आप अपने क्षेत्र की हलचल को चित्रों और विजुअल समेत नेटप्रेस पर छपवा सकते हैं I सम्पर्क कीजिये सेल नम्बर 0 94165 57786 पर I ई-मेल akbar.khan.rana@gmail.com दि नेटप्रेस डॉट कॉम आपका अपना मंच है, इसे और बेहतर बनाने के लिए Cell.No.09416557786 तथा E-Mail: akbar.khan.rana@gmail.com पर आपके सुझाव, आलेख और काव्य आदि सादर आमंत्रित हैं I

12.1.10

इस सप्‍ताह में ही भूकम्‍प के कई झटकों के आने की उम्‍मीद है !!

'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिषीय अनुसंधान केन्‍द्र' के द्वारा ग्रहों की गत्‍यात्‍मक और स्‍थैतिक शक्ति की खोज के बाद यह स्‍पष्‍ट हो गया है कि इस विशाल ब्रह्मांड में हर घटना एक दूसरे पर आधारित है और विभिन्‍न प्रकार की किरणों या गुरूत्‍वाकर्षण शक्ति के प्रभाव से इनमें से कोई भी अछूता नहीं। जिस तरह हर पशु और पक्षियों में अपने जीन के हिसाब से उसके क्रियाकलाप देखने को मिलते हैं , उसी प्रकार हर व्‍यक्ति अपने जन्‍मकालीन ग्रहों के हिसाब से अपनी शक्ति प्राप्‍त करता है और अपने अपने कर्तब्‍यों का पालन करता है। हां, युग , समाज और काल के हिसाब से व्‍यक्ति विशेष में थोडा बहुत परिवर्तन देखने को मिलता है , उसे हम पृथ्‍वी के अलग अलग भाग का प्रभाव या इसमें होनेवाले परिवर्तन का प्रभाव मान सकते हैं।

व्‍यक्ति विशेष पर ग्रहों के प्रभाव का विशद अध्‍ययन के बाद हमने पृथ्‍वी की जलवायु पर ग्रहों के प्रभाव को समझना चाहा , तो इन दोनो में दिखाई देनेवाला सहसंबंध हमें इसके अध्‍ययन के शौक को बढाता रहा। इस दिशा में हमारी खोज के आधार पर 2010 के पूरे वर्षभर के मौसम पर लिखा गया एक आलेख आप कुछ ही दिनों में आपको मिल जाएगी। मैं यह नहीं कह सकती कि जलवायु को प्रभावित करने सारे ग्रहीय कारकों की हमें जानकारी हो चुकी है , 40 प्रतिशत की ही जानकारी हमें हो सकती है , 60 प्रतिशत तक की खोज बाकी हो सकती है। पर खास तिथि को खास ग्रहीय स्थिति को देखते हुए जलवायु की कोई भविष्‍यवाणी का सटीक हो जाना इस संबंध को मान्‍यता दिलाने के लिए काफी है, जो कि पिछले वर्ष कई बारहो चुका। जलवायु पर ग्रहों के प्रभाव को देखने के बादए भूकम्‍प जैसी घटनाओं पर भी ग्रहों के प्रभाव को जानने की उत्‍सुकता होनी स्‍वाभाविक है। इधर एक दो वर्षों से इस दिशा में अध्‍ययन किया गया तो कुछ सफलता मिलने लगी । आलेख को पूरा पढने के लिए यहां क्लिक करें !!

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें