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19.4.10

ब्रेक दा रुल

ब्रेक दा रुल का मतलब है की अगर कोई एक्शन लम्बे समय तक रिज़ल्ट दिखाए तो इसको विराम दिया जाये और हो सके तो उसका उल्टा किया जाये। कुछ समय पहले एक साधू हमारे घर आता था। वह नंगा रहता था और जुटे भी नहीं डालता था। उसे हम नंगा साधू कहते थे। उसकी खास बात ये थी की वो कुछ भी नहीं मांगता था,बस आकर दरवाजे पर बैठ जाता था। लोग उसे अपने आप घी डाल देते थे। वह बस माखन ही लेता था। उसका समाज में बहुत सम्मान था। इस्सी तरह कई साल चलता रहा। लेकिन अचानक एक दिन उस साधू ने आपना रुल तोड़ दिया। इस बार वह साधू शराब पि कर गया। और हमसे भी शराब मांगने लगा। वह आब रोज शराब पिने लगा और आब वह घी की जगह शराब मांगने लगा। जब भी वह आता वह शराब के लिए गिलास आगे कर देता।
शायद उसने कुछ समय तक आपने द्वारा बनाये गए रुल का अन्नुसरन किया और जब रिज़ल्ट नहीं आया तो उसने इसे तोड़ दिया। शायद जो वो दिख रहा था वास्तव में वो वेसा नहीं था। रुल तोड़ कर वह अपने सही सवरूप में गया.

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