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25.5.09

डेक्कन चार्जर्स ने कब्जाया आईपीएल ख़िताब.

एक ज़बरदस्त मुकाबले में बैंगलोर रॉयल चैलेंजर्स को मात्र छह रनों से हरा कर एडम गिलक्रिस्ट की डेक्कनचार्जर्स ने आईपीएल ख़िताब पर कब्ज़ा कर लिया।
कमज़ोर आंकी जाने वाली

टीम डेक्कन चार्जर्स ने जब बैंगलोर के सामने 144 रन का लक्ष्य दिया तो यह मुश्किल काम नहीं दिख रहा था. लेकिन ऐंड्रयू साइमंड्स के हरफ़नमौला खेल के आगे अनिल कुंबले की अगुवाई वाली बैंगलोर टीम कमज़ोर साबितहुई. बैंगलोर पिछले साल नीचे से दूसरे नंबर पर रही थी.

ख़िताब जीतने के लिए 144 रन बनाने उतरी कुंबले की सेना ने धीमीशुरुआती की. सलामी बल्लेबाज़ जैक कालिस ने कुछ सधे हुए हाथदिखाए लेकिन जल्द ही आउट हो गए. इसके बाद लगातार दो मैचों सेहीरो बने मनीष पांडे भी फ़ाइनल में दबाव के आगे झुक गए और सिर्फ़चार रन बना कर चलते बने. 26 रन पर दो विकेट गंवा कर कुंबले कीटीम मुश्किल में पड़ गई.

बाद में वैन डेयर मर्वे और टेलर ने टीम को उबारने की पूरी कोशिश की लेकिन साइमंड्स की लगातार दो गेंदों नेबैंगलोर टीम की कमर तोड़ दी और दर्शकों के बीच बैठे विजय माल्या का दिल भी. साइमंड्स ने 15वें ओवर कोनिर्णायक बना दिया. पहले ख़तरनाक दिख रहे टेलर को विदा किया और अगले ही गेंद पर युवा प्रतिभा विराटकोहली को चलता कर दिया. इसके साथ ही बैंगलोर की रही सही उम्मीद ख़त्म हो गई.

हालांकि रॉबिन उथप्पा ने आख़िरी ओवरों में टीम के लिए एक बार फिर उम्मीद जगाई लेकिन तब तक काफ़ी देरहो चुकी थी. टूर्नामेंट जीतने के इरादे से उतरी कुंबले की टीम को सिर्फ़ उपविजेता टीम के साथ ही संतोष करना पड़ा.

99 रन पर छह विकेट खोने के बाद बैंगलोर की टीम के लिए कुछ नहीं बचा था. लेकिन उथप्पा ने इसमें भी जानफूंकने की कोशिश की. एक वक्त सात गेंदों पर 15 रन बनाने का मुश्किल लक्ष्य सामने था और टीम के दो विकेटबचते थे. बैंगलोर ने पूरी ताक़त झोंक दी थी. लेकिन विनय कुमार ने दबाव के आगे दम तोड़ दिया और आख़िरीओवर में 15 रन बनाने का मुश्किल लक्ष्य छोड़ गए.

टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा विकेट लेकर पर्पल कैप पहनने वाले आरपी सिंह ने आईपीएल का आख़िरी ओवर बड़े सूझबूझ के साथ फेंका और एक चौका जड़ने के बाद भी विजय माल्या की टीम छह रन छोटी रह गई. चार्जर्स के हाथसोने और हीरे जड़ा ख़िताब लग गया.

इससे पहले डेक्कन चार्जर्स ने भी ख़राब शुरुआत की. अनिल कुंबले ने अप्रत्याशित तरीक़े से बैंगलोर के लिएगेंदबाज़ी की शुरुआत की. दिल्ली के विरुद्ध सेमीफ़ाइनल में 35 गेंदों में 85 रन जड़ने वाले हैदराबाद के कप्तान गिलीतीसरी गेंद पर ही आउट हो गए और वही भी बिना कोई रन बनाए. इसके बाद तो जैसे बैंगलोर ने आधा मैच ही जीतलिया हो. हैदराबाद को एक एक रन के लिए तरसाए रखा और सिर्फ़ सलामी बल्लेबाज़ हर्शल गिब्स को छोड़ करकिसी बल्लेबाज़ को नहीं टिकने दिया.

गिब्स ने मैच में सबसे ज़्यादा 53 रन बनाए, जबकि ऐंड्रयू साइमंड्स ने ताबड़तोड़ 33 रन जोड़े. सैकड़ों अंतरराष्ट्रीयमैच खेल चुके इन दोनों क्रिकेटरों की मदद से हैदराबाद ने 143 रन का स्कोर खड़ा किया.

बैंगलोर के लिए जहां उनका 15वां ओवर घातक साबित हुआ, वहीं हैदराबाद की पारी के लिए 15वां ओवर वरदानसाबित हुआ. प्रवीण कुमार की इन छह गेंदों में 19 रन बने और टीम दबाव से बाहर निकलने में कामयाब हुई. किसी आम ट्वेन्टी 20 मैच के लिए 143 का स्कोर भले ही काफ़ी हो लेकिन फ़ाइनल मुक़ाबले के लिए यह एकअच्छा चुनौती भरा स्कोर साबित हुआ.

बैंगलोर के कप्तान अनिल कुंबले ने एक बार फिर अपने फ़न का जौहर दिखाया और मैच में सबसे ज़्यादा उम्र के इसखिलाड़ी ने सबसे अच्छी गेंदबाज़ी की। उन्होंने चार ओवर में सिर्फ़ 16 रन देकर 4 विकेट झटके और इस वजह सेउन्हें मैन ऑफ़ मैच आंका गया. हैदराबाद के कप्तान गिलक्रिस्ट मैन ऑफ़ सीरीज़ रहे.

याद रहे डेक्कन चार्जर्स पिछले साल सबसे निचले पायदान पर थी।

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