आप अपने क्षेत्र की हलचल को चित्रों और विजुअल समेत नेटप्रेस पर छपवा सकते हैं I सम्पर्क कीजिये सेल नम्बर 0 94165 57786 पर I ई-मेल akbar.khan.rana@gmail.com दि नेटप्रेस डॉट कॉम आपका अपना मंच है, इसे और बेहतर बनाने के लिए Cell.No.09416557786 तथा E-Mail: akbar.khan.rana@gmail.com पर आपके सुझाव, आलेख और काव्य आदि सादर आमंत्रित हैं I

15.12.10

प्रेम करना सीख लो, जीवन संवर जाएगाः संत राजदास जी

श्रीमद्‌भागवत कथा का तीसरा दिन
फतेहाबादः अनाजमंडी के पीछे शैड तले आयोजित श्रीमद्‌भागवत कथा के तीसरव् दिन श्रद्धालु संत राजदास जी के भजनों पर जमकर झूमे। तीसरे दिन अनमोल वचनों की अमृतवर्ष करते हुए संत राजदास जी महाराज ने कहा कि भक्ति जिसके जीवन में आ जाए उसके जीवन में प्रेम भर जाता है और जिसने प्रेम करना अपना लिया वहां कभी कलह नहीं हो सकता। ज्ञान
के बिना मनुष्य पशु कें समान हैं। स्वामी जी ने कहा कि काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार का तयाग कर दो, जीवन में परिवर्तन लाओ, दीन दुखियों की सेवा अपनाओ, सेवा से पार पाओगे। स्वामी राजदास जी ने कहा कि जब भक्त चालाक बन जाते हैं तो परमात्मा कभी नहीं आते। ध्रुव के पास आ गये। प्रह्‌लाद के पास आ गये। भीलनी के पास आ गये। यों कि उनमें दीन भाव था। उन्होंने अपने आप को कुछ नहीं समझा। उन्होंने परमात्मा के सिवा कुछ जाना ही नहीं । बच्चे में जब तक चालाकी नहीं है तब तक तो वह परमात्मा यानि माँ को पुकारता है। जब चालाकी आ जाती है तब वह छलांग लगा देता है। मुझे ये चीज चाहिये। मुझे वह चीज चाहिये। फिर जो रोता है न वो माँ नहीं देखती। इसी प्रकार भक्त और भगवान का है। कभी भी परमात्मा के लिये नहीं रोते। यदि सच्चे दिल से परमात्मा को याद किया जाए तो परमात्मा भी अपने भक्त के पास चले आते हैं। इस अवसर पर स्वामी राजदास जी द्वारा गाए गए 'गाड़ी वाले मन्नैं बिठाले, इक वारी ले थाम मैं हार गया', सतगुरु मैं तेरी पतंग हवा विच उड़दी जावांगी, मेरव् दुख के दिनों में मेरा शाम बड़ा काम आता है' आदि भजनों पर श्रद्धालु जमकर झुमें।
कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी शाम सरदाना ने कहा कि समारोह में श्रद्धालु भारी संख्या में उमड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कथा का समापन रविवार 19 दिसबर को होगा।

2 टिप्पणियाँ:

http://santrajdasji.blogspot.com/

अच्छी जानकारी...

एक टिप्पणी भेजें