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16.10.09

चूहामार दवा बेचने वाला बना अरबपति

लखनऊ (प्रैसवार्ता) उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री राम अचल राजभर किसी समय चूहामार दवा बेचकर परिवार चलाते थे-जबकि वर्तमान में करोड़ों की अचल-सम्पति के मालिक हैं, जो भ्रष्टाचार और अवैध ढंग से बनाई गई है। इतना ही नहीं, इस मंत्री ने अपने परिजनों के नाम से भी काफी नामी-बेनामी सम्पति गैर कानूनी ढंग से एकत्रित की है। यह कहना है, बार एसोसिएशन अम्बेडकर नगर का। एसोसियेशन के सचिव ने राज्यभर के संपतियों की जांच सी.बी.आई से करवाये जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है-जिसमें कहा गया है कि राम अचल एक भ्रष्ट नेता है और उन्होंने आय से ज्यादा संपति अपने पद का दुरुपयोग कर जमा की है। एसोसियेशन के सदस्यों का मानना है कि अनेक नेता व जन सेवकों के भ्रष्टाचार से अम्बेडकर नगर जिला का विकास अवरूद्ध हुआ है। अम्बेडकर नगर के इतिहास में अनेक लोकप्रिय शख्सियत हुई हैं, किन्तु मंत्री राम अचल ने तो भ्रष्टाचार की हद कर दी। बार ऐसोसियेशन की सामान्य सभा की बैठक में भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ जंग छेडऩे का ऐलान किया गया और इसी के अंतर्गत पहला निशाना राम अचल है। याचिका में कहा गया है कि एक भूमिहीन मजदूर के परिवार के राम अचल राजभर, जो खुद साईकल पर चूहेमार दवा बेचा करते थे, राजनीति में आये और वर्ष 1993 में विधायक बने, तो उन्होंने करोड़ों रुपयों की संपत्तियां अपने, परिवारजन तथा निकटतम रिश्तेदारों के नाम अर्जित कर ली। याचिका में राम अचल द्वारा थोड़े ही समय में अर्जित की गई अकूत संपतियों का ब्यौरा भी दिया गया है। ब्यौरे के मुताबिक मंत्री और परिवारजनों ने अपने आय के स्त्रोत से अधिक आय जैसे गाटा संख्या-184 क्षेत्रफल 4.007 हैक्टेयर, जो गांव बाराखान हासिमपुर, अम्बेडकरनगर में वर्ष 2005-5 में जमीन खरीदी। एक दो मंजिला मकान अम्बेडकर नगर के पॉश इलाके में राजभर के पुत्र संजय कुमार राजभर के नाम 26 नवंबर 2007 को खरीदा। एक आटा मिल एवं अजंता राईस मिल, जो अकबरपुर बरसारी रोड पर स्थित है, उसे राजभर और उसके पुत्र संजय कुमार ने मुकेश अग्रवाल से खरीद की। करोड़ों रुपयों के मूल्य की संपति ग्राम अटवारा अम्बेडकर नगर एवं ईंट का भट्टा पुत्र संजय कुमार के नाम खरीदा गया। संजय कुमार राजभर ने 10-12 दुकानें शहजादपुर-मालीपुर बाईपास पर सिंह मार्किट के सामने गयासुद्दीन से खरीदी। संजय कुमार ने करोड़ों रुपयों की संपति सरदार संतोष सिंह के पुत्र से खरीदी। इतना ही नहीं, अपने परिवार के नाम पर राजभर ने कुर्की बाजार से काफी भूमि खरीदी है। एक 4600 वर्गफुट का भूखंड राम अचल ने बुध विहार कालौनी चिनहट में खरीदा। एक तालाब गाटा संख्या 1444 क्षेत्रफल .961 हैक्टेयर गांव रिझौली अम्बेडकर नगर को पाटकर राजभर के प्रबंधक दया राम राजभर ने वहां बिल्डिंग का निर्माण करवा दिया। इन संपतियों के अतिरिक्त मंत्री, परिवारजन व रिश्तेदारों द्वारा अनेक बसें राजभर के विधायक व मंत्रीकाल में अर्जित की गई। जिक्रयोग है कि राम अचल राजभर के पूर्व में, जब वह बेसिक मंत्री थे, आवास पर सी.बी.आई ने छापा मारकर अवैध तरीके से अर्जित किये धन को जब्त किया था।

4 टिप्पणियाँ:

अरे... फैन्स ने गिफ्ट की होगी बड्डे पे

आज भारत के लोकतंत्र में भ्रष्टाचार तथा वंशवाद सबसे भयानक वाइरस उभर कर आयें है. केंद्रीय मंडल द्वारा कितने ही सादगी तथा कम खर्च के नारे दे दिए जाएँ, यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार को कोई नहीं मिटाना चाहता.

धनवान चूहों को मारने के
बाद उनकी
संम्पति को स्विस बैंकों के हवाले भी
तो नहीं किया जा सकता हैप्पी दीवाली
HAPPY DIWALI

yah too kuwari mayawati ji ke sasan kal me aamtur par hota hai, kaya yah bat manniya bahn ji ko pata nahi hai kay ab unke upar karyahi kiu nahi kari hai bahn je, mai bhi. Ambedkar nagar ka hi niwasi hoo, aur maine dhekha hai waha ki sadak sicha pani , jaisi mulbhut subdhaoo ka abhao hai jabki hamare dist. me 5M.L.A. aur !1 M.P. pure ke pure manniya bahe ji ke parti ke hi hai lekin aap sabhi manywar kabhi jakr dhekh sakte hai ki aaj ke jamane mai sirf ambedkar ji jaise maha purus ka name vote ke liya kiya ja raha hai thanks from zaheer khan

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