलाई,2010

आज सुबह से ही निडाना के आसमान में चारों ओर बादलों की चौधर है। लोपा मक्खियाँ (ड्रैगन फलाईज्) जमीन के साथ-साथ उड़ रही हैँ। निडाना के किसान इसका सीधा सा मतलब निकालते हैं कि भारी बरसात होने वाली है। मौसम की इस तुनक मिजाजी के मध्य ही आज निडाना की महिला खेत पाठशाला का छट्टा सत्र शुरु होने जा रहा है। इस महिला खेत पाठशाला के मैदानी सच को जानने इसकी बारिकियों को समझने के लिये, हिन्दुस्तान टाइम्स की संवाददाता, सूश्री निशा अवतार भी खेत में मौके पर पँहुची। सत्र की शुरुवात में डा. कमल सैनी की देखरेख में, महिलाओं द्वारा पिछले काम की समीक्षा की गई। इसके बाद महिलाओं ने पाँच-पाँच के समूह में दस-दस पौधों पर कीट अवलोकन, निरिक्षण गणना का कार्य किया। बूंदा-बांदी के चलते सुअर फार्म पर ही आज कपास की फसल में कीटों की स्थिति का आकलन विशलेषण किया। इसके आधार पर ही महिलाओं ने घोषणा की कि आज के दिन इस फसल में कोई भी कीट हानि पँहूचाने की स्थिति में नही हैं। कराईसोपा, दिखोड़ी, लोपा मक्खी, डायन मक्खी, लेडि बीटल्ज, विभिन्न बुगड़े आदि लाभदायक कीटों की उपस्थिति की भी रिपोर्ट महिलाओं ने की। यह कार्यवाही रणबीर मलिक मनबीर रेढ़ू की अगुवाई में हुई। निशा अवतार ने मुक्त-कँठ से महिलाओं की इस पाठशाला की भुरी-भुरी प्रशंसा की, खासकर उनकी लगन, निष्ठा चाव की।

महिला खेत पाठशाला के इस छट्टे सत्र के अन्त में कृषि विकास अधिकारी डा. सुरेन्द्र दलाल ने उपस्थित महिला किसानों को बताया कि कपास की भरपूर फसल लेने के लिए किसान का जागरूक होना अति आवश्यक है। उन्हें एक तरफ तो अपनी फसल को खरपतवारों से मुक्त रखना चाहिए दूसरी तरफ हानिकारक कीटों लाभदायक कीटों की पहचान कर कीटनाशक के स्प्रे करने का सही समय पर सही फैसला लेना चाहिए किसानों को जानकारी होनी चाहिए कि बहुत सारे खरपतवार हानिकारक कीटों के लिये वैकल्पिक आश्रयदाता का काम करते हैं और इन खरपतवारों पर पल रहे शाकाहारी कीटों की आबादी पर मांसाहारी कीटों का फलना-फुलना निर्भऱ करता है। अगर फसल में दोनों तरह के कीट साथ-साथ आते हैं तो हमारी फसल में कीटों का नुक्शान नही होगा। अतः सड़कों, कच्चे रास्तों, नालों, खालों, मेंढों आदि पर उग रहे कांग्रेस घास, आवारा सूरजमुखी, उल्ट कांड, धतूरा, कचरी, भम्भोले आदि खरपतवारों को आँख मिच कर नष्ट नही करना चाहिए। बल्कि इन पौधों पर दोनों तरह के कीटों की वास्तविक स्थिति का जायजा लेकर ही इस बारे में कोई ठोस फैसला लेना चाहिये। डा. सुरेन्द्र दलाल ने महिलाओं को बताया कि कपास की फसल सम्मेत तमाम खरपतवारों पर इस समय मिलीबग के साथ-साथ इसको खत्म करने वाले अंगीरा, फंगीरा जंगीरा नामक परजीवी भी बहुतायत में मौजूद हैं। इनमें से अंगीरा नामक परजीवी तो अकेले ही 80-90 प्रतिशत तक मिलीबग को नष्ट कर देता है।

डा. सुरेन्द्र दलाल ने महिलाओं को याद दिलाया कि फसल में मित्र कीट भी दुश्मन कीटों को अपना भोजन बनाकर कीटनाशकों वाला ही काम करते हैं। इस लिए फसल पर कीटनाशक का छिड़काव करने का फैसला लेने से पहले फसल का निरीक्षण करना, हानिकारक कीटों व मित्र कीटों की संख्या नोट करना व सही विशलेषण करना अति जरूरी है।