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1.4.10

राष्ट्रमंडल खेलों में गोमांस परोसने के फैसले का चौतरफा विरोध शुरू

सफीदों (हरियाणा) : देश की राजधानी दिल्ली में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में आयोजक समिति द्वारा विदेशी खिलाड़ियों को गोमांस परोसने के फैसले का प्रदेश में चौतरफा विरोध होना शुरू हो गया है। आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के उपमंत्री ओमकुमार आर्य ने जींद में प्रेस वार्ता करके सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। इसी कड़ी में आर्य समाज सफीदों ने भी सरकार के इस फैसले के प्रति अपना रोष् जताया है। आर्य समाज सफीदों के संरक्षक एवं वयोवृद्ध आर्य समाजी नेता लाला फुलचंद आर्य ने पुरानी अनाज मंडी में पत्रकार समेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों में विदेशी खिलाड़ियों को गोमांस परोसने का सरकार का निर्णय अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस निर्णय की जितनी निंदा की जाए कम है। सरकार का यह निर्णय देश के हिंदू समाज की भावनाओं के साथ सरासर खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार अपने इस निर्णय को वापिस नहीं लिया तो देश में हिंदूओं की भावनाएं भड़क सकती हैं। सरकार इस मामले में दो भाष बोल रही है। एक तरफ तो दिल्ली सरकार ने कृषि पशु संरक्षण अधिनियम के तहत दिल्ली में गाय की हत्या करने, गोमांस का किसी भी रूप में उपयोग करने तथा दिल्ली में बाहर से गोमांस लाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा है तथा नियमों को ना मानने वालों के खिलाफ इसे दंडनीय अपराध मानते हुए एक वर्ष् के कारावास का प्रावधान भी रखा गया है लेकिन दूसरी ओर दिल्ली के मुख्य सचिव राकेश मेहता तथा राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के महासचिव ललित भनोट विदेशी खिलाड़ियों को गोमांस परोसने का यान दे रहे हैं। उन्होंने सरकार से सवाल किया है कि सरकार को विदेशी खिलाड़ियों को खिलाने के लिए गोमांस के अलावा अन्य कोई खाध्य पदार्थ नहीं मिला? उन्होंने कहा कि सरकार का अपने देश की राजधानी में राष्ट्रमंडल खेल कराए जाने का निर्णय स्वागत योग्य है लेकिन खिलाड़ियों को गोमांस परोसे जाने की बात कहना बिल्कुल गलत है।सरकार को चाहिए कि वे राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय संस्कृति का प्रचार करते हुए विदेशियों को गाय के गुणों से अवगत करवाए ताकि वे भी गाय को अपनाकर लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि गोरक्षा को लेकर आर्य समाज बेहद सजग है। अगर सरकार ने समय रहते अपना निर्णय वापिस नहीं लिया तो आर्य समाज सड़कों पर आ जाएगा। इस दौरान कोई अनहोनी घटना घट जाती है तो उसकी सारी जिमेवारी सरकार की होगी। उन्होंने बताया कि इसके विरोध में आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के तत्वावधान में आगामी दो अप्रैल को डीसी जींद को ज्ञापन दिया जाएगा।

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