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17.8.09

तूं लेजा ना लेजा मुझे...


मैं तो आऊंगी तेरी गली। चाहे कोई कहे पग़ली।

तू लेजा ना लेजा मुझे(2)

वादिओं में बसेरा मेरा, तुझसे हो सवेरा मेरा।(2)

मैं बनके उडू तितली…

तू लेजा ना लेजा मुझे।

तुझसे हो उजाला मेरा,तू ही है सहारा मेरा।(2)

तुझसे मैं बनी बिजली…

तू लेजा ना लेजा मुझे। मै तो आऊंगी…

ये बहारें तुम्हीं से ही हैं ,ये नज़ारे तुम्ही से ही हैं(2)

चाहे फूल हो चाहे कलि…

तू लेजा ना लेजा मुझे।

झरमर-झर जो सावन मिले,सौंधी-सौंधी ख़ुशबू खिले।(2)

मैं बरसुं बनके बिजली…

तू लेजा ना लेजा मुझे।

2 टिप्पणियाँ:

BAHUT NAAZUK
BAHUT KOMAL
____MAKHMALI SEEEEEEEEE......

WAAH !
KHOOB KARIGARI K SAATH LIKHI GAYI
KAVITA K LIYE
BADHAAI !

BHAADON main bhee SAAWAN kaahsaas
Bahut khoob,bahut umdaa bahut KHAAS
jhalli-kalam-se
jhalli gallaan
angrezi-vichar.blogspot.com

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